Tuesday 28 December 2010

तो कलम सार्थक रही...

जयंत डागोर की जो कहानी "कलम बोलती है" ने आपको आज से पांच महीने पहले सुनाई थी, उसी को अब मेनस्ट्रीम मीडिया में भी लिया जा रहा है। संभव कोशिश यही है कि इसकी प्रेरणा आपका ये ब्लॉग ही बना। दैनिक जागरण के नई दिल्ली एडिशन में 22 दिसंबर 2010 को प्रकाशित हुई इस कहानी का स्कैन।
"कलम बोलती है" का लिंक, 18 जुलाई 2010 को लगाई गई स्टोरी का।
ऑस्ट्रेलिया में अभी भी जारी है नस्लवाद...
http://boltikalam.blogspot.com/2010/07/blog-post_18.html

Wednesday 22 December 2010

"स्वर्णिम मध्य प्रदेश की कहानी "दागदार हैं माननीय " ......भाग १


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहाँ एक ओर "स्वर्णिम मध्य प्रदेश " बनाने में लगे है वही प्रदेश के भीतर मौजूद माननीयो का दामन भी कम दागदार नही है ......२३० सदस्यों वाली प्रदेश की विधान सभा में तकरीबन ५० विधायक कई संगीन आपराधिक घटनाओ में लिप्त पाए गए है .....यह खुलासा खुद प्रदेश के गृह मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने सदन में महीनो पहले किया ......

मध्य प्रदेश विधान सभा में सब कुछ ठीक ठाक है .... यह कहने से पहले अब विधान सभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी को दस बार सोचना पड़ेगा ....आमतौर पर रोहाणी मध्य प्रदेश की विधान सभा को उत्तर प्रदेश, बिहार , महारास्ट्र जैसे राज्यों की विधान सभा से बेस्ट बताने से पीछे नही हटते थे लेकिन सूबे के गृह मंत्री उमा शंकर की घोषणा ने रोहाणी को यह सोचने लिए मजबूर कर दिया है कि मध्य प्रदेश की विधान सभा में कुछ भी " आल इज वेल " नही है.......

लोकतंत्र के जिस मंदिर में बैठकर राज्य के विधायक सूबे के विकास की दिशा तय करते है उसी पवित्र मंदिर के भीतर हमारे कई ऐसे विधायक प्रवेश पा गए है जो गंभीर घटनाओ को अंजाम देने के आरोपी है ....इनके खिलाफ लूटपाट , धोखाधड़ी से लेकर हत्या तक के मामले प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज है ... इसमें सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी भी शामिल है....

सदन को कुछ समय पहले उपलब्ध करवाई गयी इस जानकारी में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये है .....विधान सभा के उपाध्यक्ष हरवंश कपूर से लेकर कांग्रेस की दिवंगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी का नाम भी शामिल है .......हरवंश सिंह पर जहाँ धोखाधड़ी का मामला दर्ज है वही बिजावर से विधायक आशा रानी सिंह पर अपहरण, बलात्कार में सहयोग जैसे कई मामले दर्ज है.......

डबरा की विधायक इमरती देवी भी धोखाधड़ी के एक केस में फसी हुई है.... बिजावर से आशा रानी सिंह पर कई संगीन धाराए लगी है जो वर्तमान में पुलिस की पहुच से बाहर है .......सीहोर से विधायक रमेश सक्सेना , डिंडोरी से ओमकार सिंह, खुरई से अरुणोदय चौबे , बन्दा से नारायण प्रजापति और गाडरवाडा से साधना स्थापक और महिदपुर से चर्चित विधायक कल्पना परुलेकर के खिलाफ बलवा, आगजनी की एफ आई आर विभिन्न थानों में दर्ज है..... टीकमगढ़ से पृथिवी पुर के विधायक ब्रिजेन्द्र राठौर पर हत्या और उससे जुड़े मामलो पर कई मामले दर्ज है जिनकी संख्या काफी ज्यादा है........

चौकाने वाली बात ये है कि प्रदेश की विधान सभा में तकरीबन ५० सदस्य ऐसे है जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में कई संगीन अपराध पंजीकृत है .... मध्य प्रदेश के १८ से अधिक माननीय तो ऐसे है जिनके खिलाफ गंभीर वारदातों को अंजाम देने का आरोप है...............

