tag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post4685951855314891444..comments2023-10-06T02:14:38.038-07:00Comments on कलम बोलती है..: वैलेंटाइन डे के बहाने .................Harshvardhanhttp://www.blogger.com/profile/03416011520058251827noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-80499675104660887822011-02-18T07:46:33.974-08:002011-02-18T07:46:33.974-08:00आज की युवा पीड़ी को न तो प्रेम की गहराई का अहसास ह...आज की युवा पीड़ी को न तो प्रेम की गहराई का अहसास है न ही वह सच्चे प्रेम को परिभाषित कर सकती है... <br /><br />काश यह पूरा सच न हो....बहरहाल, एक अच्छे व्याख्यात्मक लेख के लिए बधाई।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-45269695409347585282011-02-17T23:39:16.153-08:002011-02-17T23:39:16.153-08:00बहुत अच्छी पोस्ट लिखी आपने..बधाई.
_______________...बहुत अच्छी पोस्ट लिखी आपने..बधाई.<br /><br />______________________________<br />'पाखी की दुनिया' : इण्डिया के पहले 'सी-प्लेन' से पाखी की यात्रा !Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-23964524329972478372011-02-17T08:04:18.099-08:002011-02-17T08:04:18.099-08:00जानकारी से भरा अच्छा आलेख.वर्ड वेरिफिकेशन हटा दे अ...जानकारी से भरा अच्छा आलेख.वर्ड वेरिफिकेशन हटा दे असुविधा होती हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-1045505883150790472011-02-17T06:32:55.518-08:002011-02-17T06:32:55.518-08:00हर्ष जी
हर्ष हुआ आपके ब्लॉग पर आ'कर …
&...<b><i> हर्ष जी</i></b> <br /> <br /> हर्ष हुआ आपके ब्लॉग पर आ'कर …<br /><br /><b>"वैलेंटाइन डे के बहाने ………………" </b>आलेख पढ़ कर भी हर्ष हुआ । <br />… लेकिन इतने श्रम से तैयार आलेख पर प्रतिक्रियाएं न देख कर अच्छा नहीं लगा … <br /> बहुत शुभकामनाएं हैं !<br /><b> </b> <br />हां, सही शब्द <b>किंवदंती </b>है , संभव हो तो सुधार करलें …<br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !♥ </a></b> <br /><b> बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-86584061480572059922011-02-16T14:59:48.980-08:002011-02-16T14:59:48.980-08:00बाजारवाद में सन्त का अन्त। भावनायें उभारने से बिक्...बाजारवाद में सन्त का अन्त। भावनायें उभारने से बिक्री अच्छी होती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com