मै आडवानी को देश के अगले प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहती हूँ साथ ही आगामी लोक सभा चुनावो में बीजेपी के लिए प्रचार करना चाहूंगी......" होली के बाद उमा भारती के इस बयान पर राजनीतिक हलको में खासी हलचल मच गई .... इस बयान ने एक बार फिर से उमा की बीजेपी में वापसी का रास्ता तैयार कर दिया है.... वैसे यह ख़बर तब पुख्ता हो गई थी , जब वह दिल्ली में उत्तर प्रदेश से वापसी के दौरान बीजेपी के कई बड़े आला नेताओ से मिल आई थी और अपने दिल की बात को पार्टी के शीर्ष नेतृत्त्वके सामने रख दिया था.....इसके बाद से ही भारतीय जन शक्ति पार्टी के भविस्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए ..... अब यह तय है १५ वी लोक सभा में उमा बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी.......जिससे उनके आडवानी को पी ऍम बनाने का सपना पूरा हो सके ..... अब ख़ुद तो वह प्रधान मंत्री बन्ने से रही ..... तभी तो फिर से बीजेपी में अपना भविस्य तलाश रही है..... उमा ने ख़ुद इस आशय का बयान बीते दिनों दिया कि वह ख़ुद पी ऍम नही बन सकती लेकिन आडवानी देश को काबिल नेतृत्त्व दे सकते है..... उन में पी ऍम बन्ने की सभी खूबिया मौजूद है...... वाह री उमा बहनजी ..... कल तक तो आप बड़े जोर शोर से आडवानी की आलोचना करती थी और कहा करती थी आडवानी कभी पी ऍम बन्ने के लायक नही है... आज एका एक आपका विचार परिवर्तित हो गया .... और आप फिर से आडवानी की शरण में आने के लिए जोर आजमाईश कर कर रही है.......रही बात भारतीय जन शक्ति पार्टी कि तो अब उसका कोई अस्तित्व नही बचा है......शायद आपको अब अपनी भूल का एहसास अच्छी से हो गया है.... तभी आपको लग रहा है आपका बीजेपी से बाहर कोई अस्तित्व ही नही बचा है .......मध्य प्रदेश के इस बार के विधान सभा चुनावो में आपको अपनी औकात सही से पता चल ही गई तभी आप भविस्य को लेकर आशंकित होती दिखाई दे रही है ..... टीकम गढ़ में आपकी नाक कट गई......... जनता जनार्दन ने आपको "किक आउट" कर डाला .... यहाँ की हार के घाव आपको शायद जिंदगी भर सताते रहेंगे......चुनावो के दौरान शिव राज पर आप जमकर बरसी थी ..... आपने ही तो कहा था "बीजेपी की सरकार का इस चुनाव में बुरा हाल होगा ...शिवराज फिर से सरकार नही बना पाएंगे ..... अगर बीजेपी दुबारा से सरकार बनाने में कामयाब हो गई तो मै राजनीती से टाटा कह दूँगी......हिमालय की और चली जाउंगी.....जहाँ एकांत में प्रवास करूंगी......"अब क्या हो गया ....? आप हिमालय क्यों नही गई? राजनीती करने के लिए क्यों आज आगे आ रही है?आपका राम रोटी वाला मुद्दा कहाँ चला गया ? बीजेपी का विकल्प आप भारतीय जन शक्ति पार्टी को बनाने की बात किया करती थी अब उसका क्या हुआ ? बीजेपी का विकल्प जन शक्ति को आप क्यों नही बना पायी? ऐसे बहुत से सवाल आपके कार्यकर्ता आप से पूछ रहे है......? क्या आपके पास उनका जवाब है?उमा के बीजेपी का समर्थन करने के बयान के बाद भारतीय जन शक्ति पार्टी के कार्यकर्ता अपने को छला महसूस कर रहे है......वह हताश है......आप उसकी एक बानगी तो देख सकती है...... कुछ हफ्ता रोज मैं भोपाल की सड़को में टहल रहा था ..... मार्केट में एक आदमी से हमारी मुलाकात हो गई.... हमारी उसकी कोई पहचान नही थी.... हम मीडिया वाले थे सो उससे आने वाले चुनावो पर बात करने लगे और उसकी नब्ज टटोलनी चाही .... संयोग ऐसा बना कि वह आपकी पार्टी का एक कार्यकर्त्ता निकला ..... फिर क्या था मैंने बात कुछ समय पहले आपके मीडिया में दिए गए बयान से शुरू की जिसमे आपने बीजेपी का साथ इस चुनाव में देने की बात कही थी .... फिर क्या था उसने बताया साहब उमा की पार्टी का कोई आधार भी अब बचा है क्या ? बीजेपी के साथ देकर अपने मुद्दों का तो उमा जी ने जनाजा निकाल दिया ......