आजाद प्रेस
( ... ऊपर का यह चित्र बहुत दुर्लभ है ......
सफ़ेद रंग की प्रेस की इस गाड़ी में एक "कुक्कुर" महाशय आराम फरमा रहे है ............
शायद उनको भी अच्छे से पता है लोकतंत्र में प्रेस के स्थान की कितनी अहमियत है
...तभी तो वह कह रहे है.. "ऐसी आज़ादी और कहाँ " ? )
11 comments:
Harsh,
My love.
I hope you like it now.
Though I wanted to help with a bit of content too, but I avoided.
Love.
Gajendra Singh Bhati
Don't get confused.
This is my Brother's blog. His name is sukhsagar singh.
I write here too.
Love..
Gajendra Singh Bhati
मुझे तो कही से भी यह कुत्ता नज़र नही आ रहा है.
वर्मा जी, ओरीजनली कुत्ते ऐसे ही होते थे वो तो आजकल... :)
baht sundar picture hai harsh bhai...... achcha likhte ho... lage raho ...... tanmay
bahut khoob!
darashal yah tasveer yatharth ko darsha rahee hai. ya yu kahe ki press ka bhabhishay.....
हर्ष जी बहुत खूब.... आपका क्या कहना? अब ब्लॉग का नया टाईटल लगा दीजिये.......इसका नया नाम तस्वीर बोलती है रख दीजिये ......या इस नाम से कोई नया ब्लॉग शुरू कर दीजिये...........वाह मजेदार ....क्या फोटो लगाया है ..... ?
bahut sundar hai yah photo .............
bhut khub accha lioka hai .media ke field me kranti aayge.
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