Saturday 13 February 2021

प्रेम दिवस का बाजार


 

पिछले कुछ समय से  ग्लोबलाइज्ड  समाज में प्यार भी ग्लोबल ट्रेंड का हो गया है । आज जहाँ इजहार और इकरार करने के तौर तरीके बदल गए हैं वहीँ  इंटरनेट के इस दौर में प्यार भी बाजारू  हो चला है । पहली बार शहरी चकाचौंध  से इतर  प्यार का यह उत्सव एक बड़ा बाजार  को अपनी गिरफ्त में ले चुका है।  र जगह वैलेंटाइन की संस्कृति पसरती जा रही है ।  आज युवा भी इसकी गिरफ्त में  पूरी तरह से नजर आते है तभी तो शहरों से लेकर कस्बो तक वैलेंटाइन का जलवा देखते ही बनता है। आलम यह है ये बड़ा उत्सव बन चुका है जो भारतीयों में तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है। 

 

वैलेंटाइन के चकाचौंध पर अगर दृष्टि  डाले तो इस सम्बन्ध में कई किस्से प्रचलित हैं ।  रोमन कैथोलिक चर्च की माने तो यह "वैलेंटाइन "अथवा "वलेंतिनस" नाम के तीन लोगों  को मान्यता देता है जिसमें से दो के सम्बन्ध वैलेंटाइन डे से जोड़े जाते है लेकिन बताया जाता है इन दो में से भी संत " वैलेंटाइन " खास चर्चा में रहे । कहा जाता है संत वैलेंटाइन प्राचीन रोम में एक धर्म गुरू थे।  उन दिनों वहाँ पर क्लाडियस दो का शासन था।  उसका मानना था अविवाहित युवक बेहतर सैनिक  हो सकते है क्युकि युद्ध के मैदान में उन्हें अपनी पत्नी या बच्चों की चिंता नही सताती  । अपनी इस मान्यता के कारण उसने तत्कालीन रोम में युवको के विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया।

 

किन्दवंतियो की मानें तो संत वैलेंटाइन के क्लाडियस के इस फेसले का विरोध करने का फैसला  किया। बताया जाता  है  वैलेंटाइन ने इस दौरान कई युवक युवतियों का प्रेम विवाह करा दिया ।  यह बात जब राजा को पता चली तो उसने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी को फासी की सजा दे दी । कहा जाता है  संत के इस त्याग के कारण हर साल 14  फरवरी को उनकी याद में युवा "वैलेंटाइन डे" मनाते है । 1260 में संकलित की गई 'ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिननामक पुस्तक में  भी सेंट वेलेंटाइन का वर्णन मिलता है। इसके अनुसार रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस के अनुसार विवाह करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। उसने फरमान  जारी  किया  कि उसका कोई सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करेगा। संत वेलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध किया। उन्हीं के आह्वान पर अनेक सैनिकों और अधिकारियों ने विवाह किए। 

 

कैथोलिक चर्च की एक अन्य मान्यता के अनुसार एक दूसरे संत वैलेंटाइन की मौत प्राचीन रोम में ईसाईयों पर हो रहे अत्याचारों से उन्हें बचाने के दरमियान हो गई  । यहाँ इस पर नई मान्यता यह है  ईसाईयों के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले इस संत की याद में ही वैलेंटाइन डे मनाया जाता है । एक अन्य किंदवंती के अनुसार वैलेंटाइन नाम के एक शख्स ने अपनी मौत से पहले अपनी प्रेमिका को पहला वैलेंटाइन संदेश भेजा जो एक प्रेम पत्र था  । उसकी प्रेमिका उसी जेल के जेलर की पुत्री  थी जहाँ उसको बंद किया गया था।  उस वेलेंन टाइन  नाम के शख्स  ने प्रेम पत्र  लिखा  " फ्रॉम यूअर  वेलेंनटाइन "। आज भी यह वैलेंटाइन पर लिखे जाने वाले हर पत्र के नीचे लिखा रहता है।  क्लॉडियस ने 14 फरवरी को संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया। तब से उनकी स्मृति में प्रेम दिवस मनाया जाता है। कहा जाता है कि सेंट वेलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जेकोबस को एक पत्र लिखाजिसमें अंत में उन्होंने लिखा था 'तुम्हारा वेलेंटाइन'  14 फरवरी के  बहाने  जिसे बाद में इस संत के नाम पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम से मनाया जाने लगा ।   

