Thursday, 31 July 2025

बिहार तक गूंजेगी मध्यप्रदेश के निषादराज सम्मेलन की गूँज


बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में 12 जुलाई को आयोजित हुआ निषादराज सम्मेलन न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके गहरे सियासी मायने भी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य मछुआ समुदाय को सशक्त बनाना, उनकी परंपराओं का सम्मान करना और सामाजिक सदभाव को बढ़ावा देना है। निषादराज सम्मेलन रामायण के पात्र निषादराज गुह से प्रेरित रहा जिन्हें प्रभु श्री राम के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण के लिए जाना जाता है।निषादराज ने प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और सीता माता को गंगा पार करने में सहायता प्रदान की थी जिसे सामाजिक समरसता का बड़ा प्रतीक माना जाता है। इस तरह के बड़े सम्मेलन का आयोजन देश के हृदयप्रदेश मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक नगरी उज्जैन में करके मोहन सरकार ने निषाद समुदाय को यह संदेश दे रही है कि वह विरासत से विकास के अपने विजन पर मजबूती के साथ काम कर रही है। यह कदम सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस समुदाय के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने की रणनीति का एक हिस्सा भी है।

मध्यप्रदेश में मछुआ समुदाय की आबादी विशेष रूप से उज्जैन, नरसिंहपुर और होशंगाबाद में उल्लेखनीय है। यह समुदाय परंपरागत रूप से मत्स्य पालन और नदी-आधारित आजीविका पर निर्भर है। हालांकि यह समुदाय ओबीसी समुदायों जितना प्रभावशाली नहीं है फिर भी यह कई विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों को प्रभावित करता दिखाई देता है। निषादराज सम्मेलन के आसरे भाजपा इस समुदाय को मुख्यधारा में लाने और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति को बेहतर करने की दिशा में अपने कदम मजबूती एक साथ प्रदेश की सियासत में बढ़ा रही है।

मध्यप्रदेश आज मत्स्य उत्पादन और मछुआ समाज के सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना जैसे नवाचारों ने हजारों मछुआरों के जीवन में नई आशा की किरण जगाई है। ड्रोन और जीपीएस प्रणाली जैसे नवाचार और योजनाएँ मध्यप्रदेश को मत्स्य पालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सधे हुए कदम हैं। इससे ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 22 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर का भूमि-पूजन और इंदिरा सागर बांध में लगभग 92 करोड़ लागत से 3360 केज परियोजना का वर्चुअल भूमि-पूजन किया और कहा कि अब मछली पालन सिर्फ पारम्परिक कार्य नहीं, एक आधुनिक उद्योग है। इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा और सरकार मस्त्य पालन के लिए मछुआरों को अनुदान देगी। इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। सरकार के प्रयासों से भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदिरा सागर सहित अन्य जलाशयों में 3 लाख से अधिक केज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मछलीघर का निर्माण किया जा रहा है। आज प्रदेश में वर्तमान में 4.4 लाख हेक्टेयर में मछली पालन कार्य हो रहा है।वर्ष 2024-25 में प्रदेश का मछली उत्पादन 3.81 लाख मैट्रिक टन रहा। प्रदेश में लगभग 2 लाख से अधिक मत्स्य पालक पंजीकृत हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया है, जिसका लाभ मछुआरों को भी मिल रहा है।

मध्यप्रदेश की सियासत में जातिगत समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वोटरों ने भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया था जिसके चलते कांग्रेस सत्ता में आई। हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुए दलबदल के बाद भाजपा ने फिर से सत्ता हासिल की। वहीँ 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद पार्टी 2028 के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के लिए अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है। डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में निषाद समुदाय को साधने का प्रयास इसी रणनीति का हिस्सा है। यह समुदाय एक दौर में परंपरागत रूप से कांग्रेस या अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ जुड़ा रहा है अब बिहार ,बंगाल, यूपी जैसे राज्यों के चुनावों में भाजपा के लिए संजीवनी बन सकता है।

डॉ. मोहन यादव ने निषादराज के आयोजन से एक तीर से दो निशाने खेलने की कोशिश की है। पहला सम्मेलन केवल निषाद समुदाय तक सीमित नहीं है। इसका सन्देश अन्य समुदायों में भी जाएगा जिनकी संख्या प्रदेश में कम है। दूसरा यह सम्मेलन मोदी सरकार की सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में एक नई लकीर खींचेगा जिसकी गूंज आने वाले बिहार चुनावों में सुनाई देगी जिसको कैश कराने की भाजपा पूरी कोशिश करेगी। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से लगभग 45 सीटों पर निषाद और मांझी जातियों का प्रभाव माना जाता है जो राज्य में किंगमेकर मानी जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने भाषणों में दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा में लाने की बात कही है। यह सम्मेलन उसी दिशा में एक कदम है जो सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के साथ-साथ 'सबका साथ- सबका विकास और सबका विश्वास ' की छवि को मजबूत करता है। इसके अलावा बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इस तरह के बड़े आयोजन का होना विरासत से विकास के पीएम मोदी के विजन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

मध्यप्रदेश की सियासत में निषादराज सम्मेलन का आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक है जो निषाद समुदाय के सशक्तिकरण के साथ-साथ बिहार में भाजपा के निषाद और मांझी वोटबैंक को मजबूत करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा आने वाले दिनों में बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की महाकाल की नगरी उज्जैन में उपस्थिति और बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की घोषणा इस समुदाय को यह विश्वास दिलाने का प्रयास है कि भाजपा मछुआ समुदाय के हितों के प्रति संवेदनशील है। 2023 के चुनावों में कांग्रेस ने भी मछुआ समुदाय को लुभाने के लिए कई वादे किए थे लेकिन सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। अब निषादराज सम्मेलन के जरिए भाजपा द्वारा इस समुदाय को देने वाली सौगातें विपक्षी दलों की भविष्य में मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

