मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही झीलों के रख रखाव के लाख दावे करे परन्तु असलियत किसी से छिपी नही है... राजधानी भोपाल के सारे तालाब गंदगी की चपेट में है ....
नगर निगम के आला अधिकारी कभी इन तालाबो की सुध नही ले सके जिसके चलते तालाबो का पानी दूषितहोता जा रहा है...
भोपाल शहर के पुराने तालाब इन दिनों गंदगी की चपेट में होने के साथ ही अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है॥ जहाँ आस पास का कचरा और सीवर का बदबूदार पानी इन तालाबो को गन्दा कर रहा है वही इस पानी में रेंगते कीड़े खतरे की घंटी को बजा रहे है परन्तु निगम के अधिकारी इससे बेखबर है..
राजधानी भोपाल राजा भोज के समय से तालाबो की नगरी के नाम से जानी जाती है... मुंशी हुसैन खान तालाब का पानी आज पूरी तरह से प्रदूषित हो चूका है..नवाब शाहजहाँ बेगम के टीचर मुंशी हुसैन खान ने भोपाल में छोटा सा डेम बनाकर यहाँ के पानी को रोका जिसे तालाब का रूप दिया गया॥ लेकिन आज इस तालाब की स्थिति बदहाल है..
तालाब का पानी इतना दूषित हो चूका है कि यहाँ पर सांस लेना भी दूभर हो गया है॥ गंदगी के कारण तालाब के आस पास के इलाके भी इससे प्रभावित हो रहे है..परन्तु नगर निगम के अधिकारी इन सब बातो से बेखबर है॥
मुंशी हुसैन खान तालाब से लगा बीच का तालाब भी आज गंदगी के प्रभाव से अछूता नही है..शाहजहाँ बेगम ने अपने शौहर सिद्दीक हसन खान की याद में नूर महल बनाया था॥ बाद में जब यहाँ सड़क का निर्माण कराया गया तो मोतिया तालाब का पानी यहाँ रुकने लगा जिसने एक तालाब का रूप ले लिया ...
आज इस तालाब की हालत बहुत खराब हो चुकी है... तालाब पूरी तरह सूख चूका है॥ तालाब के आस पास के इलाके में अतिक्रमण भी बद गया है...नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से यहाँ पर ऊँची रसूख वालो ने अपने भवन बना लिए है जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई है॥
लोगो में इसे लेकर खासा आक्रोश भी है॥ कई लोगो का कहना है कि उनका बचपन इस तालाब में गुजरा ॥ लेकिन पहले और आज की स्थिति में काफी अंतर आ गया है..अतिक्रमण के चलते आज तालाब अपना नामोनिशान खो चूका है॥
पुराने शहर का खूबसूरत तलब रहा मोतिया तालाब भी आज प्रदूषित हो चूका है..कल शाम जब पुराने शहर घूम रहा था तो लोगो ने मुझे बताया ये तालाब शाहजहाँ बेगम जिन्होंने ताजुल मस्जिद बनवाई तब उन्होंने ही नमाज पड़ने वालो के "वुजू" के लिए एक डेम बना दिया जिन्होंने अपनी माँ सिकंदर जहाँ के घरेलू नाम "मोती" बीबी के नाम पर मोतिया तालाब रख दिया..
लेकिन आज समय बीतने के साथ ही इसकी सुन्दरता पर भी ग्रहण लग गयाहै..तालाब के आस पास मौजूद अस्पतालों का कचरा इसके जल को प्रदूषित कर रहा है..सीवेज के पानी और धोबियो ने इसके पानी को कही का नही छोड़ा है... आप इसमें हाथ नही धो सकते..
लोग कहते है नगर निगम वाले यहाँ आते तो जरुर है लेकिन ऊँची रसूख वालो से उनकी मिलीभगत होने के कारण यहाँ के तालाब की तरफ उनका ध्यान नही जाता....
Wednesday, 26 May 2010
Sunday, 16 May 2010
"स्वर्णिम मध्य प्रदेश "और रोने की राजनीती........

११ से १४ मई तक चले मध्य प्रदेश विधान सभा के चार दिवसीय विशेष सत्र का समापन बीते दिनों मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषणों के साथ समाप्त हो गया... यू तो शिवराज सिंह जी ने ये विशेष सत्र "स्वर्णिम मध्य प्रदेश" बनाने के लिए बुलवाया था लेकिन विपक्ष की गैर मौजूदगी में ये सत्र फीका रहा.....इस विशेष सत्र को इतिहास के पन्नो में एक कलंक के रूप में याद किया जायेगा...
इस विशेष सत्र में कवरेज के दौरान मुझे जाना पड़ा.... इस दरमियान मुझे जनप्रतिनिधियों के रंग ढंग सदन में देखने का अवसर मिला... कांग्रेस के नेताओं ने पूरे सत्र में अपनी नौटंकिया की... शिवराज इस सत्र में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को बुलाना चाहते थे जिसके लिए प्रतिभा ताई ने दिल्ली में शिवराज के साथ मुलाकात में अपनी हामी भी भर दी थी लेकिन कांग्रेसी विधायको के दबाव में राष्ट्रपति को अपना निर्णय बदलना पड़ा...