 

यही नही वैलेंटाइन के बारे में कुछ अन्य बातें भी है  । इसके अनुसार तर्क यह दिए जाते है प्राचीन रोम के  प्रसिद्ध  पर्व "ल्युपरकेलिया " के ईसाईकरण की याद में मनाया जाता है । यह पर्व रोमन साम्राज्य के संस्थापक रोम्योलुयास और रीमस की याद में मनाया जाता है    इस आयोजन पर रोमन धर्मगुरु उस गुफा में एकत्रित होते थे जहाँ एक मादा भेडिये ने रोम्योलुयास और रीमस को पाला था इस भेडिये को ल्युपा कहते थे और इसी के नाम पर उस त्यौहार का नाम ल्युपर केलिया पड़ गया ।  इस अवसर पर वहां बड़ा आयोजन होता था ।  लोग अपने घरो की सफाई करते थे साथ ही अच्छी फसल की कामना के लिए बकरी की बलि देते थे ।  कहा जाता है प्राचीन समय में यह परम्परा खासी लोक प्रिय हो गई।

 

एक अन्य किंदवंती यह कहती है 14 फरवरी को फ्रांस में चिडियों के प्रजनन की शुरूवात मानी जाती थी जिस कारण खुशी में यह त्यौहार वहा प्रेम पर्व के रूप में मनाया जाने लगा  । प्रेम के तार रोम से   भी  सीधे जुड़े नजर आते हैं  । वहाँ पर क्यूपिड को प्रेम की देवी के रूप में पूजा जाने लगा जबकि यूनान में इसको इरोश के नाम से जाना जाता था। प्राचीन वैलेंटाइन संदेश के बारे में भी लोगो में   एकरूपता नजर नही आती । कुछ ने माना है  यह इंग्लैंड के राजा ड्यूक ने  लिखा जो आज भी वहां के म्यूजियम में रखा हुआ है। 

 

 आज युवाओं में वैलेंटाइन की खुमारी सर चढ़कर  बोल रही है।  इस दिन के लिए सभी पलके बिछाये बैठे रहते हैं ।   भईया प्रेम का इजहार जो करना है वैलेन्टाइन प्रेमी  इसको प्यार का इजहार करने का दिन बताते है ।  यूँ तो प्यार करना कोई गुनाह नही है लेकिन जब प्यार किया ही है तो इजहार करने मे देर नही होनी चाहिए लेकिन अभी का समय ऐसा है जहाँ युवक युवतिया प्यार की सही परिभाषा नही जान पाये है । वह इस बात को नही समझ पा रहे है प्यार को आप एक दिन के लिए नही बाध सकते ।वह तो  प्यार को हंसी मजाक का खेल समझ रहे हैं  आज का प्यार मैगी के नूडल जैसा बाजारू बन गया है जो दो मिनट चलता है ।  सच्चे प्रेमी के लिए तो पूरा साल प्रेम का प्रतीक बना रहता है लेकिन आज के बाजार ने प्यार की परिभाषा बदल दी है । इसका प्रभाव यह है 1 4 फरवरी को प्रेम दिवस का रूप दे दिया गया है जिसके चलते संसार भर के कपल प्यार का इजहार करने को उत्सुक रहते हैं । जहां चीन में यह दिन 'नाइट्स ऑफ सेवेन्सप्यार करने वालों के लिए खास होता हैवहीं जापान व कोरिया में इस पर्व को 'वाइट डेका नाम से जाना जाता है। इतना ही नहींइन देशों में  इस दिन से पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं । 

 

आज 14 फरवरी का कितना महत्त्व बढ गया है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है इस अवसर पर बाजारों में खासी रौनक  छा जाती है। गिफ्ट सेंटर में उमड़ने वाला सैलाब चहल पहल इस बात को बताने के लिए काफी है यह किस प्रकार आम आदमी के दिलो में एक बड़े पर्व की भांति अपनी पहचान बनने में कामयाब हुआ है । इस अवसर पर प्रेमी होटलों रेस्तारा में देखे जा सकते हैं ।

 

