आईये ,अब बात तीसरे मोर्चे से शुरू करे ...... यहाँ भी किसी एक के नाम पर सहमती नही है ....२००७ के विधान सभा चुनावो में उत्तर प्रदेश को फतह करने के बाद से माया मेमसाहब दलित प्रधानमंत्री बन्ने के सपने देखने लगी है....अभी वह पूरे देश में अकेले चुनाव लड़ रही है ॥ सतीश चंद्र मिश्रा को आस है की उत्तर प्रदेश में कम से कम ५० सीट जीतने में माया इस बार सफल होंगी...लेकिन माया का सपना बिना तीसरे मोर्चे के पूरा नही हो पायेगा....
तीसरा मोर्चा माया की दावेदारी को लेकर सहमत नही है .... हालाँकि माया को उम्मीद है १६ मई को चुनाव परिणामो के बाद तीसरे मोर्चे के सभी नेता उसको प्रधानमंत्री के रूप में पेश कर देंगे...जिससे देश की पहली दलित महिला प्रधानमंत्री बनने का खवाब पूरा हो जाएगा...
लेकिन इस बार माया की डगर आसान नही लगती ....
उत्तर प्रदेश में बीते २ वर्षो में ब्राह्मण समाज का बीएसपी से मोहभंग हो गया है ...साथ ही राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति लचर हो गई है....जो हाथी की जमीन को दरका सकती है....संभवतया इस बार सपा राज्य में अच्छी बदत बनाने में कामयाब हो जाए ... यह चुनाव निश्चित ही माया मेमसाहब की २ वर्षो के कार्यो का मूल्यांकन करेगा....
अगर तीसरा मोर्चा माया के नाम पर सहमत नही होता है तो माया अपने विलल्प खुले रखेंगी....वह मुलायम के साथ वाले मोर्चे पर जाना पसंद नही करेंगी.....ऐसे हालातो में एक विकल्प उनके पास यह रहेगा वह आडवानी को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत हो जाए और उनको अपना समर्थन दे ....ख़ुद भाजपा भी शायद उनको ऊप प्रधानमंत्री बनाये जाने की बात करे...
वैसे राजनीती में कब क्या हो जाए हम कुछ नही कह सकते....
सपा को ही देख लीजिये॥ कल तक जो अमर सिंह सोनिया पर उनका फोन टेप करने का आरोप लगाता था परमाणु करार पर उनकी पार्टी ने यू पी ऐ की नाक बचाने का काम किया था....आज वही पार्टी कांग्रेस से अलग हो गई है....माया पहले भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी का साथ दे चुकी है लिहाजा इस बार भी बीजेपी बसपा जुगलबंदी बन जाए तो कोई नई बात नही होगी....
सपा को ही देख लीजिये॥ कल तक जो अमर सिंह सोनिया पर उनका फोन टेप करने का आरोप लगाता था परमाणु करार पर उनकी पार्टी ने यू पी ऐ की नाक बचाने का काम किया था....आज वही पार्टी कांग्रेस से अलग हो गई है....माया पहले भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी का साथ दे चुकी है लिहाजा इस बार भी बीजेपी बसपा जुगलबंदी बन जाए तो कोई नई बात नही होगी....
बीजेपी के जेटली इस मुहीम को नया रूप देने में जुटे हुए है...दिल्ली से जुड़े एक सूत्र की माने को जेटली की इस मसले पर सतीश चंद्र मिश्रा से कई बार बात भी हो चुकी है...वैसे जबसे माया ने सर्व जन समाज वाला फार्मूला लगाया है तब से सवर्ण समाज के प्रति उसका नजरिया बदल गया है..देखना होगा क्या माया मेमसाहब इस बार प्रधानमंत्री बन पाएँगी...? जहाँ तक तीसरे मोर्चे का सवाल है उसने पहले ही कह दिया है उसका प्रधानमंत्री चुनाव के बाद आम सहमती से तय किया जाएगा.....
पी ऍम इन वेटिंग की इस लिस्ट में तीसरे मोर्चे से प्रकाश करात का नाम भी जुड़ गया है ...करात पूर्व में सयुक्त मोर्चा सरकार के समय की गई गलती को फिर नही करना चाहते है॥ उस समय ज्योति बासु प्रधानमंत्री बनने के करीब पहुच गयेथे परन्तु वाम मोर्चे की केन्द्रीय कमेटी की बैठक में पारित एक प्रस्ताव के चलते वह पी ऍम बनने से रह गए .... इस बैठक में यह निर्णय हुआ की वाम तभी सरकार में शामिल होगा जब वह पूरे देश में अपनी स्थिति मजबूत कर लेगा...
बासु के प्रधानमंत्री न बन पाने का मलाल आज भी करात जैसे नेताओ को सता रहा है ..इसी कारन से करात जैसे नेता ने इस चुनाव से पहले से ही अपनी इच्छा का इजहार कर दिया है...हालाँकि आजकल कामरेड हरकिशन सिंह सुरजीत जैसे नेता के नही होने के चलते करात जैसे नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का काम ज्यादा करते है ...