अब इसे क्या कहा जाए ? शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के विधायको को इस बात के लिए आश्वस्त किया था कि इस विशेष सत्र में उनकी बातें सुनी जायेगी.... किसी भी मुद्दे पर चर्चा अगर विपक्ष करना चाहता है तो उसका भाजपा सदन में स्वागत करेगी.....
यही नही मुख्यमंत्री के स्वर्णिम मध्य प्रदेश को साकार करने के लिए कांग्रेस के विधायक अपने सुझाव भी दे सकते थे लेकिन विपक्ष अपने निर्णय से नही मुकरा ....सड़को के बाहर नौटंकियो को करने वाले इन कांग्रेसी नेताओ के लिए इस बार सरकार की कारगुजारियो को सदन में रखने का सुनहरा मौका था लेकिन विपक्षी नेता कहाँ मानने वाले थे..... उन्होंने मानो भाजपा के विशेष सत्र में न जाने का संकल्प ही कर रखा था...
कांग्रेस विधायको ने चार दिवसीय विशेष सत्र का पूरी तरह से बहिस्कार किया...इस दौरान विधायको ने विधान सभा के द्वार पर धरना दिया और अपनी बाहों में काली पट्टी बाधकर जहाँ अपना रोष जाहिर किया वही भोपाल के "इकबाल" मैदान में "समानांतर विधान सभा चलाकर नयी नौटंकिया की...
हालाँकि इस विशेष सत्र में कई भाजपा विधायको ने शिवराज सिंह चौहान को स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाने के लिए अपने सुझाव दिए जिस पर सी ऍम ने अमल करने का भरोसा दिलाया है लेकिन मध्य प्रदेश के कांग्रेसियों ने इस सत्र में शालीन आचरण की तमाम सीमाओं को लांघ दिया..
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इस आचरण पर पिछले कई दिनों से सभी खबरिया चैनलों में खबरे चल रही है जिनको आप सभी ने देखा भी होगा... इस के चलते मध्य प्रदेश की छवि पूरे देश में बदनाम हो रही है... जनप्रतिनिधियों के इस आचरण पर सवाल उठने लाजमी है.... आखिर हम जिस कामो को पूरा करने के लिए इन्हें सदन में भेजते है क्या वे उनको सदन में उठा पाते है...
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इस आचरण पर पिछले कई दिनों से सभी खबरिया चैनलों में खबरे चल रही है जिनको आप सभी ने देखा भी होगा... इस के चलते मध्य प्रदेश की छवि पूरे देश में बदनाम हो रही है... जनप्रतिनिधियों के इस आचरण पर सवाल उठने लाजमी है.... आखिर हम जिस कामो को पूरा करने के लिए इन्हें सदन में भेजते है क्या वे उनको सदन में उठा पाते है...
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दरअसल मामला ये है कि कांग्रेस विधायक कल्पना परुलेकर द्वारा भाजपा विधायक ललिता यादव पर टिप्पणियों के बाद सदन की गरिमा तार तार हो गयी... ललिता यादव को सदन में घुसते समय मैंने देखा था.... जब वे घुस रही थी तो सदन के प्रवेश द्वार पर कांग्रेसी विधायको ने उन पर फब्तियां कसते हुए ये कहा वे देर से इसलिए और रही है क्युकि वे ब्यूटी पार्लर से होकर आ रही है ....
इस घटना से ललिता इतना आहत हुई वह अपने आसुओ को सदन में नही रोक पायी जिसके बाद विधान सभा अध्यक्ष इश्वर दास रोहानी इतना आहत हो गए कि उनकी आँखों से भी आंसू निकल आये... शाम के समय अपने चेंबर में रोहानी को रोते देख मुझे यकीन ही नही हुआ क्या ये विधान सभा अध्यक्ष रोहानी ही है जिनको सख्त प्रशासक माना जाता है...
इसके बाद अगले दिन भाजपा ने इन कांग्रेसी विधायको के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जिसका कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया... इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कांग्रेसी विधायको ने अपने किये गुनाह पर माफ़ी नही मांगी और इश्वर दास रोहानी के आंसुओ को "घडियाली " करार दिया...
भाजपा विधायको ने राज्यपाल के साथ ही सोनिया गाँधी को पत्र लिख डाला...इसके बाद मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया तूफान आ गया..."रोने " को एक बड़ा सियासी मुद्दा बना दिया गया॥ जब भाजपा इसे भुनाने में पीछे नही रहती तो भला कांग्रेस कैसे पीछे रहती ॥
मौके की नजाकत भापते हुए अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने भी इकबाल मैदान में आंसू छलकाने का नाटक कर दिया... अब इसे सियासी चाल कहे या भाजपा के " डिफेंस" की काट ...आंसुओ के जरिये मध्य प्रदेश में एक नयी राजनीती की शुरुवात इस विधान सभा के सत्र में हुई...
सत्तादल भाजपा को सदन के बाहर कोसने वाली कांग्रेसियों की बौखलाहट इस सत्र में सामने आ गयी...अब तक के सभी सत्रों में भाजपा विधायको को घेरने में पीछे रहने वाले कांग्रेसी इस बार भी शिवराज को घेरने में विफल रहे॥ जबकि इस बार प्रदेश के विकास के लिए अमूल्य सुझाव देने का उनकेपास सुनहरा अवसर था ....
