Tuesday 23 July 2024

मोहन के नेतृत्व में आएगा निवेश, आगे बढ़ेगा मध्यप्रदेश

                                             

                   

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में देश का हृदय प्रदेश इस बार निवेश का नया अध्याय लिखने जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के 7 माह से अधिक समय के छोटे से कार्यकाल में भारतीय और विदेशी निवेशक अभूतपूर्व संख्या में मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सक्रियता इसमें नया रंग भरने का काम कर रही है। इससे पूर्व प्रदेश में इस तरह के निवेशक सम्मेलन औद्योगिक नगरी इंदौर में आयोजित किये जाते रहे लेकिन मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा सूबे की कमान सँभालते ही पहली बार उज्जैन में आयोजित क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश की धार्मिक नगरी में उद्योग की संभावनाओं को नए पंख लगे। यह दूरदर्शी पहल मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की सरकार की राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इसी तरह की संभावनाओं को प्रदेश के अन्य शहरों में भी प्रदेश सरकार भविष्य में क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन आयोजित कर तराशने की कोशिश कर रही है। आगामी 20 जुलाई को प्रदेश के जबलपुर में एक दिवसीय क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन ( रीजनल इन्वेस्टर्स समिट) का आयोजन किया जा रहा है।

उज्जैन में मोहन सरकार ने अपना पहला क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन इसी वर्ष 1 और 2 मार्च को आयोजित किया जिसके सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। इस भव्य आयोजन में कई उद्योग समूहों ने निवेश करने में अपनी रूचि दिखाई है। राज्य में आयोजित हुए पहले क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन के माध्यम से बड़े पैमाने पर निवेशक मध्यप्रदेश की तरफ तेजी से आकर्षित हुए जिसमें अदाणी समूह ने अकेले 75,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश के भीतर करने जा रहा है। उज्जैन में महाकाल एक्सप्रेस वे के निर्माण से लेकर दो सीमेंट पीसने वाली इकाइयां देवास और भोपाल में स्थापित करने के साथ ही यह ग्रुप राज्य में फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स, कृषि-लॉजिस्टिक्स और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में भी बड़ा निवेश करने जा रहा है। सिंगरौली में ‘महान एनर्जी प्लांट’ में बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी ग्रुप ने अपनी रूचि दिखाई है जिससे पूरे मध्यप्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं। इस सम्मेलन में एग्रो आयल एन्ड जे. के सीमेंट ने 75000 करोड़ , प्रणव अडानी द्वारा 4000 करोड़ समेत कई निवेशकों ने करोड़ों के निवेश का प्रस्ताव रखा था। उज्जैन क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन में लगभग 250 औद्योगिक घरानों को लगभग 508 हेक्टेयर भूमि आवंटन पत्र जारी किये गए जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ने तय हैं। मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर उद्योगपति रूचि दिखा रहे हैं। ऊर्जा से लेकर हेल्थ, पर्यटन से लेकर शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में प्रदेश के भीतर बड़ी संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।