अब बात चौथे मोर्चे की ॥
यहाँ से लालू मैदान में है जो दौड़ में सबसे आगे चल रहे है...लालू के बिहार में कांग्रेस को किनारे कर पासवान के साथ हाथ मिला लिया ..उनके साले साधू यादव कांग्रेस के पाले में जाकर लालू का खेल ख़राब कर रहे है..हालाँकि कुछ समय पहले तक यह कहा जाता था की लालू की रोटी सोनिया की रसोई में बना करती है लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस ने उनसे दो दो हाथ करने की ठानी है..बाबरी मस्जिद का दोष वह कांग्रेस पर लगा रहे है.... आग में घी डालने का काम प्रणव मुखर्जी ने किया ॥
जब बिहार में कुछ दिनों पहले उन्होंने एक सभा में यह कह डाला लालू अगली सरकार में शामिल होने के सपने नही देखे..कल शकील अहमद ने प्रणव के सुर में सुर मिलाया...
मुलायम सिंह यादव भी प्रधानमंत्री की दौड़ में है....संयुक्त मोर्चा सरकार के दौर में भी उनका नाम पी ऍम के रूप में चला था॥
परन्तु लालू की असहमति के बाद उनको रक्षा मंत्री बनने से ही संतोष करना पड़ा था... इस बार लालू पासवान मुलायम गठजोड़ ने कांग्रेस की नीद ख़राब कर रखी है क्युकी उत्तर प्रदेश बिहार में भाजपा , कांग्रेस जैसे दल आज हाशिये पर है ... अतः इन तीनो के एक मंच पर आने से कांग्रेस की परेशानी इस चुनाव में बद सकती है॥
इसी कारन कल उसके युवराज ने जेडीयू और टीडी पी जैसे पर अपने डोरे डालने शुरू कर दिए है ..अगर चौथा मोर्चा अच्छी सीट लाने में सफल हो जाता है तो तो केन्द्र का भावी प्रधानमंत्री तय करने में यह मोर्चा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा..रही बात तीसरे मोर्चे की तो देखना होगा क्या यह १६ मई के बाद तक एकजुट रह पाटा है या नही क्युकी तीसरे और चौथे मोर्चे का कांसेप्ट अपने देश में अभी तक सफल नही होपाया है ॥ पहले भी हम संयुक्त मोर्चा सरकार का हस्र देख चुके है॥?
इस दौड़ में राम विलास पासवान भी शामिल है... भला पासवान का क्या कसूर ? जब देवेगौडा, गुजराल सरीखे लोग प्रधानमंत्री बन सकते है तो पासवान क्यों नही॥? माया मेमसाहब के द्वारा अपनी दावेदारी जताए जाने के बाद पासवान के सर में दर्द हो गया है जिस कारन वह अपने को सबसे बड़ा दलितों का मसीहा साबित करने में जुटे
है...
इस कतार में शरद पवार का नाम भी शामिल है ॥ उम्मीद है तीसरे मोर्चे के सहारे वह मराठा प्रधानमंत्री बनने का सपना पूरा करने में सफल हो जाए...पवार के सभी दल के नेताओ के साथ सम्बन्ध मधुर है ॥ यह नेता चुनाव परिणामो के बाद उनको पी ऍम के रूप में प्रोजेक्ट कर सकते है॥ उम्मीद है शरद पवार के मराठी मानुष शिगूफा आने के बाद शिव सेना भी उनको अपना समर्थन कर दे....
अभी "डार्क होर्स" के रूप में एक नाम और सामने आ रहा है ॥ वह बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का है..नीतीश केन्द्र में रेल मंत्री रह चुके है जहाँ पर उनके काम की खासी सराहना की गई थी...इसी स्वच्छ छवि के चलते वह केन्द्र की राजनीती से अपने राज्य की राजनीती में लाये गए ॥
उन्होंने बिहार में लालू के जंगल राज का खत्म किया और रास्ट्रीय राजनीती में बिहार को बीते २ सालो में चमकाकर रख दिया...इस दौरान वहां पर बड़े पैमाने पर विकास कार्य करवाए है .... अब इस बार यह सम्भावना बनती दिख रही है अगर ऊपर के किसी नाम पर सहमती नही बन पाती है तो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के डार्क "होर्स " के रूप में सामने आ सकते है ...
संभवतया , ऐसे हालातो में भाजपा जैसे दल भी उनको समर्थन करने पर विचार कर सकते है ..वैसे भी राजनीती में सम्बन्ध बनने में देरी नही लगती॥ फिर यह तो भारतीय लोकत्रंत है
संभवतया , ऐसे हालातो में भाजपा जैसे दल भी उनको समर्थन करने पर विचार कर सकते है ..वैसे भी राजनीती में सम्बन्ध बनने में देरी नही लगती॥ फिर यह तो भारतीय लोकत्रंत है
बहरहाल , जो भी हो प्रधान मंत्री की कुर्सी एक है ... दावेदार अनेक है ॥ यह तो वही बात हुई "एक अनार सौ बीमार".....अब देखना है १६ मई के बाद क्या स्थिति बनती है? क्या इन सभी में से कोई प्रधानमंत्री बन पायेगा या "बेक डोर " से कोई नया "डार्क होर्स" अपनी इंट्री मारेगा?