इस घटना से ललिता इतना आहत हुई वह अपने आसुओ को सदन में नही रोक पायी जिसके बाद विधान सभा अध्यक्ष इश्वर दास रोहानी इतना आहत हो गए कि उनकी आँखों से भी आंसू निकल आये... शाम के समय अपने चेंबर में रोहानी को रोते देख मुझे यकीन ही नही हुआ क्या ये विधान सभा अध्यक्ष रोहानी ही है जिनको सख्त प्रशासक माना जाता है...
इसके बाद अगले दिन भाजपा ने इन कांग्रेसी विधायको के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जिसका कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया... इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कांग्रेसी विधायको ने अपने किये गुनाह पर माफ़ी नही मांगी और इश्वर दास रोहानी के आंसुओ को "घडियाली " करार दिया...
भाजपा विधायको ने राज्यपाल के साथ ही सोनिया गाँधी को पत्र लिख डाला...इसके बाद मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया तूफान आ गया..."रोने " को एक बड़ा सियासी मुद्दा बना दिया गया॥ जब भाजपा इसे भुनाने में पीछे नही रहती तो भला कांग्रेस कैसे पीछे रहती ॥
मौके की नजाकत भापते हुए अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने भी इकबाल मैदान में आंसू छलकाने का नाटक कर दिया... अब इसे सियासी चाल कहे या भाजपा के " डिफेंस" की काट ...आंसुओ के जरिये मध्य प्रदेश में एक नयी राजनीती की शुरुवात इस विधान सभा के सत्र में हुई...
सत्तादल भाजपा को सदन के बाहर कोसने वाली कांग्रेसियों की बौखलाहट इस सत्र में सामने आ गयी...अब तक के सभी सत्रों में भाजपा विधायको को घेरने में पीछे रहने वाले कांग्रेसी इस बार भी शिवराज को घेरने में विफल रहे॥ जबकि इस बार प्रदेश के विकास के लिए अमूल्य सुझाव देने का उनकेपास सुनहरा अवसर था ....
सत्र के अंतिम दिन पत्रकारों से शिवराज सीधे मुखातिब हुए ... एक पत्रकार ने सवाल पुछा आपका स्वर्णिम मध्य प्रदेश क्या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गटबंधन के " भारत उदय " से कितना अलग रहेगा तो उनका कहना था ये आम आदमी का विजन है...
स्वर्णिम मध्य प्रदेश अकेला शिवराज नही बना सकता ... इसके लिए हर व्यक्ति को आगे आना होगा... देखना होगा अपने शिव जी क्या इस विजन को पूरा कर पाते है ?
बहरहाल जो भी हो इस सत्र में कई भाजपा विधायको ने पहली बार सदन में प्रदेश के विकास के बारे में अपने अमूल्य सुझाव सदन में रखे... जिस पर उन्होंने खुद सी ऍम की वाह वाही बटोरी...लेकिन महिला विधायक ललिता यादव के साथ की गयी अश्लील टिप्पणियों से सदन को जो आघात पहुचा उसकी भरपाई होनी मुश्किल दिखाई देती है....
Monday, 3 May 2010
"शिव" जी जागिये...आपके राज में हो रही है गौ हत्याए........


मध्य प्रदेश में गौ हत्यायो का दौर बदस्तूर जारी है..... ताजा मामला मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का सामने आया है जहाँ मद्दू खेडी में देवली के पास बीते दिनों २ गायो की हत्या कर दी गयी... हत्या करने वाले अभी तक पुलिस की पहुच से बाहर है...
जहाँ एक तरफ सूबे के मुख्य मंत्री शिव राज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में गौ हत्या कम होने और गौ हत्या पर नए कानून को लाये जाने की बात कर रहे है वही दूसरी ओर उन्ही के राज में कुछ दबंग लोग सरे आम गौ हत्यायो को अंजाम देने में लगे हुए है...
यह सब उस मुखिया के शासन में हो रहा है जो अक्सर बड़े बड़े मंचो से गौ हत्या प्रतिबंधित किये जाने के भाषण दिया करते है... ज्यादा समय नही बीता जब भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित गौ ग्रास सम्मेलन में प्रदेश भर से आये लोगो को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा था प्रदेश में गौ हत्या करने वालो से सरकार कडाई से निपटेगी.....
लेकिन शिव जी के भाषण भाषणों तक ही सिमट कर रह गए है... अगर ऐसा होता तो देवली में गौ माता की दबंग लोग सरे आम हत्या नही करते.....
स्थानीय गाव वालो की माने तो ये वाकया २ दिन पहले का है जहाँ पर सुबह के ४ बजे कुछ दबंग लोगो ने गौ हत्या को अंजाम दिया..गौ हत्या को अंजाम देने वाले व्यक्ति दुल्ले ओर चन्नू नाम के लोग है जिन्होंने पूरे अपने परिवार को साथ लेकर इस घटना को अंजाम दिया...
चौकाने वाली बात तो ये है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस , प्रशासन , स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर नही पहुचे...स्थानीय विधायक हरी स्प्रे , कुरवाई के उपजिलाधिकारी भी ये सब जानने के बाद भी मौका ऐ वारदात पर नही पहुचे......
