Wednesday 7 April 2010

कैसे जीतेंगे आरूषी के परिजन न्याय की लडाई................

आज बात आरूषी से शुरू कर रहा हू...... यह आरूषी नॉएडा वाली नही है.............यह है मध्य प्रदेश की एक मासूम आरूषी छोटी बच्ची जिसकी उम्र महज 5 माह है........बच्ची के परिजनों से मैं मुखातिब पिछले माह हुआ.....उस समय इस केस की कई रिपोर्टिंग करनी पड़ी .... आरूषी की जान तो बच गयी लेकिन इस नन्ही बच्ची के गुन्हेगारो को अभी तक सजा नही मिल पायी है.......


सरकारी अस्पतालों में मरीजो की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ होना कोई नयी बात नही है..... यहाँ पर एक आम आदमी की तभी सुनी जाती है जब उसकी किसी बड़े अधिकारी से पकड़ हो.... सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले आना कोई नयी बात नही है...

भोपाल में एक बार फिर इस तरह की लापरवाही का नया मामला सामने आया है.... जहाँ एक इन्क्युबेटर में २ महीने की छोटी बच्ची आरूषी झुलस गयी....राजधानी में हमीदिया के कमला नेहरु अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आ गयी...


... इस नन्ही बच्ची ने अभी सही से उठना ,समझना, तक नही सीखा था की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उसकी जिन्दगी पर भारी पड़ गयी... इन्क्युबेटर में यह बच्ची जिन्दगी और मौत से जूझ रही थी......शुक्र है ऊपर वाले का ये बच्ची सलामत है... अभी इसका इंदौर के बाम्बे अस्पताल में इलाज चल रहा है.....

गाडरवाडा निवासी इन्द्रपाल सिंह राजपूत की पत्नी प्रीती ने २३ जनवरी को एक निजी अस्पताल में आरूषी को जन्म दिया...ये बच्ची सादे सात माह में पैदा होने के कारन कमजोर थी इसी के चलते उसे कमला नेहरु अस्पताल रेफेर कर दिया गया...

पीलिया होने के कारन अस्पताल प्रबंधन ने इन्क्युबेटर में रख दिया...उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों का बच्ची से मिलना बंद कर दिया... १५ दिन बाद प्रबंधको ने बतायब उनकी बच्ची इन्क्युबेटर के लैम्प के गिर जाने के कारन जल गयी...


बच्ची के उपर लैम्प गिर जाने के कारन उसके दाए हिस्से और हाथ गंभीर रूप से जल गए...अस्पताल प्रबंधन पूरे १५ दिनों तक मूकदर्शक बना रहा..अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आलम देखिये...माँ बाप से बिना पूछे उन्होंने नन्ही मासूम आरूषी के हाथ की २ उंगलिया भी काट डाली...इसके बाद माता पिता की भी २६ फरवरी की अस्पताल से बच्ची सहित छुट्टी करवा दी ...


इसके बाद आरूषी के परिजनों ने ११ मार्च को कमला नेहरु अस्पताल के खिलाफ कोहेफिजा थाणे में रिपोर्ट दर्ज करवा डी.... लेकिन पुलिस विभाग की लापरवाही का आलम भी देखिये आज तक आरूषी के परिजनों को न्याय नही दिला सके॥

लापरवाही का आलम इस घटना से बखूबी समझा जा सकता है...अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक नन्ही मासूम की जिन्दगी तबाह हो गयी...हालाँकि अभी उसका इलाज चल रहा है॥ लेकिन चिकित्सको का कहना है उसकी हालत तभी सही हो पाएगी जब वह बच्ची बड़ी हो जायेगी ....कम से कम १० साल बाद प्लास्टिक सर्जरी से उसका चेहरा एक आम आदमी जैसा हो पायेगा...


इस घटना को देखकर मेरा दिल बहुत द्रवित हो गया.... लेकिन क्या करे पत्रकारिता में ऐसे मौके आते रहते है... अपन का काम तो चलता रहता है...परिस्थितिया कैसी भी हो , पत्रकारिता तो करनी ही पड़ती है....

जैसे ही फ़ोन के द्वारा मुझे इस घटना की खबर मिली तो मैं अपने कैमरामेनको लेकर बच्ची के परिजनों के पास दौड़ा...पहले तो बच्ची के माता पिता कुछ बोलने को तैयार नही थे......माहौल ऐसा नही था की उनसे कैमरे के सामने कुछ बुलवा सकता... लेकिन क्या करे रिपोर्टिंग के दौरान कई मौके ऐसे आते है जब आपको माहौल के हिसाब से अपने को ढालना पड़ता है.....

मैंने भी समझ बूझ से बच्ची के माता पिता को बाईट देने पहले दिन राजी किया... पहले दिन जब अपनी खबर चैनल में चली तो उसके बाद अगले दिन सभी जगह यह खबर सुर्खिया बटोरने लगी...

अगले दिनबच्ची के माता पिता ने सहयोग दिया ... शायद उनको भी यह बात महसूस हो गयी ,मीडिया भी आरूषी के मामले को उठा रहा है जिसका फायदा उनको मिल रहा है... ह्यूमन राईट कमीशन की शुभ्रा पचौरी से अगले दिन अस्पताल में मेरी मुलाकात हो गयी... उन्होंने बाईट दी और कहा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा...

उन्होंने बच्ची के परिजनों की ख़राब हालत के मद्देनजर मुख्यमत्री से मांग रखी .... वह बच्ची का खर्चा उठाए.... अगले रोज सीं ऍम की पत्नी खुद जवाहर चौक के अस्पताल आरूषी का हाळ चाल जानने पहुची... उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया....

फिर अगले दिन मुख्य मत्री खुद अस्पताल पहुचे और आरूषी का इलाज सरकार द्वारा उठाने की बात कही......... ये मीडिया का असर था जब इस मामले में सरकार सचेत हो गयी..... जो भी हो ये घटना मेरे लिए यादगार रही....


आरूषी के पिता जी से कल अपनी बात हुई है... उन्होंने कहा आरूषी जल्द ठीक हो रही है...... प्लास्टिक सर्जरी तो १० साल बाद होगी..... लेकिन मुझे दुःख इस इस बात का है अभी तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हो पायी है....

शुभ्रा पचौरी मैडम से अपनी इस सम्बन्ध में बात हुई है उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया है..... देखना है परिजनों को न्याय मिलता है या नही?

3 comments:

Jandunia said...

क्या इस लापरवाही की सजा मिलेगी।

Urmi said...

आखिर कब न्याय मिलेगा? इस लापरवाही की सजा ज़रूर मिलनी चाहिए! उम्दा प्रस्तुती!

hem pandey said...

एक आरुषि मीडिया के चलते प्रकाश में आ गयी, अनेकों आरुषि अन्याय और लापरवाही का शिकार हो रही हैं.