शारीरिक, मानसिक विकास के लिए खेलों का वातावरण जरूरी है, साथ ही जीवन के सर्वांगीण विकास में यह आवश्यक है। पहले के दौर में कहा जाता था ' पढ़ोगे लिखोगे, बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब'। उस दौर में संसाधनों के उपलब्ध न होने के बावजूद बच्चे खिलाड़ी नहीं बन पाते थे लेकिन अब यह कहावत भी देश में बदलती नजर आ रही है। आज देश में खेलों को लेकर एक नया दौर शुरू हुआ है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'खेलो इंडिया' जैसी दूरगामी सोच और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को निरंतर नए अवसर मिल रहे हैं।
शहरों से लेकर गाँवों तक स्टेडियम
खेलों में मध्य प्रदेश के खिलाड़ी देश और दुनिया में अपना नाम रोशन करें, इसके लिए शिवराज सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रदेश के खेलों के बजट में सरकार ने काफी इजाफा किया है। खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई शहरोंं और तहसीलों में स्टेडियम बनाने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। तहसील से लेकर ग्राम स्तर पर खिलाड़ियों को आज बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा छोटे शहरों में छिपी प्रतिभाओं को तराशना है। सरकार का लक्ष्य खिलाड़ियों को पूर्ण संसाधन उपलब्ध कराना है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का कौशल दिखा कर अपनी चमक बिखेर सकें।
भोपाल के नाथू बरखेड़ा में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप तैयार किया जा रहा है ,जहां खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा भी प्रदेश के अन्य शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत इंदौर व ग्वालियर ,कटनी में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स , नरसिंहपुर में वॉलीबाल, बैडमिंटन और अन्य खेलों के लिए इंडोर स्टेडियम का निर्माण प्रगति पर है। हरदा नगर में इनडोर स्टेडियम,होशंगाबाद इटारसी में सरकार एस्टोटर्फ , रायसेन गैरतगंज, गंजबासौदा राजौदा रोड और नटेरन में खेल स्टेडियम बनाया जा रहा है। सागर के मकरोनिया, निवाड़ी के तरीचरकलां, छतरपुर के बक्स्वाहा, रीवा जिले के गुढ़ तहसील और माड़ा में सरकार ने स्टेडियम की सौगात सरकार ने अपने बजट में दी है। उमरिया के करकेली नगर व नरवार नगर मेंं स्टेडियम, सीहोर नगर में टाउन हाल स्टेडियम, मंदसौर, पन्ना व नीमच में भी अत्याधुनिक स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है ।
खेल प्रतिभाओं को सरकार दे रही है प्रोत्साहन
आज खेल क्षेत्र में प्रदेश की प्रतिभाओं ने विश्व पटल पर मध्य प्रदेश का कद ऊँचा किया है। आज खेलों के क्षेत्र में राज्य सरकार व केंद्र सरकार कई योजनाओं के माध्यम से खिलाडियों का प्रोत्साहन कर रही है। मध्यप्रदेश ने हॉकी,शूटिंग,सॉफ्ट टेनिस,कराटे, वुशु, तैराकी, क्रिकेट, घुड़सवारी, टेबल टेनिस,सेलिंग,शतरंज जैसे अन्य खेलों में कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। खेल और युवा कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाए जा रहे टैलेंट सर्च अभियान के माध्यम से कई उत्कृष्ट खिलाड़ियों को चिन्हित कर उचित अवसर व सुविधाएं दी जा रही हैं।सरकार के द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन खिलाड़ियों को खेल अलंकृत कर एकलव्य पुरुस्कार, विक्रम अवार्ड, विश्वामित्र अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड जैसे पुरुस्कार से सम्मानित कर शासकीय सेवाओं में पद देकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है।कई दिव्यांगजन युवा खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर शासकीय सेवाओं में पद देकर मध्य प्रदेश सरकार ने बड़े मंचों में सम्मानित भी किया है। ओलंपिक, पैरा-ओलंपिक में भी मध्यप्रदेश के खिलाड़ी शामिल होकर स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में योगदान दे रहे हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग तराश रहा है प्रतिभाओं को
मध्य प्रदेश के होनहार युवा हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर रहे हैं। खेल जगत में देश के हृदयस्थल मध्य प्रदेश की माटी के लाल सोना बनकर अपनी चमक बिखेर रहे हैं। बेहतर कोच, संसाधनों और अच्छी सुविधाओं ने राज्य के खिलाड़ियों को ऐसा माहौल दिया है कि वे खेलों में अपनी जी -जान कुर्बान कर रहे हैं। आज मध्य प्रदेश का युवा दिन -रात स्टेडियम में पसीना बहाकर ओलंपिक,एशियाई खेलों समेत बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में पदक लाने के सपने देख रहा है। खिलाड़ियों के इन सपनों में मध्य प्रदेश सरकार रंग भरने का काम कर रही है।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के कमान सँभालने के बाद से प्रदेश के खेल विभाग द्वारा प्रदेश भर में टैलेंट सर्च अभियान चलाये जा रहे हैं जिसमें ग्रामीण प्रतिभाओं को भी समुचित अवसर मिल रहे हैं। खेल विभाग और प्रशिक्षकों की कोशिशों के चलते आज कई खिलाड़ी देश ही नहीं विदेशी सरजमीं में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। जिलों में भी खेल विभाग द्वारा बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ ट्रेनिंग दी जा रही है और सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, इससे बच्चों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ रही है। खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के कार्यकाल में खेल अकादमी के वीडिंग आउट प्रॉसेस में बाहर हुए बच्चों को एनआईएस कोचिंग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि ये खिलाड़ी अकादमी में रह कर खेल की बारीकियों को जान सकें और एनआईएस कोचिंग कर अपने हुनर से युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे सकें ।
