
शान ऐ भोपाल कही जाने वाली भोपाल एक्सप्रेस ट्रेन में पिछले दिनों एक बड़ी घटना घटी ..... इसको कोई मामूली घटना नही कह सकते... ट्रेन में भोपाल विकास प्राधिकरण के सीईओ मदन गोपाल रूसिया गायब हो गए ... उनकी लाश १ दिन बाद आगरा में मिली ... १० सितम्बर की रात को रूसिया दिल्ली से भोपाल लौट रहे थे ॥इस दौरान उनके साथ विधायक डागा भी इसी ट्रेन में एसी कोच में साथ सवार थे..मामला चौकाने वाला है क्युकि पुलिस को दिए बयान में डागा ने इस बात को स्वीकार किया वह ट्रेन में पूरी रात सोये थे जिस कारण उनको रूसिया के लापता होने का पता नही चला ... रूसिया और डागा ट्रेन में साथ साथ आ रहे थे और अगली सुबह रूसिया की फ़िक्र छोड़कर डागा भोपाल पहुचकर उतरने की तैयारी कर रहे थे....
यहाँ यह बताते चले की रूसिया और डागा विद्या नगर की विकास योजना को अमली जामा पहनाने के लिए भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी कुछ कागजातों के साथ दिल्ली रवाना हुए थे... यह जमीन जिसके अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है वह २६ एकड़ है जिसमे ८ एकड़ जमीन सरकारी है बाकी जमीन डागा की है...इसी सिलसिले में बात करने के लिए डागा अपने साथ रूसिया को सुप्रीम कोर्ट के वकील के घर ले गए थे॥ रूसिया के परिजनों का कहना है इस मौत के लिए डागा जिम्मेदार है ... बताया जाता है इस जमीन के नियम शिथिल करने के लिए डागा रूसिया पर दबाव बनाये हुए थे..वह इस जमीन का ज्यादा मुआवजा चाहते थे .....रूसिया नियमो को तोड़कर कोई काम नही करना चाहते थे जिस कारण डागा ने रूसिया को रास्ते से हटा दिया हो ऐसी आशंका से इनकार नही किया जा सकता .... जिस समय रूसिया ट्रेन से लापता हुए उस समय तकरीबन ११ बजकर ५५ मिनट का समय हुआ था... इस समय यह ट्रेन आगरा के पास पहुचती है ..ख़ुद डागा ने यह बयान दिया है.... विधायक जीतेन्द्र की माने तो आगरा में दोनों ने साथ साथ भोजन किया था भोजन के बाद उनकी आँख लग गई और उनकी नीद भोपाल में खुली ...भोपाल पहुचकर जब उनकी सीट पर नजर गई तो वह खाली थी उसमे रूसिया के जूते और सामान रखा था ...
यही पर से रहस्य गहरा गया है...बड़ा सवाल यह है रूसिया की आँखे सुबह ट्रेन के भोपाल पहुचने में ही क्यों खुली ? रूसिया के फ़ोन कॉल की डिटेल कह रही है सुबह ६ बजने के बाद उनके द्बारा सुनील नाम के किसी व्यक्ति से बात की गई है ... अगर डागा सो रहे थे तो सुनील से उनकी बात पहले ही कैसे हो गई जबकि यह ट्रेन आमतौर पर ७ बजे भोपाल पहुचती है ... अगर वह सो रहे थे फ़ोन पर कोई भी बात ७ बजे के बाद ही होनी चाहिए थी......साथ ही ऐसा भी कहा जा रहा है रूसिया जिस बर्थ में सवार थे वहां पर कोल ड्रिंक के साथ मदिरा पान भी किया गया था ऐसे में इस घटना को सोच समझकर अंजाम दिए जाने की बात कही जा सकती है...इस मामले में शक की सुइया रेलवे पर भी है ॥ रूसिया के सहायक ने उनके सीट के नीचे रखी शराब की बोतल को क्यों फैक दिया यह बात भी किसी को समझ नही आ रही है ... पता चला है की रेलवे की जांच में अभी कुछ दिनों बाद इस बात का खुलासा होना है की रूसिया की सीट के नीचे शराब की बोतल के सबूत को कोच के २ सहायको ने जान बुझकर मिटाने का प्रयास किया है... साथ ही इस मामले से एक बात और निकलकर सामने आ रही है ...ट्रेन के भोपाल पहुचने के ३ घंटे बाद रूसिया की गुमशुदगी की रिपोर्ट क्यों लिखाई गई ? कहा जा रहा है किसी ने कोच के सहायक को मोटी रकम देकर मामले को बड़ी सूझ बूझ से अंजाम दिया है
