मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश लगातार विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। अपने हर कार्यकाल में अब तक मुख्यमंत्री चौहान ने महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं। महिला सशक्तीकरण, सामाजिक और आर्थिक रूप से महिलाओं को सक्षम बनाने की दिशा में सरकार ने कई ऐसी योजनाएं प्रदेश में चलाई हैं जिन्हें पूरे देश में सराहा जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हर योजना के केंद्र में महिलाएं शामिल रही हैं। इससे मध्य प्रदेश में बेटियों के सपनों को जहाँ पंख लग रहे हैं वहीँ प्रदेश में शिवराज मामा की लोकप्रियता बढ़ रही है।
मध्य प्रदेश में आजीविका मिशन के तहत महिला स्व सहायता समूहों ने बेहतरीन काम किया है। आज प्रदेश की महिलाएं इस योजना के माध्यम से जहाँ सशक्त हो रही हैं वहीँ जनरल स्टोर, रेडिमेट गारमेंट्स, आटा चक्की, सिलाई कार्य, राशन की दुकान चलाने जैसे कई कामों को बखूबी अंजाम दे रही हैं। शिवराज सरकार द्वारा इस बार पेश किये गए बजट में भी महिला स्व -सहायता समूहों को 1100 करोड़ का बजट दिलाकर सशक्त किया है जो भविष्य में उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करेगा । इससे समूह सदस्यों के परिवारों को अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने का अवसर मिलेगा। बैंकों द्वारा मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों को ऋण देकर सहायता करने का काम तेजी से चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना भी प्रदेश में बेहतरीन ढंग से चल रही है जिसमें बेटी के लिए प्रतिमाह 3 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है जिसमें मैच्योरिटी के समय 15 लाख 22 हजार रु मिलते हैं। ये योजना बेटियों के भविष्य के लिए उपयोगी है जिसमें मध्य प्रदेश ने अब तक 5 लाख से अधिक बेटियों को जोड़ने का काम किया है । 2 हजार 238 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का संग्रहण कर मध्य प्रदेश ने जहाँ एक नए कीर्तिमान को स्थापित किया है वहीँ सुकन्या समृद्धि योजना में 23 लाख खाते खुलवाकर मध्य प्रदेश ने देश में अपना पहला स्थान बनाया है। इससे जहाँ प्रदेश की बेटियों में बचत की प्रवृत्ति का विकास हो रहा है वहीँ उनके सशक्तिकरण की दिशा में ये मील का पत्थर साबित होगा । मध्य प्रदेश में गांव के अंतिम छोर पर खड़े लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने और उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए डाक विभाग बचत खाता खुशहाली का अभियान चला रहा है जो वित्तीय समावेशन को नई दिशा देने का काम करेगा । इससे ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं स्वावलंबी बनाने में मदद मिलेगी। पंख अभियान से बेटियों की उम्मीदों को नए पंख लगने शुरू हुए हैं। किशोरियों की सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की जागरूकता के लिए ये योजना प्रदेश में शुरू की गई है जिसमें 311 विकासखण्डों के विद्यालयों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए अपराजिता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है । 23 हजार बालिकाओं को जूडो, कराटे, ताईक्वाण्डो का प्रशिक्षण देने का काम भी जारी है ।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कई बेहतरीन कदम उठाये गए हैं। सरकारी नियुक्तियों में जहाँ महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है वहीँ पुलिस भर्ती में 30 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। सामान्य भर्तियों में भी महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के हितों के संरक्षण किया है। शासकीय सेवा के अलावा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत बेटियां अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकती हैं जिसके लिए 10 लाख से 50 लाख रुपए तक के लोन की गारंटी सरकार ले रही है। यह प्रदेश में महिलाओं के जीवन स्तर की सुधार की दिशा में मुख्यमंत्री का बड़ा कदम है। यही नहीं मध्यप्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने पर भी सहमति हो गई है।मुख्यमंत्री शिवराज ने इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष शुरू कर महिला सशक्तिकरण के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। एक तरफ प्रदेश में महिला वित्त विकास निगम का सुदृढ़ीकरण करने पर जोर दिया जा रहा है वहीँ 100 करोड़ रूपये की लागत से मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष स्थापित करने का काम भी शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री महिला उद्यम शक्ति योजना भी मध्य प्रदेश में शुरू होने जा रही है साथ ही इंदौर एवं भोपाल में महिला उद्यम प्रोत्साहन के लिए इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की कवायद भी तेजी से चल रही है। इसी तरह उदिता योजना अंतर्गत किशोरी के मासिक धर्म संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह योजना किशोरियों के पोषण व स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर विचार विमर्श के लिये एक मंच तैयार करती है।
मध्यप्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य है जिसने बाल विवाह के रोकथाम हेतु 2013 में लाडो अभियान शुरू किया था। लाडो अभियान का मुख्य उद्देश्य जनसमुदाय की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव के साथ बाल विवाह जैसी कुरीति को सामुदायिक सहभागिता से समाप्त करना है। अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला, खण्ड, स्कूल, ग्राम स्तरीय एंव सेवा प्रदाताओं की कार्यशाला का आयोजन कर उपस्थित प्रतिभागियों को अभियान के प्रति संवेदनशील बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है। लाडो अभियान के अन्तर्गत बाल विवाह को रोकने हेतु प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2014 में लोक प्रशासन के उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार से मध्य प्रदेश को नवाजा जा चुका है ।किशोरी बालिका , बच्चों,किशोरियों, गर्भवती माताओं और प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य और एनीमिया की रोकथाम, किशोरियों में पोषण जागरूकता हेतु लालिमा योजना संचालित की जा रही हैं। इस अभियान के तहत किशोरी बालिकाएं, गर्भवती महिलाएं व बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को पोष्टिक आहार की जानकारी देने के साथ ही उन्हें स्वस्थ्य रहने के तरीके बताए जा रहे हैं ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नया इतिहास रचा है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने के उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा पंख अभियान के माध्यम से नए पंख लगाने की कोशिश जहाँ हुई है वहीँ महिअलों के साथ होने वाले दुष्कर्मों को रोकने के लिए अपराधियों को फांसी देने का निर्णय हुआ है। बालिकाओं को प्रताड़ना से बचाने के लिए प्रदेश में मुस्कान अभियान भी चल रहा है जिसके माध्यम से 10 हजार से अधिक बालिकाओं को बचाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज की योजनाओं का प्रतिफल है आज प्रदेश के लिंगानुपात के स्तर में भी तेजी से सुधार हो रहा है। महिलाओं के प्रति अपराध पर प्रदेश के भीतर सम्मान जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू हुआ है जिसमें हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाएं संकट के समय सीधे काल कर रही हैं। सम्मान अभियान बेटियों को बुरी नजर से देखने वालों को सबक सिखाने के लिए और समाज में जागरूकता लाने के लिए ये अभियान चलाया जा रहा है । ये संकट के समय महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। जो महिलाएं कभी पुलिस के सामने जाने से कतराती थी आज काम के लिए घरों से बाहर जाने वाली महिलाएं अपना पंजीकरण बढ़ चढ़कर करा रही हैं और पुलिसकर्मी अपने पास उनका रिकार्ड संरक्षित रख रहे हैं। प्रदेश में ये बड़ा बदलाव है। लाड़ली लक्ष्मी योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गयी ऐसी योजना है जिसने पूरे देश में अपनी छाप छोड़ी है। यही वो योजना है जिसने सीएम शिवराज को बेटियों का मामा बना दिया और पूरे देश में मुख्यमंत्री शिवराज की लोकप्रियता बढ़ गई । आज प्रदेश में जहाँ 43 लाख लाड़लियों को इसके दायरे में लाया जा चुका है वहीँ देश के 8 राज्यों ने भी मुख्यमंत्री की इस योजना को दिल से सराहा और इसे अपने प्रदेशों में लागू करने पर मजबूर किया है। इस योजना को मुख्यमंत्री शिवराज ने 2007 में शुरू किया था। तब से आज तक योजना को सार्थक बनाने के लिए सरकार द्वारा समय -समय पर कई बदलाव किये गए हैं । प्रदेश सरकार द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत बालिकाओं को कक्षा 6 में प्रवेश पर 2 हजार रूपए, कक्षा 9वीं में प्रवेश पर 4 हजार रूपए, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए और कक्षा 12वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। बालिका के 12वीं की परीक्षा में शामिल होने और 18 वर्ष की आयु तक विवाह न करने तथा 21 वर्ष पूर्ण होने पर एक लाख रूपए के भुगतान की व्यवस्था की गई है। यही नहीं सरकार द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने पर उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है । अब बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना को स्वास्थ्य और पोषण से भी जोड़ा जा रहा है। लाभार्थी बालिकाओं के टीकाकरण, एनीमिया सहित अन्य आवश्यक स्वास्थ्य जाँचों की व्यवस्था और पोषण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। लाड़ली लक्ष्मी के माता-पिता को बालिका कल्याण के लिए संचालित सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाओं में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर उनमें प्रतिदिन बचत करने के संस्कार भी डाले जा रहे हैं । प्रदेश में महिलाओं के बेहतर लिंगानुपात को सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई जा रही है । 2021 में मुख्यमंत्री शिवराज ने मध्य प्रदेश प्रतिभा किरण छात्रवृत्ति योजना शुरू कर बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया है। गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाली तमाम बालिकाओं के लिए ये नई उम्मीद लेकर आई है जिससे उनमें भी पढ़ने की एक नई ललक जगी है। इसी तर्ज पर पिछले साल प्रदेश में मेधावी छात्रों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए गाँव बेटी योजना शुरू की गई जो प्रतिभाशाली बेटियों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर आई है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत विपत्तिग्रस्त पीड़ित, कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक उन्नयन हेतु स्थायी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि उन्हें आजीविका मिल सके।
केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं में भी मध्य प्रदेश का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का जहाँ सफल क्रियान्वयन हुआ है वहीँ प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को मातृत्व अवकाश के साथ प्रतिमाह 6 हजार रु दिए जा रहे हैं। प्रदेश में करोड़ों महिलाओं के जहाँ जन-धन खाते खुले हैं वहीँ शौचालयों का निर्माण भी तेजी से हुआ है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देने के साथ ही उन्हें समुचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करती है । गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना इसका मुख्य उद्देश्य है । केंद्र से लेकर राज्य सरकार की हर योजनाओं में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं।
इस प्रकार कहा जा सकता है महिला सशक्तीकरण को लेकर प्रदेश की मौजूदा सरकार बेहद संजीदा है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में इस दिशा में लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। एक समय था जब प्रदेश में महिलाओं को बोझ समझा जाता था । समाज की इस मानसिकता को अपनी योजनाओं के जरिए बदलने का काम मुख्यमंत्री शिवराज ने बखूबी किया है । यह साधारण बात नहीं है उनकी बनाई गई कई योजनाएं अन्य राज्यों ने भी दिल से स्वीकारा है ।
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