अब हम जनता के सामने क्या मुह लेकर जायेंगे?आर्थिक मंदी के इस दौर में चुनाव पैसा कमाने का सबसे अच्छा जरिया बन गया है ..... देखा नही कांग्रेस किस तरह "जय हो" जय हो" कर रही है...... वही आडवानी भी युवा वोटरों को लुभाने के लिए इन्टरनेट पर तरह तरह के हथकंडे अपना रहे है ..... प्रचार पर सभी पार्टिया पानी की तरह से पैसा बहा रही है..... अगर आपकी जन शक्ति पार्टी इस चुनाव में लड़ती तो कई बेरोजगारों को काम मिलता ..... कारीगरों को भी फायदा होता .....आपके कार्यकर्ताओ की भी जेब गरम होती.....पर यह क्या आप तो भूमिगत हो गई है..... कहा जा रहा है आप अमर कंटक में ध्यान मग्न है..... कम से कम उस गरीब गोरबा कारीगरों की तो सुन लीजिये जो विधान सभा चुनावो में आपकी पार्टी के बेनर पोस्टर बनाया करते थे...... आज वह सभी खाली बैठे है.....उसको बीजेपी कांग्रेस सरीखी पार्टियों से काम मिलने की कोई आस नही है ..... यह सभी अब "डॉट कॉम" वाली पार्टिया हो गई है.... उनका हाई टेक प्रचार चलता है ....लेकिन कम से कम मध्य प्रदेश में आपकी पार्टी तो अभी नई नवेली दुल्हन है.....४ विधान सभा सदस्य आपकी पार्टी के पास है ...... कुछ तो रहम करती आप....मध्य प्रदेश के इस बार के चुनाव में आपकी पार्टी ने बहुत से नए लोगो को पोस्टर बैनर का काम देकर बड़ा उपकार किया था....अब तो आप चुनाव से पीछे ही हट गई है...सो इनका काम तो ठंडा पड़ गया..... समझो.....उमा जी ... अगर भारतीय जनशक्ति चुनाव में आती तो जनता का भी कल्याण होता.....वैसे उमा जी आपका स्वभाव मुझे भी रास नही आता....आपका मिजाज अलग अलग रहता है... आप कब क्या कर जाए इसका कोई भरोसा नही है ...उप के चुनावो में आखरी समय में आपने नही उतरने का ऐलान किया .... यही हाल गुजरात में भी रहा.... अब आप सफाई मत देना.....आप कहाँ करती थी मोदी मेरे बड़े भाई समान है अतः उनके खिलाफ अपनी पार्टी को उठाना शोभा नही देता..... यह बताओ क्या शिव भी आपके भैया समान नही थे .... बेहतर होता आप मध्य प्रदेश में भी अपनी पार्टी की फजीहत नही कराती.....लेकिन तब तो आप बहुत घमंडी हो गई थी .... आपको यह घमंड हो गया था की मध्य प्रदेश में लास्ट चुनाव में १७० से ज्यादा का आकडा मेरे ख़ुद के बूते आया था.... अब चुनाव परिणाम आए तो ख़ुद की नाक जब कट गई तब आपको अपनी भूल का एहसास हुआ है.....अपने को आप उस समय बड़ा "तीस मार खान " समझने लगी थी ......अब आज शायद आपका घमंड चूर चूर हो गया है तभी लोक सभा चुनाव से ठीक पहले आपने बीजेपी कि शरण में जाने का फेसला किया है.....उमा जी पहले जब आपने बीजेपी से टाटा बोला था तब आपका मानना था कि बीजेपी में कुछलोग ऊँचे पदों पर "कुंडली" मार कर बैठे है.....साथ में आपने कहा था पार्टी में पञ्च सितारा संस्कृति हावी हो गई है ....पार्टी अपने मूल मुद्दों से भटक गई है.... अब आज आप बीजेपी के साथ चुनाव प्रचार करने जा रही है... तो इसके पीछे कौन से ऐसे कारक है जो आपको आपके धुर विरोधी आडवानी का प्रचार करने को प्रेरित कर रहे है... क्या हम यह मान ले बीजेपी हिंदुत्व की राह पर फिर से वापस हो गई है या आप यह सही से देख चुकी है कि बीजेपी से बाहर मेरा कोई अस्तित्व नही है.....? इसका जवाब आप अच्छी से दे सकती है क्युकी आप साध्वी है... जोश में स्पीच देने कि कला में सिद्धि हस्त है .....