Thursday 19 September 2024

प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता के संकल्पों को साकार कर रहा है मध्यप्रदेश



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता  भारत मिशन के संकल्प को साकार करने के दिशा में मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।  मध्यप्रदेश ने इस मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य भारत को साफ-सुथरा बनाना है, जिसमें प्रमुख रूप से खुले में शौच से मुक्ति और ठोस और तरल कचरे का उचित प्रबंधन शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुए इस मिशन के तहत मध्यप्रदेश ने अपने स्वच्छता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ठोस नीतियां और योजनाएं बनाई हैं। 

 प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस  17 सितंबर से “स्वच्छता ही सेवा-2024” अभियान शुरू हुआ है जो इस वर्ष  गांधी जयंती तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। यह अभियान ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ थीम पर केन्द्रित है  जिसमें जन-भागीदारी के अभियान से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की कोशिश रहेगी। स्वच्छता अभियान में इस वर्ष  स्थानीय निकायों की भागीदारी पर भी विशेष जोर  सरकार द्वारा दिया गया है। स्वच्छता को जन -जन अपने व्यवहार में आत्मसात करे , इस हेतु  प्रदेश में वृहद स्तर पर विभिन्न गतिविधियाँ  भी संचालित की  जा रही हैं । प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है  कि प्रदेश में स्वच्छता ही सेवा अभियान की इस वर्ष की थीम स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता रखी गई है। 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के शुभारंभ अवसर पर मंत्रीगण अपने-अपने प्रभार के जिलों में शामिल हुए हैं  जिसने इस अभियान को  एक नई गति देने का काम किया है। अभियान की शुरूआत में 17 सितम्बर को प्रदेश में किफायती दाम पर दवाईयाँ उपलब्ध कराने वाले जनऔषधि केन्द्रों का शुभारंभ भी किया गया । 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का समापन 2 अक्टूबर "महात्मा गांधी जयंती" पर प्रदेश भर में होगा। इस दिन महात्मा गांधी के स्वच्छता संबंधी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेंगे। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों से ऑनलाइन अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का प्रयास होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर सफाई कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सफाई कर्मचारियों को स्टार रेटिंग प्रणाली के आधार पर पुरस्कृत किया जाएगा। खास बात यह है कि सफाई कर्मचारियों द्वारा अर्जित प्रत्येक स्टार के लिए उन्हें एक हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यानी एक स्टार पाने वाले कर्मचारी को एक हजार रुपए और सात स्टार पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी को सात-सात हजार रुपए दिए जाएंगे।

मध्यप्रदेश ने खुले में शौच से मुक्ति प्राप्त करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शौचालय निर्माण पर जोर दिया है। पंचायतों और नगरपालिकाओं के सहयोग से, हजारों व्यक्तिगत स्वच्छता शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही, स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक अभियानों का संचालन भी किया गया है। वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक सरकार और जनता की सक्रिय भागीओदारी के माध्यम से प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहले चरण में 70 लाख से अधिक घरों में नए शौचालय बने जिससे सभी 51 हजार ग्राम तय समय सीमा से पहल खुले में शौच से मुक्त हुए।  इस अभियान में 50 हजार से अधिक स्थानीय स्वच्छताकर्मियों  ने प्रेरक भूमिका निभाई।  इसी तरह प्रदेश में वर्ष 2020 से स्वच्छ भारत का दूसरा चरण शुरू हुआ जिसमें 2024 तक सरकार ने सभी ग्रामों को शौच से मुक्त बनाये रखते हुए ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन मॉडल द्वारा मॉडल श्रेणी में ओडीएफ प्लस बनाने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए प्रदेश में अभी तक 8  लाख से अधिक नए शौचालय बनाने के साथ ही 16 हजार से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाये गए और 41 हजार से अधिक गाँवों को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाया गया है।  मध्यप्रदेश ने ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य सरकार ने कचरे को सेग्रीगेट करने, उसका पुनर्चक्रण करने, और उसे कम करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। खासकर बड़े शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, और जबलपुर में स्वच्छता प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए उन्नत तकनीकों और प्रणालियों का उपयोग किया गया है। 25 हजार से अधिक स्वच्छता मित्रों को इस कार्य में शामिल किया गया साथ ही 900 स्वसहायता समूहों को शामिल करने के साथ ही उनकी आजीविका में भी वृद्धि हुई। वर्तमान में प्रदेश के भीतर ग्रामों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एमआरएफ  बनाये जा रहे हैं जिसमें  शहरी निकायों का भी निरंतर सहयोग मिल रहा है। पशुओं के गोबर से खाद और बायो गैस बनाने की दिशा में गोवर्धन योजना से भी  विशेष लाभ मिल रहा है।  

 इंदौर की गिनती आज देश के सबसे स्वच्छ शहरों में अगर हो रही है तो इसका कारण स्वच्छता का संकल्प ही रहा है जिसने कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई है। इंदौर ने देश में हुए 'स्वच्छता सर्वेक्षण' में लगातार सातवीं  बार  शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जिससे स्पष्ट होता है कि यहाँ के नागरिक और प्रशासन दोनों मिलकर स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध हैं। इंदौर को साफ बनाने में वहां के  नगर निगम जनभागीदारी की  बड़ी भूमिका रही है। आज इंदौर की सफाई प्रणाली पूरे देश को प्रेरणा देने का काम कर रही है। इंदौर शहर से निकले वाले कचरे से गैस  बनाई जाती है जिससे शहर में सीएनजी बसों का परिचालन होता है। कचरे से गैस बनाने के लिए इंदौर में एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

एमपी के जन- भागीदारी मॉडल ने  हाल के वर्षों में देश में  विशेष पहचान  बनाई है।  स्वच्छता के उद्देश्यों को साकार करने में मध्यप्रदेश के नागरिकों की भागीदारी भी बड़ी महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश ने स्थानीय समुदायों को स्वच्छता अभियानों में शामिल करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं। स्वच्छता संबंधी कार्यशालाएं, जागरूकता अभियानों और स्कूलों में स्वच्छता शिक्षा जैसी विशिष्ट पहल के माध्यम से, राज्य ने नागरिकों को इस मिशन में सक्रिय भागीदार बनाया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से  'एक पेड़ माँ के नाम' जैसे  पौध-रोपण के कार्यक्रम भी  प्रदेश के हर कोने में आयोजित किए जा रहे हैं जिसका लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। स्वच्छता संबंधी चुनौतियों के  समाधान हेतु राज्य सरकार ने  स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और कचरा निस्तारण के लिए नई तकनीकों का भी उपयोग किया है। मध्यप्रदेश सरकार भविष्य में स्वच्छता मिशन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई योजनाएं बना रही है। सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार  डिजिटल तकनीक, नवाचार और जनभागीदारी के मॉडल के जरिये अपने स्वच्छता लक्ष्यों को  साकार करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के स्वच्छता संकल्प को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश ने उत्कृष्ट प्रयास किए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य की योजनाएं और पहल न केवल स्वच्छता के मानक स्थापित कर रही हैं, बल्कि  आम नागरिकों के जीवन स्तर को भी ऊपर उठाने का काम कर रही है। मध्यप्रदेश की प्रतिबद्धता और योजनाओं से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन से  राज्य भविष्य में स्वच्छता के क्षेत्र में और भी नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

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