सेना भी अब पर्यावरण बचाने में मदद करने लगी है ... मंदिरों में इसकी गूंज सुनाई दे रही है......शायद घंटियों की आवाजो से ऊपर वाले को संचार किया जा रहा हो..... पत्रकारिता की भाषा में कहू तो यह भी जनसंचार का ही एक रूप है.....
संस्कृत हमारी सबसे पुरानी भाषा है ......भले ही अंग्रेजी मैया हमारी हिंदी और अन्य भाषाओ को निगल रही हो परन्तु भोपाल में ऐसे नज़ारे देखे जा सकते है..... मामा जी लक्ष्मी कान्त जी के साथ "अपना मध्य प्रदेश" बनाने में लगे है ...............
हम भले ही कहते रहे हम सब आपस में भाई भाई है........परन्तु हकीकत में शायद ऐसा नही है... तभी मोटर वाले ने सर्व धरम का आईडिया ले लिया है ......
अंग्रेजी मैया का नया अवतार हुआ है ...... अभी तक जेम्स कैमरून की अवतार देखी थी ......अब हावर्ड वालो ने सीधे भोपालियो को अपने मोह पाश में बाँध दिया है .................हावर्ड ग्लोबल हो गया है......
3 comments:
यहाँ चित्र बोलते हैं।
प्रवीण यहाँ कलम और चित्र दोनों साथ साथ बोलते है...........
kya khoob kaha..
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