मध्य प्रदेश में नगर निगम चुनावो के परिणाम सामने आ गए.... इन चुनावो में भाजपा ने एक बार फिर से बाजी मार ली.... लोक सभा चुनावो में भाजपा की घटी सीटो ने "शिव राज" की चिंताओं को बदा दिया था....पर इन चुनावो के परिणामो के बाद मुख्य मंत्री शिवराज चैन की बंसी बजा सकते है॥ आज के वोटर के मिजाज को परखना बड़ा मुश्किल है लिहाजा शिव राज को भी बचे चार साल के कार्यकाल में फूक फूक कर कदम रखने की जरुरत है ... राज्य के वोटरों का यही साफ़ सन्देश है ....
भोपाल नगर निगम पर कृष्णा गौर ने आभा सिंह को १५००० से अधिक वोटो से पराजित किया .... भोपाल नगर निगम पर पिछले दस वर्षो से कांग्रेस का कब्ज़ा था... भोपाल में महापौर की कुर्सी तो गौर को मिल गयी पर परिसद में कांग्रेस की धमक रहेगी... भाजपा की राजधानी में घटी सीटें "शिव" महाराज के लिए खतरे की घंटी बजा रही है.....
"मिनी मुंबई" के नाम से जाने जाने वाले इंदौर में भाजपा के कृष्ण मुरारी मोघे ने सफलता कायम की.....यहाँ पर कांग्रेस के पंकज संघवी को हार का मुह देखना पड़ा... संघवी ने इस चुनाव में पैसा पानी की तरह बहा दिया था पर इसके बाद भी वह नही जीत सके.... ग्वालियर, रीवा , खंडवा, जबलपुर, बुरहानपुर के नगर निगम पर भाजपा काबिज हुई.... खंडवा में भावना शाह की जीत हुई ॥ उनके पति देव विजय शाह राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री है.....जबलपुर में भी भाजपा के प्रभात साहू ने भाजपा का झंडा फहरा दिया..... रीवा में शिवेंद्र पटेल की जीत हुई..... रतलाम में भाजपा के आगन में किल्कारिया गूंजी....बुरहानपुर में माधुरी का जलवा चला.... सबसे चौकाने वाला परिणाम सागर में रहा जहाँ किन्नर कमला की बम्पर वोट से जीत हुई .... यहाँ पर भाजपा शुरू से मजबूत रही है ....
बसपा का हाथी भले ही पूरे देश में अपनी चदायी नही कर पा रहा हो पर इस बार सिगरोली ,सतना के नगर निगम बसपा के खाते में गए... वही कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बज गयी है ... लोक सभा चुनाव में अच्छी सीट जीतने के बाद जहाँ वह उत्साहित नजर आ रही थी वही इस बार उसके दिग्गज नेताओं के गद खुद सलामत नही रहे... कमलनाथ, ज्योतिरादित्य , अरुण यादव, सईद अहमद के इलाको में कांग्रेस के हाथ सत्ता फिसल गयी.... कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पचौरी के लिए खतरे की घंटी बज गयी है ... इन चुनावो के बाद उनका सिंहासन खतरे में पड़ता नजर आ रहा है ... कांग्रेस के साथ एक बड़ी बीमारी गुटबाजी की लग गयी है जो हर चुनाव में उसका खेल ख़राब कर देती है ... इस बार भी ऐसा ही हुआ है...
८ सीट जीतने के बाद शिव राज ने साबित कर दिया है मध्य प्रदेश में उनका राज किसलिए चलता है.....इस जीत के बाद केन्द्रीय स्तर पर उनका कद एक बार फिर बद गया है ... प्रदेश में अब नरेन्द्र सिंह तोमर का नया उत्तराधिकारी खोजा जाना है .... संभवतया केन्द्रीय नेतृत्व अब ऐसे व्यक्ति को कुर्सी सोपे जो शिव की पसंद का हो...... कांग्रेस को चाहिए वह बचे पांच सालो में मजबूती से विपक्ष की भूमिका निभाए....अन्यथा शिवराज अकेले उनकी लुटिया डुबोने की " कैपेसिटी " रखते है..... इस बात पर कांग्रेस को गंभीरता से विचार करना चाहिए.......
4 comments:
bhut achha likha hai.
kya baat hai harsh aaj kal aap lagatar nahi likh rahe hai
bahut sundar uttam post hai
achcha likha hai aapne aajkal likhna kam kyu kar diya hai aapne harsh ji
Post a Comment