Friday 13 May 2022

लाड़ली लक्ष्मी के जरिए बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे मुख्यमंत्री शिवराज


 


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश लगातार विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने हर कार्यकाल में बेटियों के सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठाये हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने बेटियों के जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्थिति और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से 1 अप्रैल, 2007 को लाड़ली लक्ष्मी योजना को लागू किया । इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 ‘आत्मनिर्भर लाड़ली ’ को बीते दिनों शुरू किया है जिससे प्रदेश की हर बेटी सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्राथमिकता के केंद्र में प्रदेश की बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य- सुविधा, स्वावलंबन, समृद्धि और उनका सम्मान है। मुख्यमंत्री लाड़लियों के आर्थिक सशक्तीकरण से लेकर उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देने पर कार्य कर रहे हैं ।

मुख्यमंत्री चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना एक ऐसी योजना है जिसने पूरे देश में अपनी छाप छोड़ी है। यही वो योजना है जिसने शिवराज को बेटियों का मामा बना दिया और पूरे प्रदेश में शिवराज की लोकप्रियता बढ़ गई। आज प्रदेश में जहाँ 42.14 लाख लाड़लियों को इसके दायरे में लाया जा चुका  है वहीँ देश के 8 राज्यों ने भी मुख्यमंत्री शिवराज  की इस योजना को सराहा और इसे अपने राज्यों में लागू किया। 2007 से लेकर आज तक इस योजना को सार्थक बनाने के लिए सरकार द्वारा समय -समय पर कई बदलाव किये गए लेकिन इसके बाद भी बेटियां बड़ी संख्या में इस योजना में पंजीकृत हो होकर लाभान्वित हो रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने महिलाओं के सशक्तीकरण के क्षेत्र में नया इतिहास रचा है। आज बेटियों के प्रति समाज की सोच में जहाँ बदलाव आया है वहीँ लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं के माध्यम से बेटियों की उम्मीदों को नए पंख लगे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज की योजनाओं का प्रतिफल है प्रदेश के लिंगानुपात के स्तर में भी तेजी से सुधार हो रहा है। आज प्रदेश में बेटियों का लिंगानुपात बढ़ हो गया है। प्रदेश में ये बड़ा बदलाव है। लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं ने बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है वहीँ उनमें पठन -पाठन को लेकर एक नई ललक भी जगी है। प्रतिभाशाली बेटियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज की ये योजना नई उम्मीद बनकर आई हैं। अब मेडिकल , आईआईटी , आईआईएम या किसी भी संस्थान में प्रवेश का पूरा शुल्क सरकार वहन करेगी साथ ही जरुरत पड़ने से लाड़ली ई -संवाद के जरिये सीधे मुख्यमंत्री से कनेक्ट कर सकती हैं। बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा गया है। लाड़ली लक्ष्मी के माता - पिता को बेटियों के कल्याण के लिए संचालित सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर उनमें प्रतिदिन बचत के संस्कार भी डाले जा रहे हैं । बेटियों के बेहतर लिंगानुपात को सुनिश्चित करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों और ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत करने की योजना भी बनी है।

इस योजना में अब तक छठवीं , नवीं , 11 वीं , 12 वीं में प्रवेश लेने वाली 9. 05 लाख बेटियों को 231. 07 करोड़ की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है वहीँ समाज की सोच में बदलाव आने के चलते बाल विवाह में भी तेजी से कमी आई  है। 2011 की जनगणना के समय प्रदेश में बेटियों का लिंगानुपात 919 था जो आज 956 हो गया है। एक तरफ जहाँ चम्बल , बुंदेलखंड और ग्वालियर सरीखे इलाकों में भी लिंगानुपात का स्तर सुधरा है वहीँ प्रदेश में घरेलू हिंसा के मामलों में भी कमी देखी जा सकती है। इस योजना के माध्यम से स्कूलों में दाखिला लेने वाली बेटियों की संख्या में भी तेजी के साथ इजाफा हुआ है। यही नहीं प्रदेश में बेटियों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली बेटियों की संख्या भी बढ़ी है। लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए भी आज लोग अपने बेटियों की पढ़ाई का जारी रखना चाहते हैं साथ ही 18 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद उसका विवाह करना चाहते हैं। यह प्रदेश में एक बड़ा बदलाव है जो मुख्यमंत्री शिवराज के रहते सम्भव हो पाया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाड़लियों को सशक्त बनाने के प्रयासों में पूरी ऊर्जा के साथ जुटे हुए हैं । इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड के कोठी गांव की लाड़ली लक्ष्मी योजना कोठी गांव की लाड़ली लक्ष्मी योजना के 92 हितग्राहियों के अब लाड़लियों के नाम से ही जाने जाएंगे। सभी बेटियों के घरों के बाहर नाम दर्ज किये जाने से लाड़लियों के साथ ही उनके परिजनों के चेहरों में जश्न है। इससे ज्यादा ख़ुशी क्या हो सकती है अब उनके घरों की पहचान उनकी बेटियों के नाम से होगी। इस पहल के पूरे प्रदेश में बेटियों को लेकर आने वाले दिनों में बदलाव आएंगे।लाल परेड मैदान पर लाड़ली लक्ष्मी उत्सव में मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि डॉक्टर बनने में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में 7-8 लाख रुपये फीस लगती है। अब मेडिकल, आईआईटी, आईआईएम या किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने पर लाड़ली लक्ष्मी की पूरी फीस राज्य सरकार भरेगी। 12वीं पास कर कॉलेज में प्रवेश लेने वाली लाड़ली लक्ष्मियों को 25 हजार रुपये दो किस्तों में अलग से दिए जाएंगे। साथ ही हर साल 2 मई से 12 मई तक लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने बेटियों से सीधे संवाद करने के लिए लाड़ली ई-संवाद ऐप भी बनाया है जिससे बेटियों का बेटियों की जिंदगी संवारेगी। मुख्यमंत्री ने कहा जिस पंचायत में लाड़लियों का सम्मान होगा, जहां एक भी बाल विवाह नहीं होगा, शालाओंं में लाड़लियों का शत-प्रतिशत प्रवेश होगा, कोई लाड़ली कुपोषित नहीं होगी और कोई भी बालिका अपराध घटित नहीं होगा, ऐसी ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी पंचायत घोषित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज को प्रदेश भर की बेटियों ने पत्र लिखकर जिस अंदाज में अपना आभार व्यक्त किया है उसकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि, बेटियों, मेरे रहते हुए तुम्हारी पढ़ाई की राह में कोई बाधा नहीं आ पायेगी। तुम पढ़ो, आगे बढ़ो, मेरी शुभकामनाएं, आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री चौहान को मयरीन खान नाम की बेटी ने भी पत्र लिखा, जिससे चौहान ने फोन पर बात भी की। मायरीन ने अपने पत्र में बेटियों पर स्वलिखित कविता और योजना के बाद समाज में आये बदलाव की चर्चा की। मुख्यमंत्री चौहान ने मायरीन से दूरभाष पर बात की और उसका हालचाल भी जाना। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में ऐसी बेटियां को शामिल किया जा रहा है जिन्हें कहीं कोई छोड़ गया या जिनका कोई नहीं है,उन्हें भी लाड़ली लक्ष्मी माना जाएगा और लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिया जाएगा।

विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू होने के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पूरी सक्रियता के साथ मैदान में जुट गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार लाड़ली योजना के हितग्राहियों कप अपने पाले में लाकर अपनी चुनावी बिसात बिछाने जा रही है। 2007 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब ये योजना शुरू की थी तो इसी के जरिये उन्होंने चुनावों में सरकार के पक्ष में माहौल बनाया था। अब एक बार फिर लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 के जरिये वह सरकार लाड़ली योजना के हितग्राहियों के साथ ही उनके परिवारों को भी रिझाने की कोशिशों में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नजरें पहली बार वोटर बनने वाली लाड़लियों पर भी है जिससे सरकार के संगठन के पक्ष में लामबंदी सुनिश्चित की जा सके। लाड़ली लक्ष्मी योजना में बेटियों का जिस तेजी से पंजीकरण हुआ है उससे मुख्यमंत्री शिवराज की बांछें खिली हुई हैं। यही लाड़ली लक्ष्मी योजना 2023 के चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकती हैं। विधान सभा चुनावों के ठीक बाद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भी यह योजना अपना असर छोड़ सकती है शायद यही वजह है सरकार की पूरी कोशिश इस माहौल को अपने अनुकूल बनाने में जुट गई है।

बेटियों के सशक्तीकरण को लेकर प्रदेश सरकार बेहद संजीदा हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में इस दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। एक समय था जब प्रदेश में बेटियों को बोझ समझा जाता था। समाज की इस मानसिकता को अपनी लाड़ली लक्ष्मी सरीखी योजनाओं के माध्यम से बदलने का काम मुख्यमंत्री शिवराज ने बखूबी किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सोच के कारण बेटियों का सम्मान बढ़ा हैं। यह साधारण बात नहीं है उनकी बनाई गई यह लाड़ली लक्ष्मी योजना आज देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल है।

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