इस बारे में पुलिस का रवैया भी सही नही रहा॥ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि घटना के आरोपियों तक पुलिस नही पहुच पायी है॥ गाव वालो ने ये भी बताया कि इस इलाके में गौ हत्या की ये कोई नयी वारदात नही है...पुलिस ओर प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते इलाके में कुछ दबंग लोग खुले आम गौ हत्या का कारोबार करते है...
देवली की इस घटना ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार को ये सोचने के लिए विवश कर दिया हैकि उसके मुखिया "शिव" के राज में किस तरह गौ हत्या के कानूनों की धज्जिया उड़ाई जा रही है......
Thursday, 29 April 2010
अथ श्री सचिन चालीसा........

रजनीश पाण्डे जी के साथ उठाना बैठना होता रहता है..... उनके साथ अपनी परम मित्रता है.... चलते फिरते उनसे देश दुनिया के हाल चाल पर अपन की अक्सर चर्चा हुआ करती है.... नॉन स्टॉप एंकरिंग के लिए रजनीश सरीखे दोस्तों का कोई जबाब नही होता .... २४ मई के दिन उनसे फोन पर बातचीत हुई.... पूछा क्या कर रहे है आप? बोले कुछ ख़ास नही आज सचिन तेदुलकर का बर्थडे है उसी को टीवी में सेलिब्रेट कर रहा हू॥ उन्ही ने बताया कि भोपाल के एक व्यक्ति ने सचिन चालीसा लिख डाली है... मेरा माथा ठनका मैंने तुरंत ही इस खबर पर अपनी स्टोरी करने की ठान ली... रजनीश ने मेरे लिए अशोक शर्मा के नम्बर की व्यवस्था करवाई.... उसके बाद मैंने अशोक शर्मा जी को फ़ोन के उनसे मुलाक़ात का समय मागा....और सीधे अपने कैमरामैन के साथ उनके घर पहुच गया... घर पहुचकर अशोक शर्मा जी ने जूस पिलाया और अपनी चालीसा के बारे में विस्तार से बताया...
अशोक शर्मा जी के साथ बात करना अपने में बड़ा सुखद अनुभव रहा... बातचीत करने का उनका अंदाज भी बड़ा अच्छा रहा... रजनीश से मिलने से पहले तो मुझे इस बात का यकीन ही नही हुआ कोई व्यक्ति सचिन पर चालीसा कैसे लिख सकता है॥ लेकिन जब अशोक शर्मा जी ने अपने काम के बारे में मुझे बताया तो मुझे भरोसा हो गया अशोक शर्मा जी प्रतिभा के धनी है ... उनके पीछे एक बड़ा लेखक छिपा हुआ है॥
सचिन पर चालीसा लिखने का ख्याल कैसे आया इस पर मैंने शर्मा जी से जब अपना पहला सवाल किया तो उन्होंने कहा मैंने सचिन कि बैटिंग का वो दौरभी देखा है जब सचिन अब्दुल कादिर की गेदों में छक्केमारा करते थे..... आज का दौर भी देखा है जब विश्व के नम्बर १ खिलाडी के तौर पर होती है... दरअसल इस साल सचिन ने जब ग्वालियर के रूप मान सिंह स्टेडियम में २०० रनों की पारी खेलकर नया रिकॉर्ड बना दिया तभी से उन्होंने सचिन चालीसा लिखने का कांसेप्ट अपने दिमाग में बना लिया...
शर्मा जी ने इस बार सचिन के जन्म दिन पर अपनी सचिन चालीसा का एक डेमो प्रदर्शित किया... अपनी भावी योजनाओ के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया की एक महीने के बाद बाजार वमे वह इस सचिन चालीसा को उतारेंगे... आप अगर शर्मा जी के द्वारा बनाई गयी सचिन चालीसा का वीडियो देखेंगे तो दंग रह जायेंगे... ऐसे ऐसे विजुअल जुटाए गए है जो उनकी सचिन चालीसा से बिलकुल मेल खाते है... वह कहते है इस काम में मुझे सहयोगियों से जो सहयोग मिला उसका मैं तहे दिल से आभारी हूँ...
अभी तक मैंने हनुमान चालीसा की प्रसिद्धि के बारे में सुना था.....लेकिन खेल के मैदान से बनाई जाने वाली इस सचिन चालीसा के बारे में पहली बार सुन रहा हू... अशोक शर्मा का प्रयास रंग ला रहा है... जल्द ही मार्केट में ये सचिन चालीसा मिलने जा रही है.... मैं समझता हू मार्केट में अशोक शर्मा जी की इस चालीसा को अच्छा रिस्पोंस मिलेगा... क्युकि ये इंडिया है ॥ यहाँ क्रिकेट का एक बड़ा मार्केट है.....यहाँ के खिलाडियों को पूजा जाता है... जब क्रिकेट के देवता सचिन तेदुलकर पर चालीसा मार्केट में आएगी तो इसको लेने वाले ग्राहकों की संख्या भी अच्छी खासी होगी...... शर्मा जी से मैंने कहा है लगे रहिये.....आपकी कोशिसे जल्द ही रंग लाने वाली है...
सचिन चालीसा की कुछ पंक्तिया जो अशोक शर्मा जी के सौजन्य से मिली है आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हू...
जिनका अपन अलग अंदाज , जिनने पर छोटन देश ने नाज....
