प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन को पूर्ण करने की दिशा में प्रदेश की शिवराज सरकार लगातार काम कर रही है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि वह 2026 तक मध्यप्रदेश को 550 बिलियन डालर की इकोनामी बना देंगे। इस दिशा में वह दिन रात नई ऊर्जा के साथ लगातार काम कर रहे हैं। उनके कुशल नेतृत्व और विजन का परिणाम है , इंदौर में इस भव्य समिट के समाप्त होने के बाद देश और दुनिया से निवेश के प्रस्ताव मिलने प्रारंभ हो गए हैं। सिंगल विंडो सिस्टम होने से निवेशकों को लाभ हो रहा है। प्रदेश में निवेश करने के लिए विश्व के कई देश उत्सुक हैं।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए शिवराज सरकार की नीतियों का असर दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री चौहान निवेश के माध्यम से प्रदेश के विकास को निर्णायक गति देना चाहते हैं जिसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने निवेश करने वाले उद्योगपतियों के लिए कई रियायतें देने का बड़ा फैसला किया है। सूबे के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है वे उद्योगपतियों की एक पाई भी व्यर्थ नहीं जाने देंगे। संवाद, सहयोग, सुविधा, स्वीकृति, सेतु, सरलता और समन्वय के 7 सूत्रों से उद्योगों को पूर्ण सहयोग की रणनीति अपनाई जाएगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस समिट के माध्यम से उद्योगपतियों और निवेशकों द्वारा 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ रूपए से अधिक के लागत के उद्योग लगाने के प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 29 लाख लोगों को रोजगार देने की संभावनाओं को साकार किया जा सकेगा। इंटेशन टू इन्वेस्ट के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 06 लाख 09 हजार 478 करोड़, नगरीय अधोसंरचना में 02 लाख 80 हजार 753 करोड़, खाद्य प्र-संस्करण और एग्री क्षेत्र में 01 लाख 06 हजार 149 करोड़, माइनिंग और उससे जुड़े उद्योगों में 98 हजार 305 करोड़, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 78 हजार 778 करोड़, केमिकल एवं पेट्रोलियम इंडस्ट्री में 76 हजार 769 करोड़, विभिन्न सेवाओं के क्षेत्र में 71 हजार 351 करोड़, ऑटोमोबाईल और इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में 42 हजार 254 करोड़, फार्मास्युटिकल और हेल्थ सेक्टर में 17 हजार 991 करोड़, लॉजिस्टिक एवं वेयर हाऊसिंग क्षेत्र में 17 हजार 916 करोड़, टेक्सटाईल एवं गारमेंट क्षेत्र में 16 हजार 914 करोड़ तथा अन्य क्षेत्रों में 01 लाख 25 हजार 853 करोड़ का निवेश किए जाने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योगपतियों को अब अपनी कठिनाइयाँ दूर करने के लिए राजधानी भोपाल नहीं आना पड़ेगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उद्योगपतियों से प्रदेश में उद्योग लगाने एवं निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि उद्योगों के लिये 24 घंटे में भूमि आवंटित की जाएगी। शिकायतों के निराकरण के लिए इन्वेस्ट एमपी पोर्टल पर समाधान के लिए नई विण्डो प्रारंभ होगी, जो उद्योगपति की समस्या से अवगत करवाएगी। सरकार की एक टीम द्वारा उद्योगपति से सम्पर्क भी किया जाएगा। इसका फॉलोअप मुख्यमंत्री स्तर पर होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योगपतियों को राज्य के अधिसूचित क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए तीन वर्ष तक किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उद्योगपतियों को अटकने-भटकने की जरूरत नहीं होगी। इस अवधि में औद्योगिक इकाई का कोई निरीक्षण भी नहीं होगा। प्लग एंड प्ले की सुविधा, जो अभी तक सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में है, गारमेंट और अन्य उद्योग क्षेत्रों में भी प्रदान की जाएगी। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस और सुशासन के द्वारा समस्याओं को हल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा आज मध्यप्रदेश विकास की तरफ तेजी से बढ़ा है। प्रदेश की विकास दर देश में सर्वाधिक है। हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं और वे मध्य प्रदेश के सीईओ के रूप में सदैव उपलब्ध हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस ग्लोबल समिट से पहले कई राज्यों का दौरा किया और दुनिया के देशों के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद भी किया। उन्होनें देश भर के निवेशकों से मध्यप्रदेश की बदलती परिस्थितियों का लाभ उठाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न देशों के राजदूतों, उच्चायुक्तों, उद्यमियों और निवेशकों की उपस्थिति में बुनियादी इंफ्रास्टक्चर में अग्रणी मध्यप्रदेश के बदलते परिवेश को प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने नीतिगत बदलाव के साथ ढांचागत सुविधाओं में व्यापक सुधार की बात सभी को समझाई।
मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार पिछले साल से ही उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग कर रहे थे। उनके द्वारा बैंगलुरू और मुंबई में उद्योगपतियों से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए अथक परिश्रम किया इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्रदेश हैं। मध्यप्रदेश वन संपदा, खनिज संपदा, जल संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है जो अब टाइगर स्टेट, लेपर्ट स्टेट, कल्चर स्टेट और अब चीता स्टेट भी हो गए हैं। उद्योगपतियों का भरोसा जीतने में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कामयाब हुए हैं। प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने के लिए अलग अलग प्रदेशों में हुए मुख्यमंत्री के रोड शो को अच्छी सफलता मिली है। हांगकांग , नार्वे , इजराइल सहित खाड़ी के कई देश प्रदेश में भारी भरकम निवेश के लिए तैयार हो रहे हैं। विदेशी निवेशकों में जिस प्रकार का आकर्षण दिख रहा है उससे साफ हो गया है कि आज विदेशी निवेशक भी मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए उत्साहित हैं। इंदौर में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य सरकार की सहयोगात्मक नीतियों का जिक्र करते हुए निवेशकों को हरसंभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।
हांगकांग का एपिक ग्रुप 400 करोड़ का निवेश भोपाल में करने जा रहा है। हांगकांग में स्थापित गारमेंट क्षेत्र के अग्रणी समूह एपिक ग्रुप ने भोपाल के निकट 35 एकड़ भूमि पर 400 करोड़ रूपये के निवेश से वर्टिकल फेब्रिक और गारमेंट इकाई की स्थापना पर सहयोग का भरोसा जताया है। इकाई से लगभग 10 हजार व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।एपिक ग्रुप बहुराष्ट्रीय कम्पनियों जैसे लिवाइस, अमेजॉन, वॉलमार्ट, नॉटिका आदि को गारमेंट की आपूर्ति करता है। वर्तमान में समूह की इकाइयाँ बांग्लादेश, जॉर्डन, वियतनाम और इथियोपिया में संचालित हैं। समूह बांग्लादेश से अपनी कुछ गतिविधियाँ मध्यप्रदेश में स्थानांतरित करने का इच्छुक है। इसी तरह नॉर्वे पवन और सौर ऊर्जा में दीर्घकालिक निवेश का इच्छुक है। समूह ने छिंदवाड़ा जिले में सौर तथा पवन ऊर्जा में दीर्घकालिक निवेश तथा ग्रीन एनर्जी, नवकरणीय ऊर्जा के संबंध में चर्चा हुई । इस समूह ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के क्षेत्र में दोनों देशों के साथ मिल कर कार्य करने की इच्छा जताई। इजराइल की कम्पनियों ने भारत में ऊर्जा, दूरसंचार, रियल एस्टेट और जल प्रौद्योगिकी में निवेश किया है। मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों के संचालन और उनमें निवेश के लिए इजराइल की कम्पनियाँ इच्छुक हैं। साथ ही कौशल विकास, स्मार्ट सिटी डेवपलमेंट तथा अधो-संरचना विकास के क्षेत्र में निवेश की भी इच्छुक हैं।
सिंगापुर इंडियन चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज प्रतिनिधि-मंडल ने कृषि , प्र-संस्करण, थीम पार्क विकसित करने तथा कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण गतिविधियों के विस्तार के बारे में चर्चा की। मेसर्स शाही एक्सपोर्ट्स ने इंदौर के समीप 25 एकड़ भूमि पर 200 करोड़ रूपये के निवेश से रेडीमेड गारमेंट इकाई की स्थापना के संबंध में प्रस्ताव रखा। नेटलिंक स्ट्रेटेजिक सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, अमेरिका की फ्लैश साइंटिफिक टेक्नोलॉजी के साथ मिल कर भोपाल के पास 200 करोड़ के निवेश से सायबर सिटी निर्माण के लिए अपनी इच्छा प्रकट की है। नेटलिंक ने प्रदेश में स्टार्टअप प्रोत्साहन में 25 करोड़ रूपये का निवेश करने की इच्छा जताई है। उन्होंने आकाशीय बिजली के नुकसान को बचाने के लिए तकनीक का पॉयलेट प्रोजेक्ट प्रदेश में क्रियान्वित करने पर भी चर्चा की है ।