मध्यप्रदेश अपनी समृद्ध कृषि विरासत के लिए जाना जाता है। यहां की उपजाऊ भूमि और विविध जलवायु ने इसे कपास उत्पादन का प्रमुख केंद्र बना दिया है लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में राज्य न केवल देश का प्रमुख कपास उत्पादक बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर 'कॉटन कैपिटल' के रूप में उभरेगा। यह यात्रा केवल कृषि तक सीमित नहीं है, बल्कि टेक्सटाइल उद्योग, सस्टेनेबल प्रोडक्शन और अंतरराष्ट्रीय निवेश को जोड़कर एक नई आर्थिक क्रांति की पटकथा को तैयार कर रहा है। देश का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में अब निवेश और रोजगार की दृष्टि से तेजी से उड़ान भर रहा है। धार जिले के बदनावर में धार जिले के भैंसोला गांव में प्रदेश का नया टेक्सटाइल हब स्थापित होने जा रहा है। यह परियोजना न केवल मध्यप्रदेश की आर्थिक तस्वीर को बदलेगी बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी।
मध्यप्रदेश पहले से ही भारत का एक प्रमुख कपास उत्पादक राज्य है। राज्य के मालवा-निमाड़ क्षेत्र विशेष रूप से खरगोन, बुरहानपुर, धार और झाबुआ जिलों में कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। यहां की काली मिट्टी कपास के लिए आदर्श है जो फसल को प्राकृतिक पोषण प्रदान करती है। मध्यप्रदेश के लगभग 18 जिलों में कपास की खेती होती है। करीब 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हर साल लगभग 24 लाख टन कपास पैदा होता है। देश का लगभग 40 प्रतिशत कपास मध्यप्रदेश से आता है शायद यही वजह है कि वस्त्र उद्योग के लिए मध्यप्रदेश सबसे मुफीद साबित हुआ है और धार के पीएम मित्रा पार्क की दिशा में एमपी के कदम तेजी से बढे हैं। पीएम मित्रा पार्क इस क्षेत्र के किसानों को उनके उत्पाद के लिए बेहतर मूल्य और स्थायी बाजार उपलब्ध कराएगा। परियोजना के तहत स्थापित होने वाली वस्त्र इकाइयां कटाई, बुनाई, रंगाई, छपाई और परिधान निर्माण जैसी सभी गतिविधियों को एकीकृत करेंगी। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य में ऑर्गेनिक कॉटन का उत्पादन भी तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के जिलों में सबसे ज्यादा कपास उत्पादन होता है। इनमें प्रमुख रूप से इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा और बुरहानपुर शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों में कपास उत्पादन की स्थिति अच्छी रही है। वर्ष 2022-23 में 8.78 लाख मीट्रिक टन, 2023-24 में 6.30 लाख मीट्रिक टन और 2024-25 में 5.60 लाख मीट्रिक टन कपास उत्पादन हुआ। मध्यप्रदेश से वर्ष 2024-25 में 9,200 करोड़ रुपये से अधिक का टेक्सटाइल निर्यात हुआ है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य जिलों में भी कपास की अच्छी फसल ली जाती है। देश में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी है। यही वजह है कि वस्त्र उद्योग के लिए मध्यप्रदेश सबसे उपयुक्त राज्य साबित हुआ है। इसी पृष्ठभूमि के आधार पर धार को पीएम मित्रा पार्क की स्थापना के लिए चुना गया है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा बल्कि वैश्विक ब्रांड्स के लिए एमपी को ग्लोबल हब बनाएगा। सीएम बनते ही डॉ. मोहन यादव ने निवेश को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं जिससे निवेशकों का भरोसा मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ रहा है।
भारत सरकार ने देश के 7 राज्यों में पीएम मित्रा पार्क यानी पीएम मेगा इंडीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपरैल की स्थापना को अंतिम रूप दिया है जिसमें तमिलनाडु के विरुद्धनगर, तेलंगाना के वारंगल, गुजरात के नवसारी, कर्नाटक के कलबुर्गी, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, मध्यप्रदेश के धार और महाराष्ट्र के अमरावती में पीएम मित्रा पार्क स्थापित होने जा रहे हैं जिसका उद्देश्य 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश लाना और करीब 20 लाख रोजगार देना है। पीएम मित्रा पार्क प्रधानमंत्री के 5 एफ विजन फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्ट्री, फैक्ट्री टू फैशन, और फैशन टू फॉरेन पर आधारित है। करीब 2,158 एकड़ में विकसित हो रहा यह पार्क विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां 20 एमएलडी का कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, 10 एमवीए का सौर ऊर्जा संयंत्र, पानी और बिजली की पुख्ता आपूर्ति, आधुनिक सड़कें और 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स जैसी व्यवस्थाएँ विकसित की जा रही हैं। श्रमिकों और महिला कर्मचारियों के लिए आवास और सामाजिक सुविधाएं इसे केवल औद्योगिक क्षेत्र नहीं, बल्कि आदर्श औद्योगिक नगर का रूप देती हैं। धार में स्थापित हो रहे देश के पहले पीएम मित्रा पार्क के शिलान्यास के पहले ही देश की अग्रणी 114 टेक्सटाइल कम्पनियों से 23 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके है। इन प्रस्तावों में से 91 कम्पनियों और इकाइकों के आवेदन स्वीकृत किये जाकर 1294 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित किये जाने की अनुशंसा की जा चुकी