जिनके सर सज गईं है ताज, नम्बर १ अपन हो गयिन्न है आज
जिनका नाम सचिन तेंदुलकर, अन्चोरिंग वो लीं ही रमेश जी घर
जिनके गुरु श्री आचरेकर, गौरवान्वित हूँ पा तेंदुलकर॥
गवाह बना शहर ग्वालियर , ध्वस्त हुए कावेंट्री अनवर
गणपति बप्पा जो दिनी दम , झूम उठीं रूप स्टेडियम..
छोटन बालक सबका प्यारा एक नही दुई सेक्र मारा
दुनिया भर फिर पीछे झूटी, २९६२ मैच लड़ी टूटी
अपन सचिन सबके मन भाया, जगत में देश का नाम बदाया
देश ने अपन सर है उठाया, धन्य जो ऐसा खिलाडी पाया...
चारो और हो गयीं है हल्ला , चल गयो देखो सचिन का बल्ला।
का कर दीनी छोटो सो लल्ला, शिवराज दीनी रजत का बल्ला...
परदेश कि बन गयी साख, साथ में दिन नकद दस लाख॥
चौबीस फरवरी आज को दिन चारो और बस सचिन सचिन
Wednesday, 21 April 2010
राहुल बाबा महेन्द्र को भी लिफ्ट करा दो........................


राहुल गाँधी के बगल में जो ये तस्वीर आप देख रहे है यह तस्वीर है ३१ साल के महेंद्र सिंह कटियार की ... जो पिछले १४ महीनो से राहुल गाँधी से मिलने की जिद पर अड़े है... महेंद्र शादी शुदा है जिनके २ बच्चे भी है॥
परिवार वालो ने बताया राहुल गाँधी की खुमारी महेन्द्र के सर से उतरने का नाम नही ले रही है... हम उससे बहुत ज्यादा परेशान हो गए है... महेन्द्र से परेशान इसलिए भी है पिछले १४ महीनो से उसने खाना पीना बिलकुल बंद कर दिया है....
कभी कभी वह पानी और दूध ले लिया करता है... राहुल से मिलने की जिद के चलते उनका स्वास्थ्य दिन पर दिन गिरता जा रहा है...
परिवार वालो ने बताया राहुल गाँधी की खुमारी महेन्द्र के सर से उतरने का नाम नही ले रही है... हम उससे बहुत ज्यादा परेशान हो गए है... महेन्द्र से परेशान इसलिए भी है पिछले १४ महीनो से उसने खाना पीना बिलकुल बंद कर दिया है....
कभी कभी वह पानी और दूध ले लिया करता है... राहुल से मिलने की जिद के चलते उनका स्वास्थ्य दिन पर दिन गिरता जा रहा है...
महेन्द्र के पिता दशरथ सिंह से जब मैंने ये पूछा आपका बेटा राहुल से मिलने की हट क्यों किये हुए है तो उन्होंने बताया इसका जवाब तो वह भी उन्हें नही दिया करता है.... महेन्द्र के पिता कहते है वह आज भोपाल २०० किलो मीटर दूर से चलकर आये है ताकि मीडिया के सामने महेन्द्र के मामले को उठा सके.... दशरथ का गाव बामोरी खूटिया पोस्ट बिल्हेरू पड़ता है जो मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले का एक अंग है...
महेन्द्र की माता से मिलकर मन ग़मगीन हो गया.... एक माँ के साथ ऐसे समय पर क्या बीत रही होगी ये सब समझने वाली बात है... महेन्द्र की माँ ये कहकर रो पड़ती है कि उनके परिवार के पूरे सदस्य महेन्द्र को समझा कर थक चुके है॥ लेकिन इसके बाद भी वह अपनी राहुल गाँधी से मिलने की जिद नही छोड़ रहा है...वह कहती है अगर जल्द ही उसकी राहुल से मिलने की तमन्ना पूरी नही हुई तो उसकी अर्थी परिवार के सामने निकल जायेगी.....
महेन्द्र के माता पिता के साथ राजधानी पहुचे उसके पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि महेन्द्र की जिद के आगे वे भी बड़े लाचार है...महेन्द्र की जिद को पूरा करने के लिए वे एक बार केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी से भी दिल्ली में मिल चुके है.....
लेकिन उनके द्वारा दिए गए आश्वासन भी आज तक पूरे नही हुए है...यही नही उनका परिवार एक बार राहुल गाँधी के बंगले में जाकर उनसे मिलने की अर्जी दरबार में दे आये है लेकिन आज तक उस पर कोई प्रगति नही हुई है... परिवार वालो ने सुरेश पचौरी से गुहार लगाते हुए कहा है वे उनके बच्चे को कांग्रेस के युवराज से मिलवा दे जिससे महेन्द्र की जान बच जाए.......
लेकिन उनके द्वारा दिए गए आश्वासन भी आज तक पूरे नही हुए है...यही नही उनका परिवार एक बार राहुल गाँधी के बंगले में जाकर उनसे मिलने की अर्जी दरबार में दे आये है लेकिन आज तक उस पर कोई प्रगति नही हुई है... परिवार वालो ने सुरेश पचौरी से गुहार लगाते हुए कहा है वे उनके बच्चे को कांग्रेस के युवराज से मिलवा दे जिससे महेन्द्र की जान बच जाए.......
कहते है बच्चे जिद करते है लेकिन इस वाकये को देखकर लगता है जिद कोई भी कर सकता है... क्या जिद है .... ? राहुल से मिलने की तमन्ना महेन्द्र अपने दिल में पाले है... उसका परिवार परेशान है॥ इसी चाहत के चलते वह घर से भी बाहर नही निकल रहा है...
जब भी टीवी में राहुल गाँधी की तस्वीर देखता है तो अपना ध्यान उनकी खबर में लगा देता है॥ यह सब राहुल के आकर्षण का कमाल है या कुछ और कह पाना मुश्किल है.... कह सकते है राहुल के कारण महेन्द्र अपनी सुध बुध खो बैठा है ...
अब इस मुसीबत से उसको बाहर निकलने का रास्ता उसके परिवार वालो को कोई बताये..... ये तो वही बात हुई ..." भव पार करो भगवान् तुम्हरी शरण परे"..... आपको कोई रास्ता सूझता है तो आप ही बताये महेन्द्र के माता पिता अगर मिले जाए तो उनको मै ही आपका सुझाव प्रेषित कर दूंगा.....
जब भी टीवी में राहुल गाँधी की तस्वीर देखता है तो अपना ध्यान उनकी खबर में लगा देता है॥ यह सब राहुल के आकर्षण का कमाल है या कुछ और कह पाना मुश्किल है.... कह सकते है राहुल के कारण महेन्द्र अपनी सुध बुध खो बैठा है ...
अब इस मुसीबत से उसको बाहर निकलने का रास्ता उसके परिवार वालो को कोई बताये..... ये तो वही बात हुई ..." भव पार करो भगवान् तुम्हरी शरण परे"..... आपको कोई रास्ता सूझता है तो आप ही बताये महेन्द्र के माता पिता अगर मिले जाए तो उनको मै ही आपका सुझाव प्रेषित कर दूंगा.....
Wednesday, 7 April 2010
कैसे जीतेंगे आरूषी के परिजन न्याय की लडाई................
आज बात आरूषी से शुरू कर रहा हू...... यह आरूषी नॉएडा वाली नही है.............यह है मध्य प्रदेश की एक मासूम आरूषी छोटी बच्ची जिसकी उम्र महज 5 माह है........बच्ची के परिजनों से मैं मुखातिब पिछले माह हुआ.....उस समय इस केस की कई रिपोर्टिंग करनी पड़ी .... आरूषी की जान तो बच गयी लेकिन इस नन्ही बच्ची के गुन्हेगारो को अभी तक सजा नही मिल पायी है.......
सरकारी अस्पतालों में मरीजो की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ होना कोई नयी बात नही है..... यहाँ पर एक आम आदमी की तभी सुनी जाती है जब उसकी किसी बड़े अधिकारी से पकड़ हो.... सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले आना कोई नयी बात नही है...
भोपाल में एक बार फिर इस तरह की लापरवाही का नया मामला सामने आया है.... जहाँ एक इन्क्युबेटर में २ महीने की छोटी बच्ची आरूषी झुलस गयी....राजधानी में हमीदिया के कमला नेहरु अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आ गयी...
... इस नन्ही बच्ची ने अभी सही से उठना ,समझना, तक नही सीखा था की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उसकी जिन्दगी पर भारी पड़ गयी... इन्क्युबेटर में यह बच्ची जिन्दगी और मौत से जूझ रही थी......शुक्र है ऊपर वाले का ये बच्ची सलामत है... अभी इसका इंदौर के बाम्बे अस्पताल में इलाज चल रहा है.....
गाडरवाडा निवासी इन्द्रपाल सिंह राजपूत की पत्नी प्रीती ने २३ जनवरी को एक निजी अस्पताल में आरूषी को जन्म दिया...ये बच्ची सादे सात माह में पैदा होने के कारन कमजोर थी इसी के चलते उसे कमला नेहरु अस्पताल रेफेर कर दिया गया...
पीलिया होने के कारन अस्पताल प्रबंधन ने इन्क्युबेटर में रख दिया...उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों का बच्ची से मिलना बंद कर दिया... १५ दिन बाद प्रबंधको ने बतायब उनकी बच्ची इन्क्युबेटर के लैम्प के गिर जाने के कारन जल गयी...
बच्ची के उपर लैम्प गिर जाने के कारन उसके दाए हिस्से और हाथ गंभीर रूप से जल गए...अस्पताल प्रबंधन पूरे १५ दिनों तक मूकदर्शक बना रहा..अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आलम देखिये...माँ बाप से बिना पूछे उन्होंने नन्ही मासूम आरूषी के हाथ की २ उंगलिया भी काट डाली...इसके बाद माता पिता की भी २६ फरवरी की अस्पताल से बच्ची सहित छुट्टी करवा दी ...
इसके बाद आरूषी के परिजनों ने ११ मार्च को कमला नेहरु अस्पताल के खिलाफ कोहेफिजा थाणे में रिपोर्ट दर्ज करवा डी.... लेकिन पुलिस विभाग की लापरवाही का आलम भी देखिये आज तक आरूषी के परिजनों को न्याय नही दिला सके॥
लापरवाही का आलम इस घटना से बखूबी समझा जा सकता है...अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक नन्ही मासूम की जिन्दगी तबाह हो गयी...हालाँकि अभी उसका इलाज चल रहा है॥ लेकिन चिकित्सको का कहना है उसकी हालत तभी सही हो पाएगी जब वह बच्ची बड़ी हो जायेगी ....कम से कम १० साल बाद प्लास्टिक सर्जरी से उसका चेहरा एक आम आदमी जैसा हो पायेगा...