कमर्शियल रियल एस्टेट के क्षेत्र में कार्यरत जे.एल.एल. समूह द्वारा 5 हजार करोड़ के निवेश से मध्यप्रदेश की तस्वीर बदलगी। परियोजना के लिए विदेश एवं घरेलू संस्थाओं से वित्त पोषण लाने पर भी जीआईएस में चर्चा हुई है। इसी तरह नर्मदा शुगर प्रायवेट लिमिटेड ने प्रदेश में 450 करोड़ के निवेश से एथनॉल प्लांट, कंप्रेस्ड बॉयोगैस प्लांट और राइस ब्रान रिफाइनरी की स्थापना का निर्णय लिया है । कृष्णा फॉस्केम लिमिटेड ने झाबुआ में 200 हेक्टेयर भूमि पर 5100 करोड़ के निवेश से उर्वरक और कृषि रसायन की 7 इकाइयों की स्थापना संबंधी कार्य-योजना पर चर्चा की है वहीँ टेक्समो पाइप्स एण्ड प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने पीथमपुर में 130 करोड़ की लागत से 18 एकड़ भूमि पर एथनॉल संयंत्र की परियोजना को लेकर अपनीरुचि दिखाई है। आबूधाबी की ई-20 इन्वेस्टमेंट लिमिटेड ने स्ट्राबेरी, ब्लू-बेरी की खेती, उनके प्र-संस्करण तथा वैश्विक स्तर पर वितरण के संबंध में प्रस्ताव दिया है और भूमि आवंटित करने का निवेदन किया है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को मध्यप्रदेश साकार करेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में विश्व के देशों को भारत ही दिग्दर्शन कराएगा। मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में प्रधानमंत्री की आशाएँ और अपेक्षाएँ हैं, जिन्हें गंभीरता से पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश औद्योगिक प्रगति के रनवे पर रफ्तार बढ़ा चुका है, हम अब टेक ऑफ कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। शिवराज सरकार की बेहतर नीतियों के कारण आज निवेशक मध्यप्रदेश को उम्मीद भरी नज़रों से देख रहे हैं। प्रदेश में आज बेहतरीन इंफ्रास्टक्चर है। बिजली, सड़क , पानी रेल , एयर कनेक्टिविटी और 5 जी तकनीक का बेहतर नेटवर्क तैयार किया गया है। प्रदेश में लगने वाले उद्योगों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के साथ रोजगार दिया जा रहा है। कानून व्यवस्था के मामले में भी प्रदेश सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किया है। अब मध्यप्रदेश शांति का टापू है। प्रदेश में व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण सृजित हुआ है। मध्यप्रदेश विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छाशक्ति व संकल्प के चलते प्रदेश में निवेश करने के लिए निवेशक आकर्षित हो रहे हैं तथा प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान समय में विकास के कई कार्य प्रगति पर हैं जिसके लिए निवेश की जरूरत है और अब सरकार उसमें लगातार आगे बढ़ रही है। जीआईएस 2023 मध्यप्रदेश के विकास के लिए सही मायनों में एक मील का पत्थर साबित हुई है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश में अभूतपूर्व निवेश की संभावनाएं बन रही हैं। इससे प्रदेश के युवाओं को विविध क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे। भारत को जी -20 की अध्यक्षता मिलने के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर जैसे शहरों में भी इस समूह की बड़ी बैठकें इस वर्ष आयोजित होंगी। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। जनवरी के अंत में मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया का आयोजन भी होने जा रहा है। इस आयोजन से मध्यप्रदेश के पास खुद को खेलों के बड़े हब के रूप में प्रस्तुत करने का बेहतरीन मौका मिलेगा। इससे मध्यप्रदेश को देश और दुनिया में नई पहचान मिलेगी।
इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टमेट समिट के शानदार आयोजन से विदेशी निवेशक ही नहीं अपितु स्वदेशी कंपनियां भी उत्साहित हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम उद्योगपतियों का आभार जताया है। अगर ये सब कोशिशें परवान चढ़ी तो उद्योगों को वैश्विक और घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लाजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी। त्वरित गति से उद्योगों की स्थापना के लिए 24 घंटे में जमीन देने के मुख्यमंत्री चौहान के फैसले की उद्योगपतियों ने दिल खोलकर सराहना की है। जीआईएस में तमाम उद्योगपतियों के निवेश के माध्यम से वर्ष -2023 मध्यप्रदेश के लिए भी मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।
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