है। देश की जिन अग्रणी टेक्सटाइल कंपनियों को पीएम मित्रा पार्क में भूमि आवंटित की गई है उनके द्वारा बड़े स्तर पर निवेश के प्रस्ताव दिए गये हैं। कॉटन इंडस्ट्री से जुड़े कई दिग्गज उद्योग समूह यहां आकर निवेश की रुचि दिखा चुके हैं। इससे न केवल प्रदेश को औद्योगिक लाभ मिलेगा बल्कि निर्यात को भी नई दिशा मिलेगी। धार से तैयार वस्त्र और परिधान अब सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचेंगे और मध्यप्रदेश वैश्विक टेक्सटाइल हब के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा। धार जिले का भैसोला क्षेत्र जो कपास उत्पादन के लिए जाना जाता है अब इस परियोजना के माध्यम से आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय लिखेगा। इन प्राप्त निवेशों से यार्न, फैब्रिक और गारमेंट उत्पादन की संपूर्ण वैल्यू चेन यहीं विकसित होगी जिससे प्रदेश का टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेगा। पीएम मित्रा पार्क में भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है और शेष भूमि भी चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जा रही है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य को 'कॉटन कैपिटल' बनाने का स्पष्ट विजन प्रस्तुत किया है। उनका नेतृत्व किसान-केंद्रित नीतियों और निवेश-अनुकूल माहौल पर आधारित है। इस वर्ष स्पेन की यात्रा के दौरान उन्होंने इंडीटेक्स के अधिकारियों से मुलाकात की और मध्यप्रदेश को ऑर्गेनिक कॉटन का वैश्विक हब बताया। इस मुलाकात में धार जिले में पीएम मित्रा पार्क का भी जिक्र किया। इसी तरह में जापान यात्रा के दौरान उन्होनें यूनिक्लो के संस्थापक तादाशी यानाई से कपास खेती और उद्योग विस्तार पर चर्चा की। उन्होंने यूनिक्लो को मध्यप्रदेश में उत्पादन और वितरण इकाइयां स्थापित करने का न्योता दिया। यह प्रयास राज्य के टेक्सटाइल निर्यात को बढ़ावा देंगे बल्कि यूरोप जैसे देशों में एमपी को बड़ा बाजार उपलब्ध कराएँगे। मोहन सरकार की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। हाल ही में कोलकाता में हुए निवेशक सम्मेलन में भी टेक्सटाइल सेक्टर को प्रमुखता दी गई, जहां 14600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। इसके अलावा राज्य सरकार कॉटन-टू-कार्बन फाइबर जैसे इनोवेटिव क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा दे रही है जो टेक्सटाइल को हाई-टेक बनाएगा। मोहन सरकार ने पर्यावरण-अनुकूल खनन और ग्रीन एनर्जी जैसी नीतियों के साथ टेक्सटाइल सेक्टर को जोड़ा है। धार में पीएम मित्रा पार्क एनवायरनमेंटल, सोशल, गवर्नेंस के मानकों पर आधारित होगा जो आने वाले दिनों में किसानों को ट्रेनिंग और मार्केट लिंकेज प्रदान कर राज्य आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा। एमपी में पहले से ही ट्राइडेंट ग्रुप, वर्धमान, ग्रासिम, नाहर, रेमंड, प्रतिभा सिन्टेक्स, गोकलदास एक्सपोर्ट, महिमा ग्रुप और सागर ग्रुप जैसे बड़े औद्योगिक समूह है। इन कंपनियों की उपस्थिति से यार्न, फैब्रिक, गारमेंट और मशीनरी निर्माण की संपूर्ण वैल्यू चेन पहले से मौजूद है जिसे पीएम मित्र पार्क और मजबूत करेगा। पीएम मित्रा पार्क से विशेष रूप से आदिवासी अंचल के लिए लाभकारी होगा साथ ही धार और आसपास के जिलों में रहने वाले लाखों लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। यह परियोजना स्थानीय युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी जिससे क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या में कमी आएगी। इस पार्क में कपास से धागा, धागे से कपड़े और तैयार कपड़े की बिक्री और निर्यात तक का काम एक ही स्थान से किया जा सकेगा यानी यहां कटाई, बुनाई, प्रोसेसिंग, रंगाई, छपाई और परिधानों के निर्माण जैसे सभी काम होंगे। इस सौगात को मध्यप्रदेश के कपड़ा उद्योग के नए युग की शुरूआत माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन के अवसर पर मध्यप्रदेश पधार रहे हैं। प्रदेश में स्थापित होने जा रहे पीएम मित्रा पार्क से टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश केवल व्यावसायिक विस्तार नहीं, बल्कि सतत विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भागीदारी है। यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री के स्वस्थ समाज, सशक्त राष्ट्र के संकल्प को साकार करने का महत्वपूर्ण कदम होगा। प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में प्रदेश न केवल हर संभव योगदान देगा बल्कि विकसित भारत 2047 के मिशन में भी हमारे प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। डॉ.मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश न केवल कपास का उत्पादक बनेगा बल्कि वैश्विक टेक्सटाइल चेन का अभिन्न अंग भी आने वाले दिनों में बनेगा। किसानों की समृद्धि, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास देश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश को कॉटन कैपिटल बनने की दिशा में भी अग्रसर करेगी। यह केवल एक आर्थिक बदलाव नहीं, बल्कि मोहन के बनते संवरते मध्यप्रदेश की नई पहचान है।
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