धरा १८८ के तहत सत्य नारायण पटेल , यशपाल सिसोदिया , जीतेन्द्र डागा, बाला बच्चन , माखनलाल जाटव, कल्पना परुलेकर पर मामले जहाँ दर्ज है वही १५१ के तहत विश्वास सारंग ,( दिवंगत नेता) बुआ जी , अजय सिंह, हुकुम सिंह, उमंग सिगार , के पी सिंह, सुखदेव पाये , दिलीप सिंह , निशीथ पटेल, प्रिय व्रत सिंह, तुलसी सिलावट, यादवेन्द्र सिंह, बाल सिंह, प्रताप ग्रेवाल , ओमकार सिंह, रेखा यादव , लक्षमण तिवारी पर संगीन धाराए लगी है......

इतना ही नही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के मंत्री भी आपराधिक घटनाओ में लिप्त पाए गए है.....महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रंजना बघेल के खिलाफ ३२३, ५०६ के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है वही सहकारिता मंत्री गौरी शंकर के खिलाफ १८८ के तहत मामला दर्ज है.... रंजना बघेल के खिलाफ तो चालान प्रकरण भी तैयार हो गया है लेकिन इसे न्यायालय में प्रस्तुत नही किया गया है वही सहकारिता मंत्री के खिलाफ एक प्रकरण न्यायलय में विचाराधीन है..... पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा के खिलाफ १८८, १२६ जनप्रति निधि अधिनियम के तहत गंभीर मामले पर सुनवाई अभी चली है.......


सबसे मजे की बात तो ये है कि संगीन आपराधिक घटनाओ के मामले में सत्तारुद भाजपा के साथ ही विपक्षी कांग्रेस भी दूध की धुली नही है...... डबरा से कांग्रेस की विधायक इमरती देवी , धरमपुरी से कांग्रेस विधायक प्राची लाल , साधना स्थापक, नारायण प्रजापति , प्रदीप जायसवाल, पर कई संगीन धाराए लगी है ....


वही "स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाने वाले प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की पार्टी के विधायको ने अपराध करने में सारे रेकॉर्डो को पीछे छोड़ दिया है......आशा रानी सिंह का आज तक पता नही चल पाया है.....

बहरहाल, जो भी हो देश में आपराधिक घटनाओ को करने में विधायको से लेकर सांसदों और भू माफियाओ की भूमिका किसी से छिपी नही है......यह घुन अब मध्य प्रदेश की विधान सभा में भी लग चूका है.....चूँकि विधान सभा के अन्दर तक पहुचने की चाबी जनता जनार्दन के हाथ रहती है .... अतः ऐसे में उसे ही विचार करना होगा कि कैसे इन माननीयो को सदन भेजने से रोका जाए....?

Thursday 16 December 2010

"दिग्गी" राजा का सियासी वार .......भाग 2


दिग्विजय सिंह कोई नौसिखिये राजनेता नही है। वह १० साल मध्य प्रदेश में कांग्रेस के मुख्य मंत्री की कुर्सी सँभालने के साथ ही संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल चुके है .....ऐसे जिम्मेदार व्यक्ति से यह उम्मीद नही की जा सकती कि वह अपनी पार्टी की और खुद की राजनीती चमकाने के लिए देश के शहीदों की शहादत पर सवाल उठा लेगा दिग्विजय सिंह द्वारा दिए गए बयान को पार्टी के कई लोग नही पचा पा रहे है ...
संभवतया पांच राज्यों में होने जा रहे विधान सभा चुनाव और बिहार में कांग्रेस की पतली हालत के मद्देनजर मुसलमानों की सहानुभूति पाने के लिए उन्होंने यह बयान दिया.... इस बयान के जरिये दिग्गी राजा ने एक तीर से २ निशाने साधने की कोशिश की है...
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पहला तो हाई कमान के दरबार में अपने नम्बर बदाना और दूसरा मुस्लिम वोटरों के प्रति अपनी पार्टी की सहानुभूति को सभी के सामने उजागर करना..... इसमें उनको कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इस बयान से कांग्रेस ने अपने को अलग कर दिया है......उसके प्रवक्ता का कहना है कि यह दिग्गी राजा के निजी विचार हो सकते है.......... पार्टी का इससे कुछ भी लेना देना नही है .......

वैसे बताते चले इस बयान ने भाजपा को कांग्रेस को घेरने का एक मौका और दे दिया है..... केंद्र की संप्रग २ सरकार लगातार घोटालो में घिरती जा रही है....ऐसे में जनता का ध्यान भटकाने के लिए दिग्गी राजा ने हिन्दुओ को निशाने पर लेना शुरू किया है......
पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार के राज में जिस तरह से घोटालो की परते खुलती जा रही है इससे कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही है... इसी को ध्यान रखते हुए दिग्गी राजा ने एक बार फिर से हिन्दुओ के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है ........

