Monday, 26 October 2009

इस चित्र पर गौर फरमाए.........


आजाद प्रेस

( ... ऊपर का यह चित्र बहुत दुर्लभ है ......
सफ़ेद रंग की प्रेस की इस गाड़ी में एक "कुक्कुर" महाशय आराम फरमा रहे है ............
शायद उनको भी अच्छे से पता है लोकतंत्र में प्रेस के स्थान की कितनी अहमियत है
...तभी तो वह कह रहे है.. "ऐसी आज़ादी और कहाँ " ? )

11 comments:

Anonymous said...

Harsh,
My love.
I hope you like it now.
Though I wanted to help with a bit of content too, but I avoided.

Love.
Gajendra Singh Bhati

Anonymous said...

Don't get confused.
This is my Brother's blog. His name is sukhsagar singh.
I write here too.

Love..
Gajendra Singh Bhati

M VERMA said...

मुझे तो कही से भी यह कुत्ता नज़र नही आ रहा है.

Udan Tashtari said...

वर्मा जी, ओरीजनली कुत्ते ऐसे ही होते थे वो तो आजकल... :)

Anonymous said...
This comment has been removed by the author.
Tanmay jain said...

baht sundar picture hai harsh bhai...... achcha likhte ho... lage raho ...... tanmay

Alpana Verma said...

bahut khoob!

Bhoopendra pandey said...

darashal yah tasveer yatharth ko darsha rahee hai. ya yu kahe ki press ka bhabhishay.....

Unknown said...

हर्ष जी बहुत खूब.... आपका क्या कहना? अब ब्लॉग का नया टाईटल लगा दीजिये.......इसका नया नाम तस्वीर बोलती है रख दीजिये ......या इस नाम से कोई नया ब्लॉग शुरू कर दीजिये...........वाह मजेदार ....क्या फोटो लगाया है ..... ?

Unknown said...

bahut sundar hai yah photo .............

Lalit Kuchalia said...

bhut khub accha lioka hai .media ke field me kranti aayge.