लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 से 1795 तक मालवा साम्राज्य पर शासन किया। वह न केवल एक कुशल शासिका थी , बल्कि समाज सुधार, नारी सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक भी थी। उनकी 300वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके योगदान को सम्मान देने और उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं। ये पहल न केवल अहिल्याबाई के विरासत को संरक्षित करती हैं, बल्कि उनके मूल्यों को आधुनिक शासन में एकीकृत करने का प्रयास भी करती हैं।
ऐतिहासिक स्थानों पर कैबिनेट बैठकें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि मोदी मिशन ज्ञान का आधार नारी शक्ति है। नारी अगर शक्तिशाली होगी तो पूरा समाज शक्तिशाली होगा इसलिए अगर नारी का कल्याण हो गया, तो सारे समाज और सारे प्रदेश का कल्याण होना तय है। डॉ. मोहन यादव ने अहिल्याबाई होल्कर की स्मृति में मध्यप्रदेश में होल्कर साम्राज्य के ऐतिहासिक स्थानों पर कैबिनेट बैठकों का आयोजन शुरू किया है। उनकी 300वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में अभी कुछ दिन पहले ही इंदौर के राजवाड़ा में एक ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। यह पहली बार था जब स्वतंत्रता के बाद राजवाड़ा में मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में कई दूरगामी निर्णय लिए गए, जिनमें औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल निर्माण की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा महेश्वर में भी कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जो अहिल्याबाई की राजधानी थी। मोहन सरकार की तीसरी कैबिनेट बैठक का आयोजन जबलपुर में हुआ जहाँ रानी दुर्गावती और रानी अवंती बाई के नाम से सम्मान शुरू करने का फैसला लिया गया।
इस तरह की कैबिनेट बैठकों को करने का मुख्य उद्देश्य उनके सुशासन और जनहित के आदर्शों को समाज के सामने पेश करना रहा। मोहन सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक पचमढ़ी में 3 जून को प्रस्तावित है जो जनजातीय राजा भभूत सिंह की स्मृति में आयोजित की जाएगी। यह बैठक जनजातीय गौरव को सम्मान देने और राजा भभूत सिंह के योगदान को राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठित करने का मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का एक बेहतर प्रयास है। यह डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठकों की नई कड़ी का हिस्सा है, जिसके तहत सरकार राज्य के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर बैठकें आयोजित कर रही है।
नारी सशक्तिकरण से महिलाएं हो रही हैं सशक्त
अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासनकाल में विधवाओं के पुनर्विवाह और सामाजिक समावेशन जैसे प्रगतिशील कदम उठाए थे। उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए डॉ. मोहन यादव ने "देवी अहिल्या नारी शक्तिकरण मिशन" की शुरुआत की। इस मिशन का उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। मोहन कैबिनेट ने फैसला किया कि प्रदेश में महिला श्रम शक्ति भागीदारी की दर बढ़ाई जाएगी, महिलाओं को बेहतर वातावरण दिया जाएगा और उनके कामकाजी जीवन को आसान बनाया जाएगा। इसके लिए मोहन सरकार ने फैसला किया कि प्रदेश के 4 औद्योगिक क्षेत्रों में 249 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत से वर्किंग वीमेन हॉस्टल बनाए जाएंगे। विक्रम उद्योगपुरी जिला उज्जैन, पीथमपुर सेक्टर-1 एवं 2 जिला धार, मालनपुर घिरौंगी (भिंड) एवं मंडीदीप (रायसेन) में कामकाजी महिला छात्रावासों अन्तर्गत कुल 26 हॉस्टलों और भवनों का निर्माण किया जाएगा। हर हॉस्टल में 222 बैड की क्षमता होगी। यह कदम नारी सशक्तिकरण के साथ-साथ सुरक्षित और किफायती आवास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
नारी कल्याण के लिए मोहन सरकार ने महिलाओं के कल्याण के कई काम किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन शुरू किया। मां अहिल्या बाई के 300वें जन्म जयंती वर्ष और विजयादशमी के अवसर पर पूरे प्रदेश में दशहरा शस्त्र पूजन कार्यक्रम हुआ। सरकार ने दमोह में रानी दमयंती संग्रहालय बनाने का फैसला किया। शासकीय सेवाओं में महिलाओं के आरक्षण को बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया। लाड़ली बहना योजना में प्रतिमाह प्रदेश की 1.27 करोड़ बहनों के खातों में रू 35329 की धनराशि का अंतरण किया जा चुका है। इसी तरह से प्रदेश की लगभग 25 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए 882 करोड़ से अधिक की राशि का अंतरण किया जा चुका है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में दिसंबर 2023 से अब तक 3. 99 लाख बालिकाओं को रु 305 करोड़ की छात्रवृत्ति अंतरित की गई है।
सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का संरक्षण
अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, और महाकालेश्वर जैसे धार्मिक स्थलों के निर्माण और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी इस विरासत को जीवंत करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कई कदम उठाए हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 19 धार्मिक शहरों और माँ नर्मदा के दोनों किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी का फैसला किया है, ताकि इन स्थानों की सात्विकता बनी रहे। इसके अलावा सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को डॉ.मोहन यादव के समीक्षा बैठकों के माध्यम से नई गति मिल रही है। आज प्रदेश में राम गमन, अद्वैत महालोक और कृष्ण पाथेय जैसे दूरगामी प्रोजेक्ट्स को मोहन के विजन के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।
अहिल्याबाई के जीवन दर्शन से प्रेरित मोहन
अहिल्या बाई के कार्यों से प्रेरणा लेकर मोहन सरकार ने पहला दशहरा महेश्वर में मनाया और कैबिनेट बैठक भी महेश्वर में आयोजित की। प्रदेश की सशस्त्र वाहिनी क्रमांक1 को अहिल्या माता का नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इंदौर के राजवाड़ा में "विकास यात्रा प्रदर्शनी" का उद्घाटन किया, जो 2023 से अब तक सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयों के बेहतरीन कार्यान्वयन को दर्शाता है। यह प्रदर्शनी अहिल्याबाई के जीवन दर्शन से प्रेरित है और उनके सुशासन के सिद्धांतों को जनता तक पहुंचाने का प्रयास करती है। इसके अतिरिक्त, उज्जैन में कालिदास संस्कृत अकादमी में अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन "राष्ट्रसमर्था देवी अहिल्याबाई की पुण्य गाथा" का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भाग लिया और उनकी उपलब्धियों को याद किया। देवी अहिल्या ने देश भर में नदी घाटों का निर्माण कराया, गरीबों की दिल खोलकर मदद की, रोजगार के लिए महेश्वरी साड़ियों का निर्माण कराया, व्यापार को प्रोत्साहन दिया, किसानों की मदद की और न्याय एवं सुशासन के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान भी जारी है जो 30 जून तक चलेगा। इसका भी प्रदेश भर में बेहतरीन प्रतिसाद मिल रहा है। प्रदेश में 21 मई से 31 मई तक अहिल्याबाई महोत्सव धूमधाम से सरकार मना रही है। अहिल्याबाई की विरासत के प्रचार के साथ सरकार हर जिले में संगोष्ठियां, जनसभाएं कर रही है जिसके माध्यम से समावेशी सुशासन अभियान प्रदेश भर में प्रगति की राह पर है।
स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश,आगे बढ़ता मध्यप्रदेश
अहिल्याबाई के शासन में शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई थी। उनकी इस नीति को अपनाते हुए, डॉ. यादव ने इंदौर के महाराजा यशवंतराव होल्कर अस्पताल के लिए 773 करोड़ रुपये और रीवा जिला अस्पताल के लिए 321 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। इन निवेशों से हृदय और यकृत सर्जरी जैसी उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिससे मरीजों को दिल्ली या मुंबई जैसे शहरों में जाने की आवश्यकता कम होगी।
स्व-सहायता समूह को मिला लाभ, लखपति दीदी बन रही हैं महिलाएं
मोहन सरकार स्व-सहायता समूह अंतर्गत महिलाओं को लखपति दीदी बना रही है। अभी तक 1 लाख से अधिक दीदियां लखपति बन चुकी हैं। सरकार 5 लाख स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 62 लाख बहनों को आत्मनिर्भर बना चुकी है। महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए 850 एमएसएमई इकाइयों को 275 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। सरकार ने रेडीमेड गारमेंट्स इंडस्ट्री में प्रति महिला श्रमिक को 5 हजार प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया। सरकार ने जेंडर बजट में 19 हजार 21 करोड़ से अधिक की वृद्धि की। महिला सशक्तिकरण के लिए 1 लाख 21 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों को न केवल स्मरण कर रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक शासन और विकास की नीतियों में एकीकृत भी कर रही है। ऐतिहासिक स्थानों पर कैबिनेट बैठकों, नारी सशक्तिकरण मिशन, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, और स्वास्थ्य-शिक्षा में निवेश जैसे कदम अहिल्याबाई के सुशासन, समाज कल्याण और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों को जीवंत करते हैं। ये प्रयास मध्यप्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो अहिल्याबाई के विजन को साकार करते हैं।
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