रूसिया की मौत के बाद भोपाल में बवंडर मच गया...रूसिया के परिजनों ने तो उनके लापता होने के बाद विधायक जितेन्द्र को ही अपने निशाने पर ले लिया... वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रूसिया मसले पर बेक फ़ुट में आ गए ... विधायक उनकी भाजपा का जो है..यही नही विधायक की भाजपा की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज से निकटता है.... भोपाल के हवाई अड्डे के पास खरीदे गए एक फार्म हाउस को जितेन्द्र ने सुषमा के नाम कर दिया था .. सुषमा के भोपाल आने पर वहां जाना अक्सर लगा रहता ....जितेन्द्र का भोपाल में प्रोपर्टी का बड़ा कारोबार है .. वह सुषमा सरीखी बड़ी नेता की आड़ में बेखोफ होकर अपने कारोबार को फैलाने में जुटे थे ....इसका पता अपन को एक बुजुर्ग सज्जन ने बताया ...उनकी माने तो विधान सभा का टिकेट जितेन्द्र को दिलवाने में सुषमा की खासी अहम् भूमिका रही है ... हाँ, यह अलग बात है रूसिया मामले में जितेन्द्र के नाम के सामने आने के बाद सुषमा उनसे पल्ला झाड़ रही है ..
रूसिया की मौत की गुत्थी सुलझाना ३ राज्यों की पुलिस के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है ..उनकी मौत आगरा के आस पास ही हुई है यह तो तय है ॥ लाश का आगरा से ३० किलोमीटर दूर मिलना इस बात को प्रमाणित कर देता है... अब यह पता नही लग पा रहा है उनको ट्रेन से नीचे फैका गया या अगुवा कर मारा गया .... रूसिया से मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है ....पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तो दो टूक कहा है इस मामले की सी बी आई जांच होनी चाहिए॥ दिग्गी राजा के साथ विभिन्न लोगो की जांच की मांगो और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ बनते माहौल को देखते हुए मुख्यमंत्री शिव राज सतर्क हो गए है .... उन्होंने रूसिया मामले की जांच सी बी आई से करवाने के लिए एक पत्र उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को लिखा है ...
इस रूसिया मामले में प्रदेश की शिवराज सरकार पर दवाब उस समय बन गया जब कई लोगो ने इसे हादसा मानने से इनकार कर दिया ... मामले पर भोपाल विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी श्रीराम का मुह खुलने के बाद तो सरकार के कान ही खड़े हो गए..उन्होंने विधायक जितेन्द्र पर भोपाल विकास अथॉरिटी को धमकाने के आरोप लगा डाले.... साथ ही श्रीराम की माने तो रूसिया इस भूमि वाले मसले पर विधायक के दबाव के चलते पिछले कुछ समय से परेशान थे ..
विधायक जितेन्द्र इस मसले पर अपना नाम घसीटे जाने से आहत है॥ उनकी माने तो इस प्रकरण पर उनको जबरन फसाया जा रहा है ..लेकिन बड़ा सवाल यह है वह पुलिस को सही बयान क्यों नही दे रहे है॥ पता चला है मध्य प्रदेश की पुलिस और दिल्ली के साथ उप की पुलिस को दिए गए उनके बयानों में बड़ा विरोधाभास है॥ शिव राज ने समझ दिखाकर गेंद को "उप " की "बहिन जी " के पाले में फैक दिया है ..ऐसे में रूसिया के रहस्य का पर्दा कब हटेगा कह पाना मुश्किल है ?