इस घटना को देखकर मेरा दिल बहुत द्रवित हो गया.... लेकिन क्या करे पत्रकारिता में ऐसे मौके आते रहते है... अपन का काम तो चलता रहता है...परिस्थितिया कैसी भी हो , पत्रकारिता तो करनी ही पड़ती है....
जैसे ही फ़ोन के द्वारा मुझे इस घटना की खबर मिली तो मैं अपने कैमरामेनको लेकर बच्ची के परिजनों के पास दौड़ा...पहले तो बच्ची के माता पिता कुछ बोलने को तैयार नही थे......माहौल ऐसा नही था की उनसे कैमरे के सामने कुछ बुलवा सकता... लेकिन क्या करे रिपोर्टिंग के दौरान कई मौके ऐसे आते है जब आपको माहौल के हिसाब से अपने को ढालना पड़ता है.....
मैंने भी समझ बूझ से बच्ची के माता पिता को बाईट देने पहले दिन राजी किया... पहले दिन जब अपनी खबर चैनल में चली तो उसके बाद अगले दिन सभी जगह यह खबर सुर्खिया बटोरने लगी...
अगले दिनबच्ची के माता पिता ने सहयोग दिया ... शायद उनको भी यह बात महसूस हो गयी ,मीडिया भी आरूषी के मामले को उठा रहा है जिसका फायदा उनको मिल रहा है... ह्यूमन राईट कमीशन की शुभ्रा पचौरी से अगले दिन अस्पताल में मेरी मुलाकात हो गयी... उन्होंने बाईट दी और कहा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा...
उन्होंने बच्ची के परिजनों की ख़राब हालत के मद्देनजर मुख्यमत्री से मांग रखी .... वह बच्ची का खर्चा उठाए.... अगले रोज सीं ऍम की पत्नी खुद जवाहर चौक के अस्पताल आरूषी का हाळ चाल जानने पहुची... उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया....
फिर अगले दिन मुख्य मत्री खुद अस्पताल पहुचे और आरूषी का इलाज सरकार द्वारा उठाने की बात कही......... ये मीडिया का असर था जब इस मामले में सरकार सचेत हो गयी..... जो भी हो ये घटना मेरे लिए यादगार रही....
आरूषी के पिता जी से कल अपनी बात हुई है... उन्होंने कहा आरूषी जल्द ठीक हो रही है...... प्लास्टिक सर्जरी तो १० साल बाद होगी..... लेकिन मुझे दुःख इस इस बात का है अभी तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हो पायी है....
शुभ्रा पचौरी मैडम से अपनी इस सम्बन्ध में बात हुई है उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया है..... देखना है परिजनों को न्याय मिलता है या नही?
सरकारी अस्पतालों में मरीजो की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ होना कोई नयी बात नही है..... यहाँ पर एक आम आदमी की तभी सुनी जाती है जब उसकी किसी बड़े अधिकारी से पकड़ हो.... सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले आना कोई नयी बात नही है...
भोपाल में एक बार फिर इस तरह की लापरवाही का नया मामला सामने आया है.... जहाँ एक इन्क्युबेटर में २ महीने की छोटी बच्ची आरूषी झुलस गयी....राजधानी में हमीदिया के कमला नेहरु अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आ गयी...
... इस नन्ही बच्ची ने अभी सही से उठना ,समझना, तक नही सीखा था की अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उसकी जिन्दगी पर भारी पड़ गयी... इन्क्युबेटर में यह बच्ची जिन्दगी और मौत से जूझ रही थी......शुक्र है ऊपर वाले का ये बच्ची सलामत है... अभी इसका इंदौर के बाम्बे अस्पताल में इलाज चल रहा है.....
गाडरवाडा निवासी इन्द्रपाल सिंह राजपूत की पत्नी प्रीती ने २३ जनवरी को एक निजी अस्पताल में आरूषी को जन्म दिया...ये बच्ची सादे सात माह में पैदा होने के कारन कमजोर थी इसी के चलते उसे कमला नेहरु अस्पताल रेफेर कर दिया गया...
पीलिया होने के कारन अस्पताल प्रबंधन ने इन्क्युबेटर में रख दिया...उसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों का बच्ची से मिलना बंद कर दिया... १५ दिन बाद प्रबंधको ने बतायब उनकी बच्ची इन्क्युबेटर के लैम्प के गिर जाने के कारन जल गयी...
बच्ची के उपर लैम्प गिर जाने के कारन उसके दाए हिस्से और हाथ गंभीर रूप से जल गए...अस्पताल प्रबंधन पूरे १५ दिनों तक मूकदर्शक बना रहा..अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आलम देखिये...माँ बाप से बिना पूछे उन्होंने नन्ही मासूम आरूषी के हाथ की २ उंगलिया भी काट डाली...इसके बाद माता पिता की भी २६ फरवरी की अस्पताल से बच्ची सहित छुट्टी करवा दी ...