बिहार में भी मछुआ समुदाय की आबादी भी आगामी चुनावों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। राज्य के 38 जिलों में मछुआ समुदाय विभिन्न क्षेत्रों में अपनी आजीविका के लिए मत्स्य पालन पर निर्भर है। मध्यप्रदेश में निषादराज सम्मेलन के सफल आयोजन की गूंज अब बिहार के गाँवों और पंचायतों तक पहुंचना तय है। मध्यप्रदेश में निषादराज सम्मेलन के माध्यम से लिए गए निर्णयों को भाजपा आगामी बिहार चुनाव में भुनाने की पूरी तैयारी करेगी जिसके केंद्र में उसके स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रहेंगे। मध्यप्रदेश सरकार के इस आयोजन ने यह दिखाया है कि परंपराओं का सम्मान और विकास एक साथ चल सकते हैं। बिहार अब इस एमपी मॉडल को अपनाकर भविष्य में अपने मछुआ समुदाय को सशक्त बना सकता है। इस सम्मेलन ने निषाद समाज की परंपराओं को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का बेहतरीन प्रयास किया है।

Saturday, 26 July 2025

लगातार आ रहा निवेश,मोहन के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

 देश का हृदयस्थल कहा जाने वाले मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व में हाल के वर्षों में औद्योगिक और आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक नया गढ़ बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी दूरदर्शी नीतियों के माध्यम से मध्यप्रदेश में निवेश को आकर्षित करने और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उनकी इन्वेस्टर्स फ्रैंडली नीतियों और ग्लोबल स्तर पर मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग करने की कारगर रणनीति ने राज्य को निवेश का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने न केवल निवेश के मोर्चे पर अनेक सफलताएं हासिल की है, बल्कि आर्थिक विकास और औद्योगिक नवाचार में भी नई ऊँचाइयाँ छुई हैं।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए अनुकूल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने अनेक इन्वेस्टर्स फ्रेंडली-मित्र नीतियाँ लागू की हैं, जो निवेशकों को आकर्षित करने में सहायक सिद्ध हुई हैं। मध्यप्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, वन संपदा, निरंतर बिजली आपूर्ति और सड़क, रेलवे, व वायु मार्ग का मजबूत नेटवर्क होने के चलते यहाँ पर वर्तमान में निवेशकों के लिए एक आदर्श माहौल मिल रहा है। मोहन सरकार की निवेश नीति निवेशकों के लिए अत्यंत अनुकूल है। यहाँ पर स्टार्ट-अप्स को विशेष प्रोत्साहन और उद्योगों के लिए समयबद्ध अनुमतियाँ सुनिश्चित की जाती हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की जिससे प्रदेश के हर कोने में औद्योगिक विकास को नई गति मिल रही है। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर , नर्मदापुरम जैसे शहरों में आयोजित इन कॉन्क्लेव्स ने स्थानीय स्तर पर निवेशकों को आकर्षित किया है। आज उद्योगपति मोहन सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों की सराहना कर रहे हैं। ये कॉन्क्लेव न केवल राज्य में व्यापक निवेश को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि इससे स्थानीय उद्यमियों और छोटे-मध्यम उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने एमएसएमई सेक्टर के लिए 5000 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है, जिससे छोटे निवेशकों की बांछे खिली हुई हैं। मोहन सरकार ने अपने कार्यकाल में औद्योगिक विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया है जिसमें औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के साथ स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने पर जोर दिया गया है। इस पहल से रोजगार के नए अवसर न केवल मिलेंगे बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। हाल ही में लुधियाना में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में एमपी को 15,606 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इसका जीता जागता उदाहरण रहा जहाँ मोहन का मैजिक इस कदर चला कि इस समिट में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जो प्रदेश के आर्थिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे पहले भी एमपी में निवेशक सम्मेलन आयोजित होते रहे लेकिन बड़े निवेश के प्रस्ताव राज्य को नहीं मिल पाए। डॉ. मोहन यादव की मजबूत इच्छा शक्ति का परिणाम है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उन्होनें देश और दुनिया में एमपी की पताका फहरा दी। मध्यप्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को एक महत्वपूर्ण मंच बनाया है। भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को आयोजित इस समिट ने 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों को आकर्षित किया जो मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की कुशल रणनीति को जाता है जिसमें देश और विदेश में बड़े रोड शो आयोजित किए गए। इसी तरह से उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर, नर्मदापुरम जैसे शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जिससे राज्य के सभी हिस्सों में निवेश को प्रोत्साहन मिला। इन समिट्स ने लगभग 75,000 रोजगार अवसर सृजित किए। इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों जैसे एविएशन, आईटी, कृषि और शहरी विकास में निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मोहन के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अब केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन रहा है।

27-31 जनवरी 2025 को हुई डॉ. मोहन यादव की जापान यात्रा मध्यप्रदेश के निवेश परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम थी। इस यात्रा के दौरान जापान को GIS 2025 में ‘पार्टनर कंट्री’ के रूप में शामिल किया गया। जापान की प्रमुख कंपनियाँ जैसे टोयोटा, ब्रिजस्टोन, योकोगावा, यूनिक्लो, और पैनासोनिक ने समिट में भाग लिया और एमपी में इन्वेस्टमेंट करने में दिलचस्पी दिखाई। इस यात्रा में कृषि, डेयरी-फूड प्रोसेसिंग, फिनटेक, आईटी, रोबोटिक्स, फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल, शहरी-औद्योगिक बुनियादी ढांचा, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर फोकस किया गया।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल के वर्षों में अपनी विदेश यात्राओं के माध्यम से राज्य को वैश्विक निवेश के नक्शे पर स्थापित करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उनकी रणनीतिक और लक्ष्य-केंद्रित यात्राएँ, विशेष रूप से यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान, दुबई और स्पेन जैसे देशों में मध्यप्रदेश को औद्योगिक और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई हैं। इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रचारित करना रहा। डॉ.मोहन यादव की विदेश यात्राओं में प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापारिक संगठनों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ अनेक वन-टू-वन बैठकें हुई। इन बैठकों में मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीतियों, निवेश के अवसरों और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को प्रभावी ढंग से बड़े मंच पर प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा राज्य की सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को भी वैश्विक मंच पर उजागर किया गया जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक क्षेत्र में एमपी के कद में इजाफा हुआ है।

