मध्य प्रदेश ने वन्य प्राणी संरक्षण और प्रबंधन पर विशेष ध्यान देकर वन्यप्राणी समृद्ध प्रदेश बनाने में किसी प्रकार का कोई प्रयास नहीं छोड़ा जिसके चलते मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला। अब तेंदुओं ,घड़ियाल और गिद्धों की संख्या के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश पहले पायदान पर आ चुका है। प्रदेश की जलवायु वन्य-जीवों की आदर्श आश्रय स्थली और प्रजनन के सर्वाधिक अनुकूल है। इसे देखते हुए अब मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभयारण्य चीतों की दहाड़ से गुलजार होगा। यहां लम्बे समय से चीते लाने के प्रयास किये जा रहे थे जो अब रंग लाए हैं । 73 साल बाद चीतों की चहल-कदमी से दुनिया के नक़्शे पर कूनो अभयारण्य नजर आएगा।
2018 में हुई बाघों की गणना में 526 बाघ होने के साथ प्रदेश को टाईगर स्टेट का दर्जा मिला। इन बाघों में लगभग 60 फीसदी टाइगर रिजर्व के क्षेत्रों और 40 फीसदी बाघ अन्य वन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं। बांधवगढ टाइगर रिजर्व में सर्वाधिक 124 बाघ मौजूद हैं। इस साल अक्टूबर माह में तीन चरणों में होने वाली बाघों की गणना और प्रदेश के वन्य जीव संरक्षण में ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए कहा जा सकता है कि बाघों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश फिर से शिखर पर होगा।
चीतों की दहाड़ सुनने के लिए कूनो तैयार
कूनो चीते के स्वागत के लिये पूरी तरह तैयार है। विलुप्त हो चुके इस चीते का नया आशियाना अफ्रीका से लाकर कूनो में बनाया जा रहा है। कूनो अभयारण्य को चीतों के अनुकूल पाया गया है । इस अभयारण्य में वे सभी विशेषताएं हैं, जो इसे दुनिया के महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों में शामिल कर सकती हैं। प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकन चीतों को छोड़ा जाएगा। भारत में पिछले कई वर्षों से कोई चीता नहीं है। 1952 में चीतों को देश में लुप्त घोषित किया गया था और कूनो में अफ्रीकन चीतों को लाने की योजना पर काम किया जा रहा था। अंतिम चीते की मौत छत्तीसगढ़ में सन 1947 में हुई थी। भारत में एशियाई चीते पाए जाते थे जो अब पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं।
28 जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने चीतों को भारत लाने की अनुमति दी थी। साथ ही, काेर्ट ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को चीतों के लिए उपयुक्त जगह खोजने का आदेश दिया था। कई राष्ट्रीय उद्यानों पर विचार के बाद एक्सपर्ट्स ने पृथ्वी पर तेज जानवर की देश में वापसी के लिए मध्य प्रदेश के श्योपुर में कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान का चयन किया गया।
अफ्रीकन चीतों की शिफ्टिंग को लेकर तैयारियां जोरों पर
कूनो राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 को एक वन्य अभयारण्य के रूप में की गई थी जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक संरक्षित क्षेत्र है। इसे 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए सुरक्षा, शिकार और आवास की भरपूर जगह है, जो इनके लिए उपयुक्त है। चीते के रहने के लिए 10 से 20 वर्ग किमी क्षेत्र , उनके प्रसार के लिए पर्याप्त है। समतल जंगल अफ्रीकी चीतों के सर्वथा अनुकूल है। कूनो नेशनल पार्क करीब 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है जो चीतों के रहने के लिए अनुकूल है। इस अभ्यारण में इंसानों की किसी भी तरह की बसाहट भी नहीं है । चीते को फिर से बसाने के लिए यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियां अनुकूल हैं। देश के यहाँ चीतों के लिए अच्छा शिकार भी मौजूद है, क्योंकि यहां पर चौसिंगा हिरण, चिंकारा, नीलगाय, सांभर एवं चीतल बड़ी तादाद में पाए जाते हैं। कूनो में अफ्रीकी चीतों के लिए 5 वर्ग किलोमीटर का एक बाड़ा तैयार किया गया है, जिसमें जंगल में छोडऩे से पहले कुछ माह तक चीतों का रखा जाएगा। हाईरेंज सीसीटीवी से इन चीतों पर नजर रखी जाएगी। हर 2 किलोमीटर पर वॉच टॉवर बनाए गए हैं।
विलुप्त हुए चीते की फिर से वापसी
चीता दुनिया का सबसे तेज़ रफ़्तार से दौड़ने वाला जानवर है जो 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ़्तार से दौड़ सकता है। आज पूरी दुनिया में सिर्फ़ अफ्रीका में गिने-चुने चीते हैं । भारत समेत एशिया के कमोबेश हर देश से ये जानवर विलुप्त हो चुका है। इतने सालों बाद फिर से चीतों की वापसी हो रही है। 1947 में ली गई सरगुजा महाराज रामानुशरण सिंह के साथ चीते की तस्वीर को अंतिम मान लिया गया था। इसके बाद 1952 में देश को चीता लुप्त घोषित कर दिया गया था। दौड़ते वक्त आधे से अधिक समय हवा में रहता है। चीता जब पूरी ताक़त से दौड़ रहा होता है तो सात मीटर तक लंबी छलांग लगा सकता है।
जन्मदिन पर पीएम मोदी देंगे देश को चीतों की सौगात
देश में विलुप्त हो चुके चीते को फिर से आवास देने की कोशिशें जारी है। आठ चीतों की शिफ्टिंग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश जाएंगे। अपने जन्मदिन के खास मौके पर प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध कूनो नेशनल पार्क में आने वाले अफ्रीकन चीतों की शिफ्टिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक में बताया कि 17 सितंबर को अपने जन्म दिन के खास मौके पर प्रधानमंत्री मोदी श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों का प्रवेश कराएंगे। प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। प्रशासनिक अमला इसकी तैयारी में जुट गया है। इसके लिए श्योपुर में 7 हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। इसमें 3 नेशनल पार्क के भीतर और चार हेलीपैड बाहर बन रहे हैं।
हेलीकॉप्टर से लाए जाएंगे चीते
मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 8 चीते लाए जा रहे हैं। इन्हें विमान से पहले दिल्ली और फिर ग्वालियर लाया जाएगा। ग्वालियर से उन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जाएगा। चीतों की शिफ्टिंग के लिए पार्क के अंदर हेलीपैड बनाए जा रहे है। वीआईपी लोगों के लिए पार्क के बाहर हेलीपैड बन रहे हैं। चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से हवाई मार्ग से लाकर मप्र के कूनो पार्क में पूरी तैयारी के साथ उतारा जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सतत वन्य प्राणी प्रबंधन के प्रयासों से प्रदेश में चीतों की आमद बढ़ाने की दिशा में कार्य हुआ है । विलुप्त हो चुकी प्रजाति के आठ चीते कूनो नेशनल पार्क की ोतस्वीर को बदलेंगे । चीते के आने के बाद देश के मानचित्र में कूनो अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल होगा। ऐसा पहली बार हो रहा है जब चीते को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप ले जाया जा रहा है। चीतों के संरक्षण की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जिससे भविष्य में कूनो नेशनल पार्क में चीतों की आमद बढ़ने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता ।
1 comment:
बहुत अच्छी पहल है
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