शहीदों के नाम पर दिग्गी जैसे राजनेता आज भी राजनीती करने से बाज नही आ रहे है ......यह इस देश का दुर्भाग्य है कि हमारे राजनेता आज न जाने किस युग में जी रहे है .... उन्हें यह बात मालूम नही कि आज का वोटर समझदार हो गया है... वह जात , धर्म की राजनीती को भुला कर विकास की राजनीती पर यकीन करता है ....वह इस बात को बखूबी जान गया है कि नगर निगम चुनाव में किसको वोट देना है... साथ ही राज्य और केंद्र में किसको मौका देना है ?

(जारी रहेगा.......)

Tuesday 14 December 2010

"दिग्गी" राजा का नया सियासी वार ............भाग १

चर्चा में बने रहना दिग्गी राजा का पुराना शगल रहा है......इस बार भी कांग्रेस के महासचिव "दिग्गी" राजा फिर सुर्खियों में है.....मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल उठाकर उन्होंने एक बार फिर से अपनी अदा को सबके सामने ला दिया है..... हालाँकि उनकी पार्टी ने दिग्गी के बयानों से कन्नी काटने की कोशिश की है लेकिन दिग्गी राजा अपने कहे पर भी कायम है......इसने कांग्रेस पार्टी की मुश्किलों को बदा दिया है......

दिग्विजय सिंह के बयान
इस समय उफान पर है.... इस ने एक बहस को जन्म दे दिया है जिसके मुताबिक वोट बैंक की राजनीती करने के लिए कांग्रेस पार्टी किसी भी हद तक जाने को तैयार है चाहे उसे इसके खातिर शहीदों का ही अपमान क्यों न करना पड़े... कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी कुछ ऐसा ही किया है....बीते दिनों दिग्गी राजा ने इस बात का खुलासा दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन समारोह में किया जब उन्होंने कहा कि मुंबई पर हमला होने से ठीक पहले उनकी हेमंत करकरे से फ़ोन पर बात हुई थी जिसमे करकरे ने मौत की आशंका जताते हुए कहा था कुछ हिन्दू संगठनो से उनकी जान को खतरा है ......हालाँकि हेमंत की पत्नी कविता करकरे ने इन बातो को सिरे से नकार दिया है..... उन्होंने कहा कि उनके पति की मौत पर अब राजनीति नही की जानी चाहिए ...

यह बयान देश में सबसे लम्बे समय तक काम करने वाली सबसे बड़ी पार्टी के महासचिव के मुह से आया है लिहाजा इस पर शोर मचना तो आम बात बन चुकी है ......यह बयान शहीदों की शहादत का भी अपमान है .... दिग्गी भाजपा और दुसरे दलों के नेताओ को जुबान संभलकर बात करने की नसीहत तो समय समय पर देते रहते है लेकिन अपना खुद विवादों में फसकर अपनी छवि ख़राब करने में लगे है ......हेमंत करकरे का सवाल उठाकर दिग्गी राजा ने एक बार फिर वोट बैंक की राजनीती को गरमा दिया है.... यह बात इसका गवाह है कि किस तरह देश की सबसे बड़ी पार्टी से लोगो का अटूट भरोसा टूटता जा रहा है.........
( जारी रहेगा....)

Thursday 2 December 2010

क्लिक ----- क्लिक




घुमक्कड़ी करते हुए कुछ तस्वीरे उतारी है .....नजर फेरियेगा ऐसी उम्मीद है ......डोट कॉम के भी कई प्रकार मार्केट में आ चुके है... सांप , बिच्छु के बाद अब बारी केकड़े की है ....स्वर्णिम मध्य प्रदेश में अब कई तरह के ग्रुप बन्ने लगे है ..... शिव राज मामा अपना प्रदेश की भावना जगा रहे है ....... ग्रुप तस्वीर पर मामा का प्रभाव लगता दिख रहा है...."शनि देव " का तो क्या कहना .... ग्लोबल हो गए है..... जिधर देखता हूँ उधर तू ही तू है... या तो " साईं " या "शनि " देव.... संजय टेलर का भी क्या कहना ॥ अपना प्रचार कर रहे है और पोस्टर चिपकाना मना कर रखा है .....प्रेस की इससे बड़ी आज़ादी और क्या हो सकती है ..... आज़ाद प्रेस नाम से पेपर ............