डॉ.मोहन यादव की नवंबर 2024 में यूके और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बना दिया। इस दौरान यूके के लंदन और बर्मिंघम, साथ ही जर्मनी के म्यूनिख और स्टटगार्ट में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठकें की गईं। इन बैठकों के परिणामस्वरूप 78,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र शामिल थे। एक तरह यूके में वारविक यूनिवर्सिटी के साथ शैक्षणिक और शोध सहयोग पर चर्चा हुई वहीँ दूसरी तरह जर्मनी में एसएफसी एनर्जी और लेप ग्रुप जैसे संस्थानों के साथ तकनीकी साझेदारी की संभावनाएँ तलाशी गईं।इसी तरह से जनवरी 2025 में जापान की चार दिवसीय यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल और प्रोसेस्ड फूड जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए जापानी कंपनियों के साथ सकारात्मक चर्चाएँ की। इस यात्रा ने मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए जापानी निवेशकों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की।हाल ही में सम्पन्न दुबई यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने डीपी वर्ल्ड, जेबेल अली फ्री ज़ोन (जाएफजा) और भारतीय उद्यमियों के साथ रणनीतिक बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत मार्ट जैसे वैश्विक व्यापार केंद्र की स्थापना पर सहमति बनी। बीएमडब्ल्यू डेवलपर्स (2,750 करोड़), कोनारेस मेटल (640 करोड़) और रिलायंस डिफेंस (250 करोड़) जैसे निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि ने भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। स्पेन के बार्सिलोना और मैड्रिड में मोहन यादव ने टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और डाटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। बार्सिलोना में सबमर कंपनी के साथ 3,800 करोड़ रुपये के डाटा सेंटर की स्थापना के लिए एमओयू साइन किया गया। रॉका ग्रुप के साथ देवास में 164.03 करोड़ रुपये के निवेश और 445 लोगों को रोजगार प्रदान करने पर संतुष्टि व्यक्त की गई। हेलोटेक्स ग्रुप के साथ वस्त्र उद्योग के विस्तार और एसएसएल-कोटिंग्स के साथ टिकाऊ सड़क निर्माण तकनीक टेरा-3000 पर चर्चाएँ हुई।स्पेन में लालीगा लीग मुख्यालय के दौरे के दौरान फुटबॉल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेनिश कोचिंग आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सहमति बनी जिससे मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों जैसे साँची और भीमबैठका का वैश्विक प्रचार होगा। स्पेन में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अपनी यात्राओं के दौरान मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षमता को भी बेजोड़ ढंग से प्रस्तुत किया। स्पेन में प्रवासी भारतीय समुदाय से मुलाकात के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति की तुलना दूध में शक्कर घुलने से की और मध्यप्रदेश की समृद्ध विरासत को उजागर किया। इस यात्रा में उज्जैन, खजुराहो, साँची जैसे पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर एक नयी पहचान मिली जिससे पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर इजाफा होगा।

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की दुबई और स्पेन यात्रा से 11,000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ जिससे 15,000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए। इन विदेश यात्राओं के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश को अब तक कुल 31,551 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनसे 17,827 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को न केवल औद्योगिक बल्कि आध्यात्मिक और वेलनेस हब के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। पिछले दिनों उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 में 1950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस समिट ने मध्यप्रदेश को भारत के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मेडिसिटी की स्थापना और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के साथ समझौता इस दिशा में उनकी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन जैसे आध्यात्मिक संगठनों ने भी उज्जैन में केंद्र स्थापित करने के लिए पत्र सौंपा है जो प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को और समृद्ध करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव  ने अचारपुरा में 406 करोड़ के निवेश वाली 5 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया और  8 उद्योगों के निवेशकों को भूमि आवंटन के आशय-पत्र भी सौपें  जिसमें 406 करोड़ रूपये का निवेश और 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर पहले से ही विशेष जोर दिया है। आज मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली, उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हैं। अब प्रदेश में उद्योग-अनुकूल नीतियां निवेशकों को इन दिनों खूब लुभा रही हैं। सरकार द्वारा निवेशकों को 'प्लग एंड प्ले' मॉडल, तेज़ स्वीकृति प्रक्रियाएँ और बेहतर लॉजिस्टिक्स जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए कस्टमाइज्ड नीतियां, सिंगल विंडो सिस्टम को प्रोत्साहन और विभिन्न विभागों की तरफ से विशेष सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है जो निवेशकों के लिए अतिरिक्त बूस्टर डोज का काम कर रहा है। नीति आयोग ने भी मध्यप्रदेश को तेजी से प्रगति करने वाले राज्यों में अग्रणी माना है जो मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व की व्यापक प्रभावशीलता को दिखा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन मध्यप्रदेश को 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 6% योगदान देने वाला राज्य बनाना है। भारतीय उद्योग परिसंघ की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2047-48 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। डॉ. मोहन यादव का कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व मध्यप्रदेश को न केवल औद्योगिक और शहरी विकास में बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी एक ग्लोबल पहचान दिलाने की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने बेहद कम समय मे निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। यह न केवल मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति का प्रतीक है बल्कि भारत के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस निवेश ने मध्यप्रदेश को निवेशकों के लिए न केवल एक आदर्श डेस्टिनेशन बनाया है बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत बनाने की दिशा में यह एक सधा हुआ कदम है।