दिल थामकर बैठिये........ दिल्ली पहुचने में अब १६ मई ज्यादा दूर नही है ........
आपको हमारी लोक सभा महासमर यात्रा कैसे लग रही है इस पर अपनी बेबाक राय मुझे जरूर रखे.... आपके कमेन्ट का इन्तजार रहेगा ..............
11 comments:
आपकी लोक सभा महासमर यात्रा बहुत ही अच्छे लगी इस यात्रा में आपने अपनी बेबाक राय प्रस्तुत कर हमें संतोष पहुँचाया.
आपकी मेहनत तो सफल पर जनता की लगी मुहर जब त्रिशंकु की तरह लोकतंत्र को लहरायेगी तो स्वार्थी, लोभी पुनः सौदेबाजी करते नज़र आयेंगे और अंततः इन्ही की मर्जी पर सर्कार का निर्माण होगा, जनता पुनः एक बार बेवकूफ बनेगी.
चन्द्र मोहन गुप्त
harsh ,aapki har post padne me meri dilchaspi ko bada diya hai...ab boltikalam padkar meri bhii rajneeti par ruchi badti jaa rahi hai...aapki har story achchi lag rahi hai yah post bhee bahut achche se likhi hai.....shukria......
mr harsh main ajit kumar sayad tumko yaad ho ya na ho. mujhe aaj office me kuch kam nhi tha. to sochte sochte much yad aaya ki harsh ka blog padha jaye. maine jab padhna suru kiya tab tak kem mil gaya to maine kafi sarsari nigah me padha. ek bat v such hai ki mai rajniti se lagao nhi rakhta hu.lekin fir v padha. or padha v to jab chothe charan ka matdan ho gay tab, ab mai ye nhi soch pa rah hu ki desh ka dya hoga, sare netagan aapna apna ulalu sidh kar hahe hai to janta ka kya hoga,aaj ke pariwash me dekhe to sab paradhan mantri ka sirtaj pahna chahte hai,likin sirtaj pahane layak koe nazar nhi aa raha hai.ab maine soch hai ki kam se kam tumhara blog to jarur padhunga. mera v blog hai lekin maine kewal banaya hai kuch likha nhi."mati ki gunjblogspot.com
agar aisaa hinirvirodh chaltaa rahaa to naa tail peeye lath bachegaa aur naa hi bechaaraa julaahaa.
jhallevichar.blogspot.com
यह हमारे लोक तंत्र की विफलता ही दर्शाता है कि घोटालों के लिए बदनाम हमारे नेता प्रधान मंत्री की कुर्सी के करीब दिखाई दे रहे हैं. यदि स्थित ऐसी ही रही तो बाहुबली और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता भी एक दिन इस कुर्सी के दावेदार होंगे.
harsh bhiya....bahut achcha ....aapki lok sabha mahasamar yatra bahut achchi lag rahi hai.. aapke blog par pahli baar aana hua hai... kai jannkariya mujhko isse mili.sab neta ek jaise hai.. desh me kayi samasyaein hai par netao ka dhayan us aur nahi jaa paya hai.. bas kursi ki chinta hai....
is baar to kuchh samajh nahi aa raha ...mai to bhai..wait and watch ki strategy ko folow kar raha hoon..
harsh bahut achchi tarah se kisi bhee ghatna ki nabj padkadne ki kala aapke aandar hai... rajneeti par pakad kaafi majboot lagti hai....yah post achchi lagi... mera kahna hai chunav parinaamo ke baad teesare morche ka koi nanonishan nahi rahne wala hai.. aaj ludhiyana me k chandrashekhar rau ki nda me upasthiti ne teesre morche ko bikhra diya hai.. dekhteraho 16 may ke baad sabhe idhar udhar karne lagenge...bina bjp ya congress ke koi sarkar nahi bana paayega....
jaari rakhiye apni chunavi yatra.....
प्रधान मंत्री की कुर्सी एक है ... दावेदार अनेक है ॥ यह तो वही बात हुई "एक अनार सौ बीमार".....अब देखना है १६ मई के बाद क्या स्थिति बनती है? क्या इन सभी में से कोई प्रधानमंत्री बन पायेगा या "बेक डोर " से कोई नया "डार्क होर्स" अपनी इंट्री मारेगा?
दिल थामकर बैठिये........ दिल्ली पहुचने में अब १६ मई ज्यादा दूर नही है ........
चलिए हम भी १६ मई का इन्तजार करते हैं..........!!
ye word verification hta den ....!!
Thank you very much for visiting my all the blogs and giving lovely comments.
Bahut hi badiya laga aapka ye blog...Mujhe kabhi bhi politics mein dilchaspi nahin thi par apka post kafi dilchasp laga mujhe...bahut khoob likha hai apne aur saath mein badiya tasvir bhi diya hai.
बिल्कुल सही, जुलाहों में लटठम लटठा।
-जाकिर अली रजनीश
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SBAI / TSALIIM
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