वैसे मेरा तो यह कहना है आपके साथ बीते ४,५ वर्षो में कोई भी सही से टिक नही पाया.....साधू से लेकर सन्यासी किसी के द्वारा आपको "फ्री हैण्ड " नही दिया गया.... आपका कोई खास संगठन ही नही बन पाया... एक एक करते सभी आपके साथ आते रहे और कुछ दिन बाद " उमा के कूचे से बड़े बेआबरू होकर निकलते चले गए......आपकी राम रोटी तो बीच में ही हिचकोले खाती रही.....साथ ही में आप बहुत तुनक मिजाज वाली रही है.....बताया जाता है आपने अपनी पार्टी के निर्माण से पहले ही पार्टी को अपनी बपोती समझ लिया था.... एक तरह से पूरी पार्टी आपने हाई जैक कर ली थी ॥ कार्यकर्ताओ कि राय कीअनदेखी हो रही थी ऐसा मध्य प्रदेश के आपकी पार्टी के कुछ नेताओ ने मुझको बताया.....आपकी पार्टी में हाल के कुछ वर्षो में कोई सही से नही टिक पाया...ऐसे बहुत सारे नाम गिनाये जा सकते है..... रघुनन्दन से लेकर गौतम..... दिल्ली के खुराना से लेकर हाल में बीजेपी में शामिल हुए प्रह्लाद पटेल ...... सभी की कहानी एक जैसी ही है....." .............आया राम गया राम........" ऐसे में कोई रणनीतिकार बचा ही नही आपकी पार्टी में....हाल बेहाल तो होना ही हुआ... चुनाव लड़ना आज कोई हसी मजाक का खेल थोडी है.... करोड़ रुपियो का खेल चलता है......राम रोटी के बहकावे में कोई खाली नही आता .......बहरहाल जो भी हो उमा की ट्रेन का इंजन ख़राब हो गया है ..... उसके पास कार्यकुशल लोगो की कमी है जो उसके इंजन को सही कर ट्रेन पटरी पर ला सके ..... ऐसी दिक्कतों से पार पाने का अब उमा के पास एक ही विकल्प बचता है..... वह है बीजेपी ....और उसके पी ऍम इन वेटिंग आडवानी...... ८२ के पड़ाव में भी ओबामा जैसा जोश दिखा रहे है .....बीजेपी से बाहर जाने का खामियाजा उमा भुगत चुकी है सो उनके पास अब लास्ट लाइफ लाइन यही बच रही थी कि वह बीजेपी का साथ १५ वी लोक सभा चुनाव में दे दे ... इसी कारन वह चुनाव प्रचार बीजेपी के लिए करने का मन बना रही है..... आडवानी को प्रधान मंत्री बनाना तो एक बहाना है .... उमा कि असली मंशा बीजेपी में वापस आना हैजिसका इजहार वह समय आने पर करेंगी..... वैसे भी हर चीज हौले हौले होती है....इस बार उमा बीजेपी के लिए प्रचार कर रही है... उनके इस निर्णय के पीछे बीजेपी के प्रेजिडेंट राजनाथ सिंह का बड़ा हाथ है.... बताया जाता है की उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के विकल्प की भरपाई बीजेपी उमा को पार्टी में लाकर करने जा रही है .... उमा भी कल्याण की तरह बेक वर्ड क्लास से आती है.....जिस कारन वह उप में पार्टी के लिए एक बड़ा वोट बैंक खीच सकती है .... कल्याण की लोध बिरादरी में वह अपनी चुनावी सभा के द्वारा अंकुश लगा सकती है... जिसका फायदा बीजेपी को होगा और लोध वोट बीजेपी के पास जायेंगे.... यही नही पार्टी के कुछ दिल्ली के सूत्र बताते है कि उप की मौजूदा सूरतेहाल में उमा का इस्तेमाल करना बीजेपी के लिए फायदे का सौदा होगा..... इस लिहाज से उमा को रिझाने की राजनाथ की कोशिस अब रंग लाती दिखाई दे रही है.... कम से कम उप में पार्टी को " वरुण " मुद्दा टोनिक देने का काम कर रहा है ..... अब उमा का प्रचार कल्याण के प्रभाव वाली उप की दर्जनों सीटो में अपना रंग दिखा सकता है .... पश्चिम उप में रालोद के आसरे बीजेपी है .... देखने वाली बात होगी इस बार उप में मुकाबले से पहले ही बाहर हो चुकी बीजेपी की राह "वरुण " और उमा के आने से कितनी आसान होती है?