मध्यप्रदेश में निवेश, नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते दिनों मुम्बई में उद्योगपतियों और निवेशकों से सीधा संवाद भी स्थापित किया जिसमें  प्रदेश में निवेश के अवसरों और संभावनाओं की जानकारी सभी को दी गई । कार्यक्रम में राज्य के औद्योगिक परिदृश्य पर सभी ने नामी उद्योगपतियों के साथ अपने दृष्टिकोण को साझा किया। मुंबई में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा ने निवेशकों को प्रमुख हितधारकों के साथ जुड़ने, राउंड टेबल चर्चाओं में भाग लेने और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ नेटवर्क बनाने का एक बेहतर मंच उपलब्ध कराया है। प्रदेश के जबलपुर में 20 जुलाई को प्रस्तावित क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन हेतु जोर- शोर से अब स्वदेशी निवेशकों को आकर्षित करने का अभियान चलाया जा रहा है। जबलपुर के इस भव्य आयोजन में 1500 निवेशकों की भागीदारी होने जा रही है। एक तरफ प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न राज्यों के चुनिंदा शहरों में वन टू वन शो करवा ही रही है वहीँ प्रदेश भर में भी निवेशकों को आकर्षित करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। उद्योग जगत भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन की सराहना कर रहा है और मध्यप्रदेश की तरफ नई उम्मीद की नज़रों से देख रहा है। प्रदेश सरकार का फोकस भी चहुंमुखी विकास पर है और देशी निवेशकों का मध्यप्रदेश में विश्वास तेजी से हाल के दिनों में तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार अपनी जीएसडीपी को बढ़ाने के लिए सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन लाजिस्टिक से जुड़े क्षेत्रों के साथ ही सभी क्षेत्रों के लिए भी एक बेहतरीन अवसर है। मध्यप्रदेश के लिए गर्व की बात है मुम्बई के अलावा कनाडा, नीदरलैंड, थाईलैंड, ताइवान, मलेशिया के कई औद्योगिक घरानों को प्रदेश की जमीन पसंद आई है और वे यहाँ उद्योग लगाने के लिए तैयार हैं। जबलपुर समिट हेतु कनाडा के एकाग्रता समूह की लंबटन कंपनी के प्रमुखों ने 1100 करोड़ के निवेश को लेकर अपनी सहमति भी प्रदान कर दी है वहीँ रिलायंस समूह अकेले 50 हजार करोड़ से अधिक के निवेश को तैयार है। इस दौरान प्रदेश में 70 परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा जिससे 1222 करोड़ का निवेश प्रस्तावित होगा।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2025 को "उद्योग वर्ष" घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रणनीतियों, योजनाओं के माध्यम से सकारात्मक वातावरण के सुदृढ़ीकरण का सतत प्रयास किया जा रहा है। फरवरी 2025 में भोपाल में “इन्वेस्ट मध्यप्रदेश-ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2025" का आयोजन प्रस्तावित है। उद्योगपतियों का कहना है कि हाल के वर्षों में सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश का तेजी से विकास हुआ है। आज प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल आया है और ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर की तर्ज पर प्रदेश के हर शहर निवेश के माध्यम से विकास में साझीदार बनाने की पहल कर रहे हैं। प्रदेश में निवेश बढ़ाने के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के प्रयासों का असर अब जिलों तक भी पहुंच रहा है। इससे निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और आने वाले समय में होने वाले अन्य क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन के लिए अधिक निवेशक प्रेरित और प्रोत्साहित होंगे। यदि क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन में होने वाला निवेश पूरी ईमानदारी के साथ धरातल पर उतर आता है तो मध्य प्रदेश की प्रगति और खुशहाली को कोई रोक नहीं सकता।पिछले कुछ वर्षो में मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। मध्यप्रदेश ने सुशासन और ईज आफ डुइंग बिजनेस के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन किया है और बढ़ता हुआ निवेश इसी का परिणाम है। प्रदेश में देशी कंपनियों के साथ ही विदेशी कंपनियों की भी रूचि मध्यप्रदेश को लेकर काफी बढ़ी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों का ही नतीजा रहा कि प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर स्वदेशी कम्पनियाँ भी अब निवेश को लेकर रूचि दिखा रही हैं जिनमें आईटी, इलेक्ट्रानिक्स, उत्पादन, सेवा क्षेत्र आदि की कई इकाइयां शामिल हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि सुशासन के चलते आज प्रदेश में उद्योग , व्यापार और दृष्टि से अनुकूल माहौल बना है। औद्योगिक विकास में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। सूबे की सरकार ने इस बार के बजट में उद्योगों के लिए पर्याप्त राशि भी रखी है जिससे देश की जीडीपी को आगे बढ़ाने में प्रदेश अब पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ेगा। मध्यप्रदेश में देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क, विक्रम उद्योगपुरी, उज्जैन में स्थापित होने जा रहा है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के अंतर्गत अनेक प्रचलित व प्रस्तावित परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ देश आगे बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश देश का दिल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में भी मध्यप्रदेश बसता है। जो भी उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश और व्यवसाय के लिए रूचि दिखाएंगे, इससे उनकी ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की भी प्रगति होगी। आने वाले समय में प्रदेश सरकार सभी जिलों में क्षेत्रीय स्तर पर अलग -अलग समिट आयोजित करेगी। 20 जुलाई को जबलपुर में क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलन (रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव) के आयोजन के बाद ग्वालियर, दमोह-सागर, रीवा और अन्य जिलों में भी इस तरह के क्षेत्रीय आयोजन होंगे। इसके प्रस्ताव सरकार को मिलने अभी से शुरू हो चुके हैं।

No comments: