Saturday, 9 April 2011

भोपाल नगर निगम से रूठे शनि देव ......




शनि देव इस समय पूरे देश में "ग्लोबल" हो गए है.... साईं के बाद अगर कोई देव हाल के वर्षो में "ग्लोबल " हुआ है तो बेशक वह देव शनि देव ही है...देश में हर जगह उनको पूजने वाले भक्तो की संख्या में इजाफा होता जा रहा है.....लेकिन भोपाल के शनि देव इनदिनों नगर निगम से रूठ गए है....भोपाल के शनि देव की परेशानी को नगर निगम के एक फैसले ने बदा दिया है.....


शनि देव ने कभी सपने में भी नही सोचा होगा कि भोपाल नगर निगम को उनकी नजरे इतनी नागवार गुजरेंगी कि उनकी आँखों के ठीक सामने एक काला सा बोर्ड लगा दिया जायेगा....चौकिये नही भोपाल के बड़े तालाब को सूखे के प्रकोप से बचाने के लिए नगर निगम ने एक तुगलकी फरमान इनदिनों जारी किया है.... आलम ये है कि नगर निगम स्थानीय लोगो और मंदिर कमेटी के विरोध के बावजूद इस बोर्ड को ना हटा पाने की अपनी जिद पर कायम है ......


शनि देव से भले ही पूरी दुनिया खौफ खाती हो लेकिन भोपाल के कमला पार्क के शनि मदिर इनदिनों नगर निगम भोपाल से खौफजादा है .... दरअसल शनि देव की दृष्टी तालाब में ना पड़े इसलिए नगर निगम ने उनकी आँखों के सामने एक काला सा बोर्ड लगा दिया है.... नगर निगम का तर्क है कि पिछले साल बड़ा तालाब सूख गया था जिसके पीछे शनि देव की कोप दृष्टी जिम्मेदार है ...


बीते दिनों एक खबर के सिलसिले में शनि महाराज के दर्शन करने की इच्छा हुई .... मंदिर के दर्शन कर प्रसाद लिया और वहाँ पर मौजूद कुंजबिहारी नाम के पुजारी से मेरी मुलाक़ात हुई...... पहला सवाल यही पूछ डाला महाराज शनि देव भोपाल के बड़े तालाब को क्यों सुखा रहे है.?.. ऐसा पूछते ही पुजारी हस पड़े ...उनको देखकर मै भी अपनी हसी नही रोक सका ....उन्होंने कहा यह तर्क बिलकुल गलत है.... शनि महाराज इस बड़े तालाब को क्यों सुखायेंगे ?


भोपाल नगर निगम से पूरी मंदिर कमेटी परेशान हो चुकी है.... लिहाजा वह शनि देव को कमरे में कैद करने की योजना बना रही है....स्थानीय लोगो में नगर निगम के पार्टी आक्रोश है....उनका भी यही कहना है यह आस्था के साथ खिलवाड़ है......


भले ही नगर निगम अपने फैसले पर कायम हो लेकिन ये वाकया यह बताने के लिए काफी है आज भी हम २१ वी सदी में अंधविश्वास के सहारे जी रहे है जहाँ हम ऐसी बातो पर यकीन कर रहे है जो आज के वैज्ञानिक युग में कही से कही तक संभव ही नही हो सकती...... इस बारे में बातचीत के लिए मैं नगर निगम भी गया लेकिन नगर निगम के आला अधिकारियो ने कुछ भी कहने से साफ़ इंकार कर दिया......मामले से ही कन्नी काट ली...................


2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

सूखती झील और शनि, साम्य की प्रतीक्षा।

Patali-The-Village said...

रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|