Thursday, 24 July 2025

सफल रहा डॉ. मोहन यादव का स्पेन दौरा, एमपी बनेगा निवेश और रोजगार का ग्लोबल हब

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का हालिया स्पेन दौरा राज्य के आर्थिक और तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह दौरा केवल एक अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक यात्रा नहीं था, बल्कि मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश, नवाचार और तकनीकी सहयोग के मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करने का एक सशक्त प्रयास भी था। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों के चलते आज एमपी विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने दौरे में स्पेन के उद्योगपतियों और निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। स्पेन दौरे के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को वैश्विक मंच पर एक उभरते हुए निवेश-अनुकूल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया।

डॉ. मोहन यादव ने बार्सिलोना और मैड्रिड जैसे प्रमुख स्पेनिश शहरों का दौरा किया और वहां की विभिन्न औद्योगिक, तकनीकी और नवाचार केंद्रित संस्थाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश संभावनाओं, श्रमशक्ति, संसाधनों और सरकार की इन्वेस्टर्स फ्रैंडली नीतियों को प्रस्तुत करते हुए विदेशी निवेशकों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।मध्यप्रदेश को स्पेन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “ इन्वेस्ट इन एमपी ” पहल के तहत वैश्विक निवेश मंच पर बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया। डॉ. मोहन यादव ने बार्सिलोना और मैड्रिड जैसे प्रमुख स्पेनिश शहरों का दौरा किया और वहां की विभिन्न औद्योगिक, तकनीकी और नवाचार केंद्रित संस्थाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में उपलब्ध निवेश संभावनाओं, श्रमशक्ति, संसाधनों और सरकार की नीतियों को प्रस्तुत करते हुए विदेशी निवेशकों को राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। मध्यप्रदेश को एक ईको फ्रेंडली टेक्सटाइल हब के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रस्तुत किया गया। पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क की स्पेन के निवेशकों के बीच जबरदस्त ब्रांडिंग की गई जहाँ निवेश की संभावनाओं पर सीएम का पूरा जोर रहा। मैड्रिड में आयोजित 'इन्वेस्ट इन मध्य प्रदेश बिजनेस फोरम' में मुख्यमंत्री ने निवेशकों को संबोधित किया। उन्होंने मध्य प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं, निवेश-अनुकूल नीतियों और लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, टेक्सटाइलऔर नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने भारत और स्पेन के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समानताओं का उल्लेख करते हुए दोनों देशों को "भाई-भाई" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने स्पेन के साथ भारत के 9.32 बिलियन डॉलर के व्यापारिक संबंधों को रेखांकित किया और इसे और मजबूत करने की संभावनाओं पर जोर दिया। स्पेन की अग्रणी कंपनियों और संस्थानों के साथ मुख्यमंत्री ने कई समझौतों और प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया। विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट सिटी विकास, स्वच्छ जल प्रबंधन, एग्रीटेक और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं पर सकारात्मक बातचीत हुई। फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, हरित ऊर्जा, खनन सहित कई क्षेत्रों में निवेश के नए द्वार मुख्यमंत्री डॉ.यादव के स्पेन दौरे ने खोले हैं।

बार्सिलोना में कई महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने डेटा सेंटर कूलिंग तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाली कंपनी सबमर के मुख्यालय का दौरा किया और मध्यप्रदेश में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संभावित निवेश और साझेदारी पर चर्चा की। स्पेन यात्रा में सबमर के साथ मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम का एक समझौता हुआ जिसके तहत टिकाऊ डेटा सेंटर और इमर्शन कूलिंग तकनीक पर सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। यह मध्यप्रदेश को एआई और डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध परिधान कंपनी इन्डिटेक्स के साथ टेक्सटाइल सेक्टर में सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। रॉका ग्रुप और हेलोटेक्स ग्रुप जैसी नामी गिरामी कंपनियों के साथ भी कई बैठकें हुई जिनमें टेक्सटाइल, सेनेटरीवेयर और टिकाऊ सड़क निर्माण तकनीक जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं तलाशी गई। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने स्पेन के निवेशकों को मध्य प्रदेश की 18 औद्योगिक नीतियों और सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं से अवगत कराया जो इसे निवेश के लिए आकर्षक बनाती हैं।विश्व की अग्रणी टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक उच्च स्तरीय राउंड टेबल बैठक की। बैठक ने मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने और यूरोपीय टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बैठक में यूरोपीय टेक्सटाइल मशीनरी कंपनियों को मध्यप्रदेश में अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर आमंत्रित किया गया। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना से लेकर भारतीय और यूरोपीय कंपनियों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने हुए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और नॉलेज एक्सचेंज की संभावनाओं पर गहन मंथन हुआ ।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बार्सिलोना स्थित फीरा दे बार्सिलोना मोंटजुइक मेला परिसर का भी दौरा किया। 1932 में स्थापित यह केंद्र बार्सिलोना के ऐतिहासिक मोंटजुइक क्षेत्र में स्थित है, जो सांस्कृतिक और स्थापत्य कला के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह यूरोप के सबसे बड़े व्यापार मेलों में से एक है। यहां उन्होंने स्मार्ट सिटी मॉडल को समझा और मध्यप्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के निवेश सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री के इस दौरे का मुख्य मकसद स्पेन के स्मार्ट सिटी मॉडल, एनवायरमेंटल मैनेजमेंट, अर्बन मोबिलिटी और इनोवेशन सिस्टम का अवलोकन करना था, जिससे मध्यप्रदेश में भी विकास को तेज गति दी जा सके।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 250 एकड़ में फैले विशाल कैंपस मर्काबारना के फल-सब्जी बाजार का भी दौरा किया और कैटेलोनिया के विदेश मंत्री जैम डच गुइलोट के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि यहां फलों और सब्जियों की क्वालिटी, पैकिंग, प्रोसेसिंग और वितरण की आधुनिक व्यवस्था किसानों के लिए अनुकरणीय मॉडल है। मध्यप्रदेश में फलों का उत्पादन बढ़ रहा है। ऐसे में इस तरह के बाजार मॉडल से राज्य के किसानों को लाभ मिल सकता है । मुख्यमंत्री मोहन यादव के स्पेन दौरे के दौरान सबमर टेक्नोलॉजीज ने मध्यप्रदेश सरकार के साथ एमओयू साइन किया। इस समझौते का उद्देश्य प्रदेश में टिकाऊ डेटा सेंटर स्थापित करना और निवेश को बढ़ावा देना है। सबमर कंपनी इमर्शन कूलिंग सॉल्यूशन और ग्रीन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करेगी जिससे मध्यप्रदेश के विकास को नई दिशा मिलेगी।

