मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके जीवन में नई उम्मीदें जगाई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह योजना न केवल महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता का स्रोत बनी है, बल्कि उनके चेहरों पर मुस्कान और आत्मविश्वास भी लौटाने में सफल रही है।
लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने की 10 से 15 तारीख को 1,250 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। 2025 तक इस योजना के तहत 1.27 करोड़ से अधिक महिलाओं को 19,212 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मध्यप्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से की गई थी। हर महीने 1250 रुपये की राशि से न केवल उनकी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा हो रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिल रहा है। डॉ. मोहन यादव ने इस योजना को सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव का माध्यम भी बनाया है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में यह योजना अब तक सवा करोड़ से अधिक महिलाओं तक पहुंच चुकी है और इसके तहत 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। लाड़ली बहना योजना से मध्यप्रदेश की महिलाओं के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं। योजना से प्रतिमाह मिलने वाली मासिक सहायता राशि ने जहां एक तरफ महिलाओं को छोटे-मोटे खर्चों के लिए आत्मनिर्भर बनाया है वहीँ इससे वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हुई हैं। यहीं नहीं इस योजना ने महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाया है। वे अब अपने परिवार और समाज में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
प्रदेश सरकार के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना को बंद करने की विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई थी और इसे हर हाल में जारी रखा जाएगा। विपक्ष के दावों को झूठा करार देते हुए सरकार ने कहा कि यह योजना न केवल निर्बाध रूप से जारी रहेगी, बल्कि भविष्य में इसका दायरा और बढ़ाया जाएगा। डॉ. मोहन यादव ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाते हुए भविष्य में इसकी राशि को बढ़ाने का वादा भी प्रदेश की जनता से किया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने हाल ही में घोषणा की कि भईया दूज के साथ लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। उनके द्वारा पिछले दिनों कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस राशि को 3,000 रुपये तक बढ़ाने की बात भी कही है। यह निर्णय महिलाओं के लिए आर्थिक स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। डॉ. मोहन यादव ने सुनिश्चित किया कि योजना की राशि समय पर और पारदर्शी तरीके से लाभार्थियों के खातों में पहुंचे।
डॉ. मोहन यादव की संवेदनशीलता, जमीनी जुड़ाव और योजना को और बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता ने इसे और प्रभावी बनाया है। यह योजना निश्चित रूप से मध्य प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण का एक नया अध्याय लिख रही है और इसके लिए डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शिता और नेतृत्व को श्रेय जाता है। इस योजना के पीछे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच और संकल्प है जिन्होंने न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है बल्कि उनके चेहरों पर मुस्कान भी लौटाई है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि यह योजना उनकी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता में है और इसे भविष्य में और सशक्त किया जाएगा। डॉ.मोहन यादव की प्रतिबद्धता ने महिलाओं के बीच भरोसा कायम रखा है। इसके अलावा योजना की राशि को समय पर हस्तांतरित करने से लाडली बहनाओं के बीच भरोसा बरकरार है। हर महीने की 10 से 15 तारीख के बीच राशि हस्तांतरण का उत्सव पूरे प्रदेश में देखा जा सकता है।
डॉ. मोहन यादव की सरकार ने लाड़ली बहना योजना के अलावा भी महिलाओं के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। एक तरफ अब तक जहाँ 850 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई जिससे एक लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं वहीँ 19 लाख से अधिक बालिकाओं को सेनिटेशन और हाइजीन योजना के तहत 57 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि दी गई। आज सरकार द्वारा महिलाओं को छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षण और ऋण सुविधाएं आसानी से प्रदान की जा रही हैं। ये सभी प्रयास डॉ. मोहन यादव की उस सोच को दर्शाते हैं जिसमें महिलाएं न केवल परिवार की रीढ़ हैं, बल्कि राष्ट्र , समाज और अर्थव्यवस्था की प्रगति में भी बराबर की भागीदार हैं।
लाड़ली बहना से जुडी प्रदेश की महिलाओं के चेहरे इन दिनों ख़ुशी से खिले हुए हैं। इस बार उनके मोहन भैया 27 वीं किश्त के साथ रक्षाबंधन का शगुन भी देने वाले हैं। 7 अगस्त को लाड़ली बहनों के खातों में 250 रुपए की अतिरिक्त राशि दी जायेगी, जो रक्षाबंधन पर भाई की तरफ से छोटा सा उपहार है। यह राशि प्रतिमाह मिलने वाली 1250 रुपए से अतिरिक्त होगी। मोहन भैया रक्षाबंधन पर नरसिंहगढ़ से 250 रू का शगुन देकर लाड़ली बहनों का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना को भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रक्षा-सूत्र केवल धागा नहीं लाड़ली बहनों की रक्षा, सहयोग और स्वप्नों को साकार करने का संकल्प भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के मिशन को विजन बनाते हुए डॉ. मोहन यादव का लक्ष्य मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करना और हर महिला को आत्मनिर्भर बनाना है। डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश की महिलाएं मेरी बहने हैं यह मेरा मान है, सम्मान है, बहनों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार कृत संकल्पित है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि जैसे मोदी सरकार लोकसभा-विधानसभा में बहनों को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, उसी तरह हमारी सरकार भी महिलाओं के रोजगार और उनकी आर्थिक तरक्की के लिए संकल्पित है।
डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लाड़ली बहना योजना ने मध्यप्रदेश की महिलाओं के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा है। यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के आत्मसम्मान, स्वतंत्रता, और सपनों को पंख देने का माध्यम बनी है। डॉ.यादव की संवेदनशीलता, दृढ़संकल्प और समर्पण ने रक्षाबंधन पर प्रदेश की करोड़ों लाड़ली बहनों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई है।
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