साथियो, चुनावो के मैदान से मेरा "लोकसभा का महासमर " आज से शुरू हो गया है चुनावी विशेष रिपोर्ट आज से शुरू कर दी है यू तो यह अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शुरू होजानी चाहिए थी पर बिजी हो जाने के चलते नई पोस्ट तय प्रोग्राम के मुताबिकशुरू नही कर पाया देरी के लिए सॉरी चाहूँगा
अब आपसे आशा है की मेरी इन चुनावी पोस्टो पर आप ज्यादा से ज्यादा कमेन्ट
दीजियेगा.........
16 comments:
आप ने अच्छा विष्लेक्षण किया है।पोस्ट का इंतजार रहेगा।
सुंदर विश्लेषणात्मक आलेख के लिए बधाई ... इंतजार रहेगा आपके अगले आलेखों का।
aisa to ekdin hona hi tha ...algaaw ke baad milna hi tha ..aur kya kahu kuchh naya bhi nahi hai ...rajniti me to roj aisa ho raha hai ...ha aapaka likhne ka tarika jarur majedar hai ....
harsh bahsundar post hai...political achcha cover kiya hai... uma ki party ka ab koi aadhar nahi bacha hai.. unka bhavisay bjp me hi behatar lagta hai... ab unke kosis honi chahiye agar wah bjp me vapas aati hai to sabhi netao se sahi talmail banakar chale...
visleshan jaandar hai.. shelly bahut sundar... thaks for this post....
sir ,uma ke visay me chunavo ki yah pehali post bahut achchi lagi... aapne sahi dhang se likha hai... aaj nahi to kal uma bjp me apni vapasi kar hii lengi...
post achchi lagi.. aapka likhne ka tareeka mujhko bahut aakarsit karta hai .. shukria sir
yah jakar bahut khushi hui aapka "lok sabha ka mahasamar" shuroo ho gaya hai... pahli post uma bharti par padkar achcha laga....
asha hai aapki yah bolti kalam chunavo ko achcha cover karegi.. hum aapko padne aate rahenge...... thanks.....
विस्तृत विश्लेषणात्मक आलेख.
आपने बहुत ही बडिया लिखा है उमा क्या कारीगरों और दुसरो का भला करेगी आजकल नेता वही बनते है जिनका जमीर मर जाता है उमा का तो बहुत पहले ही मर गया
Apko pata hai Uma Ji Lko. men bimar padi hain...koi khoj-khabar ??
सुंदर विश्लेषणात्मक आलेख के लिए बधाई ... इंतजार रहेगा आपके अगले आलेखों की अगली कड़ियों का.
कृपया प्रस्तुति की सूचना निम्न ई मेल पते पर दें
cm.guptad68@gmail.com
चन्द्र मोहन गुप्त
बेबाक प्रस्तुतिकरण के लिये बधाई
कहते है नेता सिर्फ़ चुनाव के समय बोलते है उसके बाद जनता का फायदा ही उठाते है और वही काम उमा भरती करना चाहती है । आप ने बहुत अच्छा विशेलेषड किया है
फिलहाल उमा की चमक ख़त्म हो चुकी है. उसे वापस लाने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.
हर्ष भाई उमा जी को अब पता चल चुका है कि राजनीति में बिना भाजपा के बैसाखी को उठाये वे क्या कर सकती है । तेवर तो काफी दिखलाई लेकिन जब जनता की नब्ज को जाना तो सारे हालात मालूम हो गए फिर तो बेचारी आडवाणी जी के गोद में बैठने को तैयार हो गई है । बरना मैडम जी और भी कितनी रूप दिखलाती । वो तो समझिए कि जनता ने उन्हे नही माना नही तो उमा जी राजनीति में और क्या क्या नही करती बढिया लिखे है धन्यवाद
आज की तारीख में कोई भी नेता भरोसे के लायक नहीं रहा।
पहले तो मै आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हू कि आपको मेरी शायरी पसन्द आयी !
बहुत ही उन्दा लिखा है आपने !इसी तरह से लिखते रहिए !
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