स्पेन की सोलर और विंड एनर्जी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में उत्पादन इकाइयां लगाने में रुचि दिखाई।बार्सिलोना के तकनीकी स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर्स के साथ साझा शोध और स्टार्टअप सहयोग की पहल की गई। स्पेन की पर्यटन कंपनियों ने मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को वैश्विक मंच पर प्रमोट करने में रुचि दिखाई।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्पेन दौरे से न केवल राज्य में बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे युवाओं के लिए उच्च तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। मोहन सरकार की मंशा है कि स्पेन के साथ मिलकर स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम्स की शुरुआत की जाए ताकि युवा वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रशिक्षित हो सकें। इस दौरे से मध्यप्रदेश और स्पेन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सहयोग की संभावनाओं को बल मिला। विश्वविद्यालय स्तर पर छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान, शोध परियोजनाएं और भाषाई अध्ययन कार्यक्रमों की अनगिनत संभावनाएं इस दौरे में तलाशी गई। निवेश प्रस्तावों के माध्यम से नए उद्योगों की स्थापना से हजारों युवाओं को मध्यप्रदेश में रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।

ला -लीगा (स्पेनिश फ़ुटबॉल लीग) के साथ साझेदारी एक बड़ी पहल है जिससे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों का प्रशिक्षण, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोज़र बढ़ेगा। स्पेन फिल्म कमीशन के साथ फिल्म निर्माण, स्किलिंग, को‑प्रोडक्शन, फेस्टिवल एक्सचेंज पर भी कई समझौते हुए हैं।इसके अतिरिक्त, स्पेन फिल्म आयोग और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन फर्म ‘पॉपुलस’ के साथ बैठकों में फिल्म शूटिंग और आधुनिक खेल अधोसंरचना विकास पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ। एफसी बार्सिलोना फाउंडेशन जैसे संगठनों के साथ खेल, युवा नेतृत्व और जीवन कौशल कार्यक्रमों में साझेदारी की संभावनाएं तलाशी गई। दोनों ने स्मार्ट सिटी, शहरी परिवहन और हरित भवनों के क्षेत्र में भी तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह के निर्माण पर सहमति जताई।सीएम डॉ. मोहन यादव और कैटेलोनिया के विदेश मंत्री के बीच मध्यप्रदेश के विश्व धरोहर स्थलों खजुराहो, सांची और भीमबेटका को यूरोप में प्रमोट करने के लिए संयुक्त पर्यटन प्रचार अभियान चलाने पर भी चर्चा हुई। इसी तरह इंडीटेक्स के साथ पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल का भी स्वागत किया जाना चाहिए। इस दौरे में आईआईटी इंदौर, आईआईएसईआर भोपाल और बार्सिलोना के विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है जिससे शिक्षा एवं सांस्कृतिक सहयोग में एक बड़ी लकीर खिंचेगी। स्पेन फिल्म कमीशन के साथ एमओयूएमपी को फिल्म और पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुचायेंगे। स्पेन प्रवास में  सीएम डॉ.यादव ने  बार्सिलोना के तीन प्रमुख स्थलों पार्क गुएल, सागरदा फैमिलिया और पिकासो संग्रहालय का भ्रमण किया और कहा कि मध्यप्रदेश में बार्सिलोना की तरह  थीम बेस्ड पार्क विकसित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास में कला, संस्कृति और धरोहर संरक्षण की अहम भूमिका है और इन धरोहरों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह चार दिवसीय स्पेन दौरा न केवल निवेश की दृष्टि से सफल साबित हुआ है, बल्कि यह मध्य प्रदेश को "हरित, तकनीकी, सांस्कृतिक और निवेश‑केन्द्रित राज्य" के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल देश के हृदयस्थल मध्यप्रदेश को 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' की दिशा में अग्रसर करने के साथ-साथ उसे एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक सधी हुई शुरुआत है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्पेन दौरा मध्यप्रदेश के लिए नवाचार और आर्थिक सहयोग की दृष्टि से भी सफल साबित हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्पेन दौरा मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक नई लकीर खींचने में कामयाब हुआ है। स्पेन दौरे  से न केवल एमपी में ग्लोबल निवेश की संभावनाओं को नए पंख लगेंगे बल्कि यह भारत और स्पेन के बीच सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा देगा। खाद्य प्रसंस्करण, खेल, टेक्सटाइल, डेटा सेंटर,फिल्म निर्माण और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में हुई सकारात्मक चर्चाओं से मध्यप्रदेश में ग्लोबल निवेश को नई गति मिलने की पूरी उम्मीद है।

