Tuesday 18 November 2008

मध्य प्रदेश का दंगल (भाग१)

......... मध्य प्रदेश का दंगल शुरू हो गया है........ अपनी बोलती कलम भी अब इस पर जमकर बोलेगी ..... चुनाव स्पेशल के इस महासंग्राम में पल पल के बदलते हालात से सीधे हम आपको रूबरू करवाएंगे..... बस दिल थाम कर बैठ जाए ...... चुनाव का दंगल शुरूहो गया है सो हम भी तैयार है आप तक ....... सीधे संग्राम का आँखों देखा हाल बतियाने के लिए ........
कल रात की ही बात है अपने जनकपुरी में रहने वाले बड़े भइया से अपनेफ़ोन पर बात हो रही थी.... वह चुनाव में खासी दिलचस्पी लेते रहे है मेरे से पूछ रहे थे ऊट किस करवट बैठ रहा है ?अबकी चुनाव में....? आप कहोगे वह यह सब मुज्से क्यों पूछ रहे थे? अब यह भी बताते चले अपने स्टेट के विधान सभा के चुनाव के कई स्टोरी मै कर चुका हूँ ......... चुनाव में अपनी भी खासी दिलचस्पी हैऔर अपना काम ख़बर बनाना , जनता तक सही बात को पहुचाना .... वह मुजसे हाल पता करते रहते है एक बार विधान सभा के चुनाव में मेरे यहाँ कांग्रेस की ओर से कोई प्रत्यासी का नाम डिक्लेयर नही हो रहा तो उस समय मैंने एक नाम के बारे में ख़बर लगा दी की फलां का नाम १० जनपथ से पक्का है हुआ भी यही सब को पीछे छोड़ते हुए उसने टिकेट पा लिया तब से उनके साथी अपना गणित सही मानकर चलते है क्युकी पत्रकारों का आंकलन बताता है की फिजा रुख किस ओर है ?लिहाजा हम भी लगे है आप तक हालत बताने की कोसिसो में ब्लॉग पर कल से नज़र मारते रहना कल से सारी तस्वीर साफ होते जायेगी

अब आज पहले बात करते है मध्य प्रदेश की पिचले चुनाव की तरह यह भी मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी ओर कांग्रेस में होने जा रहा है बसपा , जनसक्ती पार्टी दोनों की हार जीत का अन्तर कम या ज्यादा करने में अपने महत्वपूरण भूमिका निभाएंगे 2003 .... बीजेपी ने उमा के मैजिक के सहारे १७३ सीट जीतकर कांग्रेस के "दिग्गी" राजा" के हाल बेहाल कर दिए थे लेकिन इस बार की स्थिते अलग है उमा ने अब अपने अलग पार्टी बना ली है .....उनके साथ बसपा का हाथी भी बीजेपी ओर कांग्रेस की मुसीबत रहा है up से लगे कई चेत्रो में यह अपना प्रभाव दिखा रहा है

बीजेपी के तारणहार भगवान "शिव" बने है वही उसकी नैया पार लगा सकते है कई दागी नेता को टिकेट दे दिया है उन्होंने अब फेसला जनता के हाथ में है वही तय करेगे कमल कीचड़ में फिर खिल रहा है या नही इससे आगे कल बात करेंगे वैसे ही मेरे "बोलती कलम के अमृत "हर्ष वचनों को वह नही पचा sakte है ओवर हो जाता है दिमाग से जल्दे निकल जाता है...........

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