यूं तो हमारी संस्कृति में प्रेम को परमात्मा का दूसरा रूप बताया गया है अतः प्रेम करना गुनाह और प्रेम का विरोधी होना सही नही होगा लेकिन वैलेंटाइन के नाम पर जिस तरह का पश्चिमीपरस्त विस्तार हो रहा है वह सही नहीं है  । वैसे भी यह प्रेम की स्टाइल भारतीय जीवन मूल्यों से किसी तरह मेल नही खाती । आज का वैलेंटाइन डे भारतीय काव्य शास्र में बताये गए मदनोत्सव का पश्चिमी संस्करण प्रतीत होता है लेकिन बड़ा सवाल जेहन में हमारे यह आ रहा है क्या आप प्रेम जैसे चीज को एक दिन के लिए बाध सकते हैशायद नहीं। एक समय ऐसा था जब राधा कृष्ण मीरा वाला प्रेम हुआ करता था जो आज के वैलेंटाइन प्रेमियों का जैसा नहीं होता था । आज लोग प्यार के चक्कर में बर्बाद हो रहे है। हीर रांझालैला मजनू रोमियो जूलियट  के प्रसंगों का हवाला देने वाले हमारे आज के प्रेमी यह भूल जाते है मीरा वाला प्रेम सच्ची आत्मा से सम्बन्ध रखता था । आज तो  प्यार बाहरी आकर्षण की चीज बनती जा रही है । प्यार को गिफ्ट और पॉकेट  में तोला जाने लगा है । वैलेंटाइन के प्रेम में फसने वाले कुछ युवा सफल तो कुछ असफल साबित होते है । जो असफल हो गए तो समझ लो बरबाद हो गए क्युकि यह प्रेम रुपी "बग" बड़ा खतरनाक है । एक बार अगर इसकी जकड में आप आ गए तो यह फिर भविष्य में भी पीछा नही छोडेगा । असफल लोगो के तबाह होने के कारण यह वैलेंटाइन डे घातक बन जाता है।

 

वैलेंटाइन के नाम पर आज हमारे समाज में  जिस तरह की उद्दंडता हो रही है वह चिंतनीय ही है ।  संपन्न तबके साथ आज का मध्यम वर्ग और अब निम्न तबका भी  इसके मकड़ जाल में फसकर अपना पैसा और समय दोनों ख़राब करते जा रहे है ।   आज वैलेंटाइन की स्टाइल बदल गई है ।  गुलाब गिफ्ट दिए ,पार्टी में थिरके बिना काम नही चलता ।  यह मनाने के लिए आपकी जेब गर्म होनी चाहिए । यह भी कोई बात हुई क्या जहाँ प्यार को अभिव्यक्त करने के लिए जेब की बोली लगानी पड़ती हो 


आज के समय में वैलेंटाइन प्रेमियों की तादात बढ रही है।  साल दर साल। इस बार भी प्रेम का सेंसेक्स पहले से ही कुलाचे मार रहा है । वैलेंटाइन ने एक बड़े उत्सव का रूप ले लिया है।  मॉल गिफ्टआर्चीस डिस्को थेकमैक डोनल्स  पार्टी   का  आज इससे चोली दामन का साथ बन गया है ।  अगर आप में यह सब कर सकने की सामर्थ्य नही है तो आपका प्रेमी नाराज । बस फिर प्रेम का    एंड समझे    प्यार का स्टाइल समय बदलने के साथ बदल रहा है।  वैलेंटाइन प्रेमी  भी हर साल बदलते  ही जा रहे है। आज प्यार की परिभाषा बदल गई है।  वैलेंटाइन का चस्का हमारे युवाओ में तो सर चढ़कर बोल रहा है लेकिन उनका प्रेम आज आत्मिक नही होकर छणिक बन गया है।  उनका प्यार पैसों में तोला जाने लगा है। आज की युवा पीड़ी को न तो प्रेम की गहराई का अहसास है न ही वह सच्चे प्रेम को परिभाषित कर सकती   है ।  उनके लिए प्यार मौज मस्ती और सैर सपाटे  का खेल बन गया है जहाँ बाजार में प्यार नीलाम हो गया है और पूरे विश्व में इस दिन प्यार के नाम पर  मुनाफे का बड़ा कारोबार किया जा रहा है ।