Tuesday, 15 July 2025

डॉ. मोहन यादव के दुबई दौरे से खुली मध्यप्रदेश में निवेश की नई राहें

भारत का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में औद्योगिक और आर्थिक प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उनके विजन और निवेशकों के प्रति सरकार की पारदर्शी नीतियों ने आज मध्यप्रदेश को देश के सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में से एक बना दिया है। हाल के वर्षों में डॉ. यादव की विदेश यात्राओं और रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे नवाचारों ने राज्य में निवेश की लहर को बूस्टर डोज देने का काम किया है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए बेहतर स्टेट बनाने के लिए 18 प्रकार की पारदर्शी औद्योगिक नीतियां लागू की हैं। इन नीतियों की बदौलत आज निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम, बिजली बिलों में छूट, और जमीन आवंटन में आसानी जैसे लाभ प्राप्त हो रहे हैं। डॉ. यादव ने निवेशकों को आश्वासन दिया है कि मध्यप्रदेश में निवेश करने पर उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनकी यह प्रतिबद्धता निवेशकों के बीच विश्वास जगाने में सफल रही है।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने बेहद कम समय में निवेश, रोजगार सृजन और शहरी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उनकी पारदर्शी नीतियां, वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी और रोजगार व कौशल विकास पर विशेष जोर ने मध्यप्रदेश को आज भारत का सबसे प्रगतिशील राज्य बना दिया है। निवेश के लिए उनकी लगातार हो रही विदेश यात्राएं अब राज्य की आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन की दिशा में एक नया अध्याय लिख रही हैं। डॉ. यादव का यह मिशन मध्यप्रदेश को न केवल निवेश का केंद्र बनाएगा, बल्कि इसे धार्मिक, सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में भी वैश्विक पहचान मिलेगी ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने निवेश के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलताएं प्राप्त की हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से लगभग 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा इंग्लैंड, जर्मन और जापान जैसे देशों से 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जो राज्य में 3 लाख से अधिक रोजगार सृजन की संभावना को दर्शाते हैं। इन निवेशों ने मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल, रिन्यूएबल एनर्जी, खाद्य प्रसंस्करण, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अग्रणी बनाने में मदद की है।हाल ही में लुधियाना में उद्योगपतियों के साथ हुए इंटरेक्टिव सेशन में मध्यप्रदेश को 15,606 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिससे 20,275 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

जहाँ एक तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दुबई यात्रा ने देश के हृदयस्थल मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश के मानचित्र पर एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करने का कार्य किया है वहीँ दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दुबई दौरे ने मध्यप्रदेश में निवेश, रोजगार सृजन और तकनीकी सहयोग की दृष्टि से नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। यह दौरा आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्रों में मध्यप्रदेश की वैश्विक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ है।डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश अपनी औद्योगिक और आर्थिक प्रगति के लिए लगातार प्रयासरत रहा है। हाल के वर्षों में राज्य सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं जिनमें उद्योग-अनुकूल नीतियां, रियायती भूमि आवंटन और पूंजीगत अनुदान जैसे प्रावधान शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव का दुबई दौरा भारत-यूएई व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेश के लिए एक विश्वसनीय केंद्र के रूप में स्थापित करने में सफल साबित हुआ है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुबई में कई प्रमुख वैश्विक कंपनियों और व्यापारिक संगठनों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें की जिनमें लुलु ग्रुप, सराफ डीजी, ईसा एआई अल गुरैर ग्रुप, गल्फ इस्लामिक इन्वेस्टमेंट्स, जी42 इंडिया और टाटा संस मिडिल ईस्ट जैसी कंपनियां शामिल रही। इन बैठकों में स्वास्थ्य, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई। इन बैठकों में मध्यप्रदेश में निवेश के संभावित क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), लॉजिस्टिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा पर चर्चा हुई। विशेष रूप से धार में पीएम मित्रा पार्क (वस्त्र), तामोट और बिलौआ में प्लास्टिक पार्क, उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, पीथमपुर में ऑटो, भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक्स, और देवास में फार्मा क्लस्टर जैसे परियोजनाओं को निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया गया। गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम) के साथ हुई चर्चाओं में आपसी सहयोग की नई संभावनाओं पर विचार किया गया। इसके अलावा जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के साथ बैठक में लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर जोर दिया गया।दुबई में आयोजित "इन्वेस्ट मध्यप्रदेश दुबई बिजनेस फोरम एंड नेटवर्किंग डिनर" इस दौरे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा जहाँ अपनी डिनर डिप्लोमैसी से डॉ. यादव ने निवेशकों को मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं और निवेश-अनुकूल नीतियों से अवगत कराया। एमपी की पर्यटन क्षेत्र में जबरदस्त ब्रांडिंग के लिए और भरपूर निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक राउंडटेबल बैठक का आयोजन भी किया गया जहाँ निवेशकों ने मध्यप्रदेश के पर्यटन की प्रशंसा की।

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में निवेश आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। डॉ. यादव ने बताया कि फरवरी 2025 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जो राज्य की आर्थिक प्रगति का एक मजबूत संकेत है। इसके अलावा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन से भी निवेश के लिए एमपी की जबरदस्त ब्रांडिंग हुई। दुबई दौरे के दौरान भी निवेशकों ने मध्यप्रदेश में विशेष रूचि दिखाई और कई महत्वपूर्ण निवेश प्रस्ताव सामने आए। दुबई दौरे में शराफ डीजी ग्रुप ने लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 30-50 मिलियन डॉलर का प्रस्ताव रखा जबकि कोनेरी ग्रुप ने 75 मिलियन डॉलर के स्टील प्लांट की योजना प्रस्तुत की। इसके अतिरिक्त इंदौर इंटरनेशनल बिजनेस नेटवर्क के एक कार्यक्रम में 25 से अधिक कंपनियों के सीईओ की उपस्थिति में सस्टेनेबल सिटी के लिए 1000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया गया। ये निवेश न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे।

दुबई टेक्सटाइल सिटी के दौरे और टेक्समस एसोसिएशन के साथ इंटरएक्टिव सत्र में डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश के वस्त्र उद्योग की क्षमताओं को प्रस्तुत किया। विशेष रूप से धार में पीएम मित्रा पार्क और अन्य टेक्सटाइल क्लस्टरों को बढ़ावा देने की योजनाओं पर जोर दिया गया। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में यूएई की विशेषज्ञता को मध्यप्रदेश की परियोजनाओं के साथ जोड़ने की संभावनाएं तलाशी गई। ग्रू एनर्जी और जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के साथ हुई चर्चाओं में सतत विकास और पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। डॉ.यादव ने दुबई टेक्सटाइल सिटी में टेक्समस एसोसिएशन परिसर का दौरा किया और वस्त्र उत्पादन तथा निर्यात गतिविधियों का भी अवलोकन किया। इस दौरान एक इंटरएक्टिव सत्र और नेटवर्किंग लंच में मध्यप्रदेश के टेक्सटाइल सेक्टर की क्षमताओं और पीएम मित्रा पार्क जैसी योजनाओं को प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त ग्रू एनर्जी जैसी अग्रणी ग्रीन एनर्जी कंपनी के साथ बैठक में सतत विकास और पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं पर मध्यप्रदेश की प्राथमिकताओं को साझा किया गया।