इसके बाद आरूषी के परिजनों ने ११ मार्च को कमला नेहरु अस्पताल के खिलाफ कोहेफिजा थाणे में रिपोर्ट दर्ज करवा डी.... लेकिन पुलिस विभाग की लापरवाही का आलम भी देखिये आज तक आरूषी के परिजनों को न्याय नही दिला सके॥
लापरवाही का आलम इस घटना से बखूबी समझा जा सकता है...अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक नन्ही मासूम की जिन्दगी तबाह हो गयी...हालाँकि अभी उसका इलाज चल रहा है॥ लेकिन चिकित्सको का कहना है उसकी हालत तभी सही हो पाएगी जब वह बच्ची बड़ी हो जायेगी ....कम से कम १० साल बाद प्लास्टिक सर्जरी से उसका चेहरा एक आम आदमी जैसा हो पायेगा...
इस घटना को देखकर मेरा दिल बहुत द्रवित हो गया.... लेकिन क्या करे पत्रकारिता में ऐसे मौके आते रहते है... अपन का काम तो चलता रहता है...परिस्थितिया कैसी भी हो , पत्रकारिता तो करनी ही पड़ती है....
जैसे ही फ़ोन के द्वारा मुझे इस घटना की खबर मिली तो मैं अपने कैमरामेनको लेकर बच्ची के परिजनों के पास दौड़ा...पहले तो बच्ची के माता पिता कुछ बोलने को तैयार नही थे......माहौल ऐसा नही था की उनसे कैमरे के सामने कुछ बुलवा सकता... लेकिन क्या करे रिपोर्टिंग के दौरान कई मौके ऐसे आते है जब आपको माहौल के हिसाब से अपने को ढालना पड़ता है.....
मैंने भी समझ बूझ से बच्ची के माता पिता को बाईट देने पहले दिन राजी किया... पहले दिन जब अपनी खबर चैनल में चली तो उसके बाद अगले दिन सभी जगह यह खबर सुर्खिया बटोरने लगी...
अगले दिनबच्ची के माता पिता ने सहयोग दिया ... शायद उनको भी यह बात महसूस हो गयी ,मीडिया भी आरूषी के मामले को उठा रहा है जिसका फायदा उनको मिल रहा है... ह्यूमन राईट कमीशन की शुभ्रा पचौरी से अगले दिन अस्पताल में मेरी मुलाकात हो गयी... उन्होंने बाईट दी और कहा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा...
उन्होंने बच्ची के परिजनों की ख़राब हालत के मद्देनजर मुख्यमत्री से मांग रखी .... वह बच्ची का खर्चा उठाए.... अगले रोज सीं ऍम की पत्नी खुद जवाहर चौक के अस्पताल आरूषी का हाळ चाल जानने पहुची... उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया....
फिर अगले दिन मुख्य मत्री खुद अस्पताल पहुचे और आरूषी का इलाज सरकार द्वारा उठाने की बात कही......... ये मीडिया का असर था जब इस मामले में सरकार सचेत हो गयी..... जो भी हो ये घटना मेरे लिए यादगार रही....
आरूषी के पिता जी से कल अपनी बात हुई है... उन्होंने कहा आरूषी जल्द ठीक हो रही है...... प्लास्टिक सर्जरी तो १० साल बाद होगी..... लेकिन मुझे दुःख इस इस बात का है अभी तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हो पायी है....
शुभ्रा पचौरी मैडम से अपनी इस सम्बन्ध में बात हुई है उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया है..... देखना है परिजनों को न्याय मिलता है या नही?
Monday, 5 April 2010
अजब गजब ये भी खबर है.......................

लम्बे समय की ख़ामोशी के बाद आज से फिर से लेखन चालू हो गया है... अभी कुछ समय से बहुत बिजी चल रहा था सो अपना लेखन नियमित रूप से नही हो पा रहा था... आज से फिर से कोशिश कर रहा हू लिखना चालू रखू.... इस बीच कई लोगो से बातचीत हुई ... उन्होंने भी कहा कोई नयी पोस्ट पढने को नही मिल रही है आजकल..... इस कारण लिखना शुरू कर दिया है.........आपसे कुछ समय के लिए संवाद टूट गया... माफ़ी मांगता हू... छमाप्रार्थी हू..............
छितिज पांडे अपने जूनियर साथी है .... नयी दुनिया में इन दिनों काम सीख रहे है... परसों सुबह सुबह चाय पीते समय मुझसे हाल चाल जानने लगे... मैंने कहा आप ही सुनाये क्या चला रहा है नया ताजा... उन्होंने बताया सब सामान्य है..... उनसे जब प्रिंट की खबरों की टोह लेना शुरू किया तो उन्होंने मुझको यह फोटो दे दी... गौ माता के ये बछड़ा भी खबर है... बछड़े के चार कान है.... गौर से देखिये... छितिज पांडे के सौजन्य से यह दुर्लभ फोटो मिली है ... उनको भी धन्यवाद .... वे भी अपनी पांडे बिरादरी से आते है.........उनको यह तस्वीर राजगढ़ मध्य प्रदेश से मिली है..................
अब लिखना जारी रहेगा...... आपकी प्रतिक्रियाओ का इन्तजार रहेगा... अपनी रिपोर्टिंग के कई किस्सों पर चर्चा करनी है....
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