tag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post8933131553386832486..comments2023-10-06T02:14:38.038-07:00Comments on कलम बोलती है..: सुरापान और कुमाऊं की होली ...Harshvardhanhttp://www.blogger.com/profile/03416011520058251827noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-55189972933056327952013-03-25T05:18:26.221-07:002013-03-25T05:18:26.221-07:00रात-रातभर होली के मंगल गीत-गायन और छरड़ी मुझे भी या...रात-रातभर होली के मंगल गीत-गायन और छरड़ी मुझे भी याद है। बहुत सुन्दर आलेख और विचारणीय परंपरा ह्रास चिंता। मेरे लिंक (chandkhem.blogspot.in) पर (गांव, बचपन, होली) नामक आलेख पढ़ने का कष्ट करें। इसमें भी आप पहाड़ों (गढ़वाल) की होली का वर्णन पढ़ पाएंगे। क्या आप कुमाऊं से हैं?Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8407967071695439104.post-6689653858953737552013-03-25T04:12:50.791-07:002013-03-25T04:12:50.791-07:00सुरा ने सुरों की धरती की रंगत बिगाड़ दी है।सुरा ने सुरों की धरती की रंगत बिगाड़ दी है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com