डॉ. यादव ने यूएई के विदेश व्यापार मामलों के मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ियोदी के साथ भी एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें भारत-यूएई व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। भारत-यूएई सीईपीए (कम्प्रिहेंसिव इकोनॉमि पार्टनरशिप एग्रीमेंट) के तहत मध्यप्रदेश को निवेश और व्यापार के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस बैठक में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के तहत मध्यप्रदेश की भूमिका पर चर्चा हुई। डॉ. यादव ने सौर ऊर्जा, स्मार्ट ऑटोमेशन, एम्बेडेड इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्री 4.0 जैसे क्षेत्रों में यूएई की विशेषज्ञता को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इसके अतिरिक्त, एमिरेट्स एयरलाइंस और दुबई सिविल एविएशन अथॉरिटी के साथ हुई बैठकों में इंदौर और भोपाल से डायरेक्ट फ्लाइट्स और रीजनल कार्गो हब की स्थापना जैसे प्रस्तावों पर सहमति बनी।

डॉ. मोहन यादव का दुबई दौरा केवल आर्थिक और औद्योगिक पहलुओं तक सीमित नहीं रहा। डॉ. यादव ने दुबई में प्रवासी भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ एमपी के साथ भी संवाद किया जिसमें मध्यप्रदेश के पर्यटन की वैश्विक मंच पर ब्रांडिंग की गई। दुबई दौरे के दौरान उज्जैन, खजुराहो और सांची जैसे पर्यटन स्थलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की दिशा में सरकार ने कोई कोर- कसर नहीं छोड़ी। डॉ. यादव ने दुबई में रह रहे मध्यप्रदेश मूल के प्रवासी भारतीयों और फ्रेंड्स ऑफ एमपी के साथ संवाद किया। होटल अटलांटिस में आयोजित "ब्रांड मध्यप्रदेश" कार्यक्रम में राज्य की उपलब्धियों और विविधता को दर्शाने वाली लघु फिल्म और थीम प्रदर्शनी ने निवेशकों और प्रवासी भारतीयों का ध्यान आकर्षित किया।इस कार्यक्रम में उन्होंने राज्य की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे, और जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। प्रवासी भारतीयों को मध्यप्रदेश के विकास से जोड़ने के लिए विशेष अवसरों और योजनाओं पर प्रकाश डाला गया।

दुबई दौरे के दौरान कई कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेश के लिए ठोस प्रस्ताव दिए। शराफ डीजी ग्रुप ने लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए $30-50 मिलियन का निवेश प्रस्ताव रखा।कोनेरी ग्रुप ने 75 मिलियन डॉलर के स्टील प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव दिया। बीडीओ ईजी ने भोपाल में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और इंदौर में डिजिटल सेंटर की स्थापना की घोषणा की जिससे हजारों नौकरियां सृजित होंगी। इंदौर इंटरनेशनल बिजनेस नेटवर्क के साथ सस्टेनेबल सिटी के लिए 1000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दुबई दौरे ने मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को मजबूत किया। प्रस्तावों के माध्यम से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दुबई दौरा मध्यप्रदेश के लिए एक फायदे का सौदा साबित हुआ है। दुबई दौरे ने न केवल वैश्विक निवेशकों के साथ संबंधों को मजबूत किया है बल्कि प्रदेश की औद्योगिक, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमताओं को भी वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है। मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने से अब विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। पीएम मित्रा पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा क्लस्टर जैसे परियोजनाओं के लिए निवेश से मध्यप्रदेश में औद्योगिक बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का दुबई दौरा मध्यप्रदेश के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है। इस यात्रा ने न केवल निवेशकों का विश्वास जीता, बल्कि मध्यप्रदेश को एक वैश्विक निवेश गंतव्य स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं।टेक्सटाइल उद्योग, पर्यटन, ग्रीन एनर्जी और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं के साथ मध्यप्रदेश अब भारत की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है जो देश के ह्रदयस्थल मध्यप्रदेश को ग्लोबल निवेश और विकास के नए युग में ले जाएगा।


Saturday, 12 July 2025

बिहार तक गूंजेगी मध्यप्रदेश के निषादराज सम्मेलन की गूँज

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में 12 जुलाई  को आयोजित हुआ निषादराज सम्मेलन न केवल सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके गहरे सियासी मायने भी हैं।

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन  का उद्देश्य मछुआ समुदाय को सशक्त बनाना, उनकी परंपराओं का सम्मान करना और सामाजिक सदभाव को बढ़ावा देना है। निषादराज सम्मेलन रामायण के पात्र निषादराज गुह से प्रेरित रहा जिन्हें प्रभु श्री राम के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण के लिए जाना जाता है।  निषादराज ने प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और सीता माता को गंगा पार करने में सहायता प्रदान की थी जिसे सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है। इस तरह के बड़े सम्मेलन का आयोजन देश के हृदयप्रदेश मध्यप्रदेश की  सांस्कृतिक नगरी उज्जैन में करके मोहन सरकार ने निषाद समुदाय को यह संदेश दे रही है कि वह  विरासत से विकास के अपने विजन पर मजबूती के साथ काम कर रही है। यह कदम सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस समुदाय के बीच अपनी पैठ को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।

