धोनी की कप्तानी रंग लाई
इंडिया ने कंगारू को सीरीज़ २-० से हराई
साथ में आईसीसी रंकिंग में
नम्बर २ की चालान्ग लगाई
इंग्लैंड के मैच से पहले
यह जीत है सुखदायी
खेल की हर परीक्षा में
तुम पास हुए हो माही
आब तो टेस्ट की कप्तानी भी
तुम्हारी झोली मेंआयी
२०-२०, १ डे , टेस्ट
तीनो फॉर्मेट मेंतुम्हारी बोली बोलेगी
युवा सितारू से सजी यौंग इंडिया
तुम्हारी आगवानी में विरोधी टीम का मान मर्दन करेगी
"टीम इंडिया की कप्तानी का ताज पाना
वैसे तो काँटों से भरा है
पर तुमने चुनोतियू से लड़ना जो सीखा है
"दादा और "जम्बू " के जोश को
याद रखना हर मैच में माहि
वर्ल्ड कप जीत लाना है तुम्हे
तुमको मिल सकेगी तभी हर
क्रिकेट प्रेमी की बधाई
जनसरोकारों से दूर होती पत्रकारिता
प्रेस को लोकतत्र का चौथा महत्तवपूर्ण स्तम्भ कहा जाता है विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका तीनो के साथ मिलकर यह तीसरा स्तंभ न केवल डेमोक्रेसी का महत्तवपूर्ण अंग है, वरन तीनो को सचेत करने का माध्यम भी है भारतीय संविधान में १९अ अनुछेद विचार और अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता देता है वर्त्तमान दौर में प्रेस एक ऐसा माध्यम है , एक ऐसा सेतु है जो एक देश को विश्व से जोड़ने का काम करता है यह अन्याय, शोसन के विरोध का एक ससक्त माध्यम है अकबर इल्लाह्बादी ने फ़रमाया है ---
इंडिया ने कंगारू को सीरीज़ २-० से हराई
साथ में आईसीसी रंकिंग में
नम्बर २ की चालान्ग लगाई
इंग्लैंड के मैच से पहले
यह जीत है सुखदायी
खेल की हर परीक्षा में
तुम पास हुए हो माही
आब तो टेस्ट की कप्तानी भी
तुम्हारी झोली मेंआयी
२०-२०, १ डे , टेस्ट
तीनो फॉर्मेट मेंतुम्हारी बोली बोलेगी
युवा सितारू से सजी यौंग इंडिया
तुम्हारी आगवानी में विरोधी टीम का मान मर्दन करेगी
"टीम इंडिया की कप्तानी का ताज पाना
वैसे तो काँटों से भरा है
पर तुमने चुनोतियू से लड़ना जो सीखा है
"दादा और "जम्बू " के जोश को
याद रखना हर मैच में माहि
वर्ल्ड कप जीत लाना है तुम्हे
तुमको मिल सकेगी तभी हर
क्रिकेट प्रेमी की बधाई
जनसरोकारों से दूर होती पत्रकारिता
प्रेस को लोकतत्र का चौथा महत्तवपूर्ण स्तम्भ कहा जाता है विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका तीनो के साथ मिलकर यह तीसरा स्तंभ न केवल डेमोक्रेसी का महत्तवपूर्ण अंग है, वरन तीनो को सचेत करने का माध्यम भी है भारतीय संविधान में १९अ अनुछेद विचार और अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता देता है वर्त्तमान दौर में प्रेस एक ऐसा माध्यम है , एक ऐसा सेतु है जो एक देश को विश्व से जोड़ने का काम करता है यह अन्याय, शोसन के विरोध का एक ससक्त माध्यम है अकबर इल्लाह्बादी ने फ़रमाया है ---
"खीचो न कमान को,न तलवार निकालो
जब तोप मुकाबिल हो तो अख़बार निकालो "
पत्रकारिता मानव जीवन का महत्तवपूर्ण उद्येस्य है यह मानव जीवन की वह आधारशिला है जो चिंतन और मनन के साथ लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है ऐसा समर्पण जो समाज और रास्त्र को निष्काम रूप से सेवा करने की सीख देती है इसे किसी कवि के द्वारा बड़ी सुंदर ढंग से कहा गया है
"जल जा परायी आग में परवाना कह गया