एमपी में खिलाड़ियों को मिल रहीं बेहतर सुविधाएं
मध्य प्रदेश देश में सबसे अधिक एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान वाला प्रदेश है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हॉकी के लिए जुनून देखने लायक है। देश के इस राष्ट्रीय खेल को मुख्या धरा में लाने का काम उन्हीं के द्वारा किया गया। ऐशबाग में हॉकी इंडिया लीग जैसे आयोजनों के माध्यम से उन्होनें हॉकी की पुरानी साख को वापस लाने का काम किया है । राज्य सरकार के प्रयासों की वजह से भोपाल, ग्वालियर, बैतूल, गुना, मंदसौर, दमोह, सिवनी, नर्मदापुरम में एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध हैं। इंदौर और बालाघाट में तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार हर जिले में एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम बनाने के लिए प्रयासरत है।
खेल अकादमी शुरू करने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश खेल अकादमी शुरू करने वाला देश का पहला राज्य है। खेल अकादमी शुरू करने के साथ ही सरकार खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर, उन्हें बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराने का कार्य कर रही है। इस कदम से प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी मेहनत के दम पर निखर रहे हैं । मध्य प्रदेश के होनहार हॉकी खिलाडी विवेक सागर ,नीलाकांता शर्मा, शौर्य प्रताप इसी नर्सरी की उपज हैं। ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी ने भी एक से बढ़कर एक हीरे तराशे। ग्वालियर की राज्य महिला हॉकी अकादमी ने भारतीय टीम में खेलने वाली बेहतरीन खिलाड़ियों को तराशा जिसके दम भारतीय महिला हॉकी टीम पहली बार टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची। सुशीला चानू, मोनिका और वंदना कटारिया जैसे खिलाड़ी भी यहीं की उपज हैं। 2006 में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य महिला हॉकी अकादमी की शुरुआत की थी,जहां खिलाड़ियों के रहने-खाने समेत तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। अकादमी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी देश को दिए हैं। मध्य प्रदेश सरकार प्रतिस्पर्धाओं में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है। अकादमी के प्रशिक्षकों के द्वारा खेलों को लेकर बड़ी रुपरेखा तैयार की जा रही है जिसमें बचपन से ही खेलों की बारीकियों के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है जिससे भविष्य में प्रदेश में बेहतरीन खिलाडी तैयार हो सकेंगे।
क्रिकेट में भी बज रहा है अब मध्य प्रदेश की प्रतिभाओं का डंका
रणजी ट्राफी जीतने के बाद मध्य प्रदेश का नाम क्रिकेट में भी सुनहरे अक्षरों में लिखा जाने लगा है। रणजी ट्राफी में मुंबई की बादशाहत को चुनौती देने के बाद अब प्रदेश के क्रिकेट खिलाडियों की चर्चा देश - विदेश में होने लगी है। रणजी ट्राफी जीतने वाले 11 खिलाड़ी आज राष्ट्रीय स्तर की टीमों में चुने जा चुके हैं। रीवा के तेज गेंदबाज आवेश खान भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हैं जहाँ उन्होंने जिम्बाब्बे सीरीज में शामिल किया गया है। एशिया कप के लिए भी रीवा के तेज गेंदबाज कुलदीप सेन के साथ उन्हें टीम में जगह मिली है। रणजी में मध्य प्रदेश का नाम रोशन करने वाले इंदौर के रजत पाटीदार को भारत ए के लिए बेंगलुरु में होने वाली सीरीज के लिए चुना गया है। रणजी में मध्य प्रदेश की विजय पताका फहराने वाले इंदौर के शुभम शर्मा को दिलीप ट्राफी में मध्य क्षेत्र का उप कप्तान बनाया गया है।शहडोल निवासी विजयी विकेटकीपर हिमांशु , स्पिनर कुमार कार्तिकेय, नर्मदापुरम के बल्लेबाज यश दुबे, इंदौर के गेदबाज गौरव यादव ,आल राउंडर वेंकटेश अय्यर , भोपाल के तेज गेंदबाज पुनीत दाते और इन्दौर के आल राउंडर सारांश जैन को भी दिलीप ट्राफी के लिए टीम में जगह मिली है। मध्य प्रदेश को रणजी ट्राफी में विजय दिलाने वाले इन खिलाडियों के साथ ही कोच चद्रकांत पाटिल चंदू दादा भी अपनी चमक अब आईपीएल में बिखेरेंगे। उन्हें आईपीएल के आगामी सीजन के लिए कोलकाता नाइटराइडर्स ने अनुबंधित किया है। प्रदेश में खेलों के इतिहास में यह पहला मौका है जब रणजी ट्राफी जीतने के बाद मध्य प्रदेश की प्रतिभाएं इतने बड़े स्तर पर क्रिकेट जैसे खेल में भी अपनी छाप छोड़ रही हैं।
1 comment:
बहुत अच्छी जानकारी
Post a Comment