मध्यप्रदेश में मछुआ समुदाय की आबादी विशेष रूप से उज्जैन, नरसिंहपुर और होशंगाबाद में उल्लेखनीय है। यह समुदाय परंपरागत रूप से मत्स्य पालन और नदी-आधारित आजीविका पर निर्भर है। हालांकि यह समुदाय ओबीसी समुदायों जितना प्रभावशाली नहीं है फिर भी यह कई विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों को प्रभावित करता दिखाई देता है। निषादराज सम्मेलन के आसरे  भाजपा इस समुदाय को मुख्यधारा में लाने और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति को बेहतर करने की दिशा में अपने कदम मजबूती एक साथ प्रदेश की सियासत में बढ़ा रही है। 

मध्यप्रदेश आज मत्स्य उत्पादन और मछुआ समाज के सशक्तिकरण के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मछुआ कल्याण योजना जैसे नवाचारों ने हजारों मछुआरों के जीवन में नई आशा की किरण जगाई है।  ड्रोन और जीपीएस प्रणाली जैसे नवाचार और योजनाएँ मध्यप्रदेश को मत्स्य पालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सधे हुए कदम हैं।  इससे  ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने  में भी मदद मिलेगी।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 22 करोड़ 65 लाख रुपए की लागत से 453 स्मार्ट फिश पार्लर का भूमि-पूजन और इंदिरा सागर बांध में लगभग 92 करोड़ लागत से 3360 केज परियोजना का वर्चुअल भूमि-पूजन किया और  कहा कि अब मछली पालन सिर्फ पारम्परिक कार्य नहीं, एक आधुनिक उद्योग है। इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा और सरकार  मस्त्य पालन के लिए मछुआरों को अनुदान देगी। इसमें निवेश बढ़ेगा, उत्पादन बढ़ेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। 

सरकार के प्रयासों से  भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक एक्वा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा इंदिरा सागर सहित अन्य जलाशयों में 3 लाख से अधिक केज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भोपाल में 40 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मछलीघर का निर्माण किया जा रहा है। आज प्रदेश में वर्तमान में 4.4 लाख हेक्टेयर में मछली पालन कार्य हो रहा है।वर्ष 2024-25 में प्रदेश का मछली उत्पादन 3.81 लाख मैट्रिक टन रहा। प्रदेश में लगभग 2 लाख से अधिक मत्स्य पालक पंजीकृत हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाया है, जिसका लाभ मछुआरों को भी मिल रहा है।

मध्यप्रदेश की सियासत में जातिगत समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति  वोटरों ने भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया था जिसके चलते कांग्रेस सत्ता में आई थी। हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुए दलबदल के बाद भाजपा ने फिर से सत्ता हासिल की। वहीँ 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद पार्टी 2028 के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों  के लिए अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है। डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व  में  निषाद समुदाय को साधने का प्रयास इसी रणनीति का हिस्सा है।  यह समुदाय एक दौर में परंपरागत रूप से कांग्रेस या अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ जुड़ा रहा है अब  बिहार ,बंगाल, यूपी जैसे राज्यों के चुनावों में भाजपा के लिए संजीवनी बन सकता है। 

डॉ. मोहन यादव ने निषादराज के आयोजन  से एक तीर से दो निशाने खेलने की कोशिश की है। पहला सम्मेलन केवल निषाद समुदाय तक सीमित नहीं है। इसका सन्देश अन्य समुदायों में भी जाएगा जिनकी संख्या प्रदेश में कम है। दूसरा यह सम्मेलन मोदी सरकार की सामाजिक समरसता और समावेशी विकास की दिशा में एक नई लकीर खींचेगा जिसकी गूंज आने वाले बिहार चुनावों में भी कैश कराने की कोशिश होगी। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से लगभग 45 सीटों पर निषाद और मांझी जातियों का प्रभाव माना जाता है जो राज्य में किंगमेकर मानी जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार अपने भाषणों में दलित, पिछड़ा और आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा में लाने की बात कही है। यह सम्मेलन उसी दिशा में एक कदम है जो सामाजिक  समरसता को बढ़ावा देने के साथ-साथ  'सबका साथ- सबका विकास और सबका विश्वास ' की  छवि को मजबूत करता है। इसके अलावा  बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इस तरह के बड़े आयोजन का होना  विरासत से विकास के पीएम मोदी के विजन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

मध्यप्रदेश की सियासत में निषादराज सम्मेलन का आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक है जो निषाद समुदाय के सशक्तिकरण के साथ-साथ बिहार में भाजपा के निषाद और मांझी वोटबैंक को मजबूत करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की महाकाल की नगरी उज्जैन में उपस्थिति और बड़े पैमाने पर परियोजनाओं की घोषणा इस समुदाय को यह विश्वास दिलाने का प्रयास है कि भाजपा मछुआ समुदाय के हितों के प्रति संवेदनशील है। 2023 के चुनावों में कांग्रेस ने भी मछुआ समुदाय को लुभाने के लिए कई वादे किए थे लेकिन सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। अब निषादराज सम्मेलन के जरिए भाजपा द्वारा इस समुदाय को देने वाली सौगातें विपक्षी दलों की भविष्य में मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। 

बिहार में भी मछुआ समुदाय की आबादी भी  आगामी चुनावों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। राज्य के 38 जिलों में मछुआ समुदाय विभिन्न क्षेत्रों में अपनी आजीविका के लिए मत्स्य पालन पर निर्भर है। मध्यप्रदेश में निषादराज सम्मेलन के सफल आयोजन की गूंज अब बिहार के गाँवों और पंचायतों तक पहुंचना तय है। मध्यप्रदेश में निषादराज सम्मेलन के माध्यम से लिए गए निर्णयों को भाजपा आगामी बिहार चुनाव में भुनाने की पूरी तैयारी करेगी जिसके केंद्र में उसके स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रहेंगे। मध्यप्रदेश सरकार के इस आयोजन ने यह दिखाया  है कि परंपराओं का सम्मान और  विकास एक साथ चल सकते हैं। बिहार अब इस एमपी मॉडल को अपनाकर भविष्य में अपने मछुआ समुदाय को सशक्त बना सकता है। इस सम्मेलन ने निषाद समाज की परंपराओं को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का बेहतरीन प्रयास किया है।