कितने पते की बात , बोलती कलम का दीवाना कह गया "
देश में पत्रकारिता का चलन चलता आ रहा है १८७० के आसपास राजा राम मोहन राय ने पेपर निकालकर अंग्रेजो की चूले हिला दी थी देश को विदेसियों से मुक्त कराने के उद्येस्य से कई पत्रकारों ने अपनी कलम की धार के आगे किसी को टिकने नही दिया यहाँ तक की धन बल भी उनको उनके लक्ष्य से नही भटका सका तभी वह राय बेबाकी से रख पाए
आज़ादी के बाद परिस्थितिया बदल गयी जहा पहले की पत्रकारिता एक मिशन थी वहां अब बड़े घरानों का आगमन हो चुका है बाज़ार का ग्रहण लग गया है कोई भी चीज़ ऐसे नही जो बाज़ार से अचुह्ती हो हर जगह बाज़ार की माया है २४*७ के व्यस्त लाइफ ने लोगो की भावना मिटा दी है रिहायसी इलाके में कोई मासूम युवक पीटा जाता है और मर जाता है , तो कोई भी उसकी सुध नही लेता यहाँ तक की मीडिया में यह ख़बर महत्वपूरण नही बन पाती जितने ऐश्वर्या और अभिषेक की शादी या राखी सावंत की होती है टीवी पर अब बाजारवाद का असर देखा जा सकता है धारावी चेत्र में लगी सबसे अधिक १८००० मशीन बताती है कौन सा चैनल अधिक देखा जा रहा है चैनल १ नापने का यह ग़लत तरीका है देश के ४ बड़े शहर में मशीन लगाकर आप यह नही बता सकते की स्टार चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा
सबसे तेज बताने का यह ग़लत तरीका है सभी चैनल का धारावी में देश का लोअर क्लास रहता है उसके पास मनोरंजन का कोई साधन नही है जिस कारन से वह राखी सावंत को देखकर अपना मनोरंजन करता है अब राखी यदि बाघ संरक्सन प्रोजेक्ट में बाघिन का रूप लेकर पिजरे में नाचे या गाना गायें यह ख़बर तो लीड होगी ही जिस कारन चैनल नम्बर १ बन जायेंगे जब धारावी में लग रही मशीन उनको 1२ ३ ४ बना रहे है तो उनको कही और राज्य में जाने की जरूरत क्या है भूत पिसाच नाग नागिन का
सिलसिला चल पड़ता है अम्बानी का घर ख़बर बनता है , ग्रेट खली कितना पैसा बना रहा ख़बर किसी चैनल में नही आती है किसान विदर्भ में आत्महत्या करते है और मर जाते है लेकिन इस पर चैनल धयान नही देते है धयान तब जाता है जब मनमोहन विदर्भ की यात्रा करते है और उस समय उनके साथ ५ पत्रकार वह जाते है सेष सभी दिल्ली में फैशन शो कवर करते है टेलिविज़न मीडिया अब सिनेमा और क्रिकेट और हसी के रसगुल्लों पर फोकस कर रहा है जो सही नही है समाज के अन्तिम कोने पर खड़े लोग की तस्वीर वह अपने चैनल में नही उतार पा रहा है आज हमारा प्रिंट मीडिया भी इस बीमारी से अछुता नही हैउनमे ख़बर कमविज्ञापन ज्यादा आने लगे है ज्न्पक्च के लिए कोई जगह नही बची है विज्ञापन पहले का मंत्र होने के कारन कई बार अच्छी ख़बर के पर क़तर दिए जाते है
विज्ञापनों के चलते बड़े घराने मोटी खपत कर रहे है वही छोटे समाचार पत्र दम तोड़ते दिख रहे है बड़े घराने के मोटे पन्नो के अंक निकल रहे है वही छोटे अख़बार कागज के लिए तरस रहे है अगर यही रहा तो वह दिन दूर नही जब यह मिट जायेंगे दिवाली में उत्तराँचल में एक ५० साल से प्रकासन में लगे एक प्रेस मालिक ने बताया हर्ष तुमारा कहा सही है सरकार छोटे पेपर को ख़तम करना चाहती है जबकी चेत्रिय पत्रकारिता में कई संभावना है हाँ यह एक अलग बात है वह काम करने वालो को मालिक नही पूछता
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