Sunday, 5 July 2009

..............किताबे.......................


२४ जून से यात्रा पर निकला हुआ हू ....... जिस कारण इन्टरनेट से बहुत दूर हो गया हू.......| अभी आज बड़ी मुश्किल से अपने किसी दोस्त के लैपटॉप में इस इन्टरनेट की सुविधा का लाभ उठाने का मौका मिला है ...| इस कारण अपने ब्लॉग पर नजर फेर रहा हू ...| आपसे कई दिनों से संवाद कायम नही हो पा रहा था ... | आज मुझको यह मौका मिल गया है ...| कुछ समय बाद यात्रा पूरी कर जब वापस लौटूंगा तो ब्लॉग पर लिखने का सिलसिला फिर से चल पड़ेगा........| तब तक आप भी "बोलती कलम " में नई पोस्टो की प्रतीक्षा कीजिये......|


अभी की यह पोस्ट किताबो के बारे में है ....| यह बहुत अच्छी लगी अपन को ...| यह किताबो के बारे में "सफ़दर हाशमी" ने लिखी है ...| आपको भी शायद किताबो का यह संसार पसंद आए........




"किताबो में चिडिया चहचहाती है

किताबो में खेतिया लहलहाती है

किताबो में झरने गुनगुनाते है

परियो के किस्से सुनाते है

किताबो में रोकेट का राज है

किताबो में साइंस की आवाज है

किताबो में ज्ञान की भरमार है

किताबो का कितना बड़ा संसार है

क्या तुम इस संसार में नही चाहोगे?

किताबे कुछ कहना चाहती है

तुम्हारे पास रहना चाहती है |


" सफ़दर हाश्मी "




लालू से दो कदम आगे निकली ममता ....बजट में लुटाई ममता .......








शुक्रवार..... भारत में इस वार का खासा महत्त्व है....| यह दिन बोलीवुड के लिए खासा अहम् हुआ करता है...| इसदिन भारत में कई फ़िल्म रिलीज हुआ करती है...| सिनेमा होल में टिकेट पाने की होड़ मची रहती है ...| निर्देशकको इस दिन फ़िल्म से अच्छा रेस्पोंस मिलने की उम्मीद रहती है ...| फ़िल्म के हिट होने की आस भी बनी रहतीहै
लेकिन बीता शुक्रवार देश के लिए खासा अहम् था ...| पूरे देश की नजरे इस दिन ममता दीदी की रेल पर पड़ीरही...| १४ लाख रेलवे कर्मचारियों को ममता से जहा बहुत आशाएं थी वही देश की गरीब गोरबा जनता की नजरेइस बात पर टिकी रही की ममता के पिटारे में कौन सी लोक लुभावन योजनाये है?
दूरदर्शन पर रेल बजट का शोर गुल था...| सुबह से चर्चो का लंबा दौर चलता रहा...| मीडिया में भी इस बजट को लेकर खासा हो हल्ला देखा गया ...| सभी अपने अपने हिसाब से आकलन करने मेंलगे थे आख़िर ममता दीदी की रेल इस बार पटरी पर कैसे चलती है.....?
तभी संसद के बहार अपनी निजी जेन गाड़ी में सवार साडी पहनेममता दीदी की दस्तक होती है...| भोली भाली सीधी साधी ममता नीले रंग का झोला लटकाए सदन के भीतर प्रवेशकरती हैबाहर से मीडिया कर्मी उनको घेरने को दौड़ पड़ते है ...| बस फिर क्या था ममता दीदी नॉन स्टाप चलतीरहती है ... झोला खोलकर अपना पिटारा खोल देती है ...| एक के बाद एक घोषणा की झडी लग जाती है...| बेचारीममता बोलते बोलते अगर थक जाती है तो पानी पीने के लिए मीरा बहिन से अनुमति भी मांग लेती है ....

ममता का इस बार का रेल बजट उन्ही की तरह सीधा साधा सरल रहा ...| जैसा नाम भाई वैसा काम अपन का तो कहना है ममता ने अपने नाम के अनुसार समाज के हर तबके काध्यान रखा है ...| यात्री किराये और माल भाड़े को नही बढाया है॥| लालू की हवा इस बजट में फुस्स कर दी हैममता ने सही से अपना बजट पेश किया ...| ५० नई ट्रेन चलाने और ५० स्टेशन को विश्व स्तरीय बनाने की बात हुई है॥| यही नही इज्जत नामक नई योजना शुरू करने की बात की गई है ...| इस के तहत १५०० रुपयेमासिक आमदनी वाले लोगो को २५ रुपये में १०० किलोमीटर की यात्रा करने की छुट दी गई है॥| तल्काल रिज़र्वेशन का शुल्क ५० रूपया कम कर दिया गया है ॥| साथ ही अब ऐसे टिकेट दिन पहले खरीदे जा सकेंगे...| लम्बी दूरी की यात्रा में चिकित्सकों का दल ट्रेन में साथ रहेगा...| सबसे अहम् बात यह है इस बजट ने लालू को मौतदे दी है...| लालू के गरीब रथ की तर्ज पर ममता दीदी ने युवा रेल चलाने की घोषणा की है जिसका किराया गरीबरथ से आधा होगा॥| २०११ में बंगाल के चुनावो को देखते हुए ममता ने बंगाल पर अपनी पूरी ममता लुटाने में कोई कसर नही छोडी है ... | ममता दीदी की नजरे बंगाल के मुख्यमंत्री पद पर लगी है...| देखना होगा क्या ममताका यह बजट चुनावो से पहले बंगाल के लोगो को लुभा पाता है या नही...?












7 comments:

kumar Dheeraj said...

लग रहा है कि इधर आपकी व्यवस्तता मेरी तरह से ही बढ़ गयी है । इस वजह से आप नही लिख पा रहे है । वैसे आप घूम कर आइये और तरोताजा लिखिये । धन्यवाद

सुशील छौक्कर said...

काफी दिनों के बाद फिर से पढने को मिल गई ये सफदर जी की रचना। शुक्रिया। ये बर्ड वेरीफिकेशन हटा तो ज्यादा अच्छा होगा ।

Arvind Kumar said...

sukriya ye rachna padhwane ko..... aapke agle post ka intzaar rahega

hem pandey said...

सफ़दर हाशमी की यह रचना पढ़वाने के लिए धन्यवाद.

हरकीरत ' हीर' said...

सफ़र पर रह कर भी आप हमसे जुड़े हुए हैं यही हमारे लिए गौरव की बात है....फिर भी आपने सफ़दर हाशमी की रचना पढ़वाई ...शुक्रिया ....!

शरद कुमार said...

Bhut hi Khoobsurat Kavita. Bdhai

Unknown said...

safdar hasmi ki kavita padvane ke liye shukria....