"बोया पेड बबूल का आम कहाँ से होय " बचपन में हिन्दी की क्लास में गुरुजनूद्वारा पदाया जाने वाली यह उक्ती अनायास ही मेरे जेहन में आ रही है क्युकी मेरी बोलती कलम अपने ब्लॉग में पड़ोसी पाकितान की सूरतेहाल पर चल रही है आज के पाक कई हालातू को देख तरस आता है मुसल्मानू के लिए अलग "द्विरास्त्र सिद्धांत " का पर्तीपदन करने वाले जिनाह ने भी ऐसा सपने में नही सोचा होगा की वहा लोकतंत्र एक दिन खतरे की ज़द में आ जाएगा चौकने की बात नही किस्सागोई पाक की ही हो रही है
आज पाक के हालात दिन पर दिन बद से बद्तार होते जा रहे है मिया मुश् की विदाई के बाद जहा लोग एस बात के कयास लगा रहे थे की वहा नया सवेरा होगा लेकिन आज वहा अलग सा माहौल दिख रहा है ऐसे मे दिल में अगर यह विचार आ जाए वहा डेमोक्रेसी का क्या भविष्य है तो इसका जवाब यह होगा क्या वहा कभे यह सफल हो पाया है ? जब भी वहा सूरज की नयी किरण निकली है उस किरण के मार्ग मे मिलिटरी शासन ने दखल देकर उसको अपना लिबास ओड़ने को मजबूर कर दिया है
इंडियन फिलोसोफी में आचार्य रामानुज जैनेयू के स्यादवाद" की जमकर आलोचना करते है इस प्रसंग मे आज हम पाक की आलोचना करने जा रहे है वह कहा करते थे किसी पदार्थ मे "भावः" और "अभाव" दोनों साथ साथ नही रह सकते है इस तरह यदि हम यह चाहते हो की पाक के पदार्थ रुपी लोकतंत्र मे सेना और सरकार दोनों साथ साथ चलेंगे तो यह नेकास्मिन सम्भावात वाली बात होगी फिर ५० से लेकर आज तक जिस देश मे तानाशाह की भरमार रही है उसमे दोनों के साथ की उम्मीद बेमानी लगती है मुश् से पहले मिलिटरी रुलेर्स ने किस तरह रिमोट को चलाया और उनका क्या हस्र हुआ हम सब यह जानते है लेकिन पाक की हिस्ट्री में एक नाम सबसे भाग्यशाली रहा है वह कोई और नही मिया मुश् है ९ साल उन्होंने पाक मे किस तरह काम किया उसकी मिसाल आज तक वहा के अवाम को देखने को नही मिले है १२ अक्टूबर को मुश् ने नवाज का तख्ता पलट दिया औअर प्रेजिडेंट की पोस्ट अपने नियंतरण में ले लीपरवेज की सही चाल का आकलन कर पाने मे नवाज विफल साबित हुए जिसका खुलासा उन्होंने कुछ वर्ष पहले "इंडिया टुडे " मे किया नवाज ने इसमे कहा की मुश् ने कारगिल की योजना कब बनाई जिसका पता मे नही लगा सका देखा जाई तो मुश् ने कारगिल की ज़ंग खेल नवाज के पीट मे चूरा भोंका कारगिल मे हार मिलने के बाद पाक को आपने स्टाइल में चलाने के फेर मे उन्हने नवाज की छुट्टी करवा दी जिसके बाद वह अपने सरजमी से बेदखाल कर दिए गए इस तरह ९९ मे मुश् का पहला अवतार तानाशाह के रूप मे हुआ दूसरा अवतार सनिक वर्दी उतरने के बाद प्रेजिडेंट की कुर्सी से चिपके रहने के रूप मे देखा जा सकता है सत्ता का स्वाद कितना मजेदार होता है यह हम सब मुश् से सीख सकते है सेनिक वर्दी उतरने के बाद वहा के सुप्रीम पोस्ट पर विराजमान होना इस बात को पुस्त करता है
जिस दौर मे मुश् ने नवाज से सताह हतियाई उस समय की स्थितिया अलग थी भारत के पोकरान की पर्तिक्रिया मे पाक ने गौरी का परिकचान कर डाला उसको पाक की खस्ता हाल अर्थव्यवस्ता का तनिक भी आभास नही हुआ भारत ने तो वर्ल्ड के सरे पर्तिबंधो को झेल लिया लेकिन पाक के लिए यह सब कर पाना मुस्किल था लेकिन फिर भी मुश् ने चैलेन्ज को सुविकार किया औअर जैसे तैसे २ बरस पाक की गद्दी पत्री मे बनाई राखी २००१ मुश् के लिए नए सौगात लेकर आया ११ sep को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर मे हमला हो गया जिसकी जिम्मेदारी ओसामा ने ली इसमे अमेरिका के बहुत नागरिक मरे बेगुनाह पब्लिक की मौत का बदला लेनेऔर वर्ल्ड से आतंकवाद समाप्त करने के संकल्प के साथ अमेरिका ने ओसामा के संगटन को पर्तिबंधित संगटन सूची मे दाल दिया उसके खिलाफ आर पार की लड़ाए लड़ने की ताह्नी अमेरिका केसमाप्त तेर्रोर पूर्ति मे पाक उसका हम दम साथी बन गया यह बात पाक की जनता के गले नही उतारी की मुश् अमेरिका का साथ देकर क्या साबित करना चाह रहे है? पर जनता को क्या मालूम मुश् पाक की अर्थव्यवस्ता के संकटमोचक बन उभर रहे है आतंकवाद के खात्मे के नाम पर पाक सरकार को मुश् के कारन अरबू रुप्यी की मदद मिलने सुरू हुए पाक के लिए इसने टोनिक का काम सुरू किया जिस कारन विकास के मोर्चे पर हिचकोले खा रहे वहा की व्यवस्ता मे नए जान आयी अमेरिका ने पाक से कहा लादेन हर हाल मे चाहिए चाहे जिन्दा या मुर्दा ? लेकिन मुश् के होसियारी से फूक फूक कर कदम रखा तेर्रोर अभियान शुरू होने से पहले तक अफगानिस्तान में तालिबान की टूटी बोला करती थी ओसामा के चेलू ने एस पूरे इलाके मे अपना अधिपत्य का यम् कर रखा था\ मुश् द्वारा अमेरिका को मदद किए जाने के डिसीजन को ओसामा के सुप्पोर्टर तक नही पचा पा रहे थे लेकिन उनको क्या पता मुश्अपनेएस कदम से एक तीर से २ निशाने खेल रहे है हुआ भी ऐसा ही ९\११ के बाद मुश् के अमेरिका के पैसो से अपने सूबा सरहद की सेहत मजबूत की आतंकवाद समाप्त करना तो दूर मुश् उनके सुप्पोर्टर बने रहे अमेरिका के सेनिक जब अफगान इलाके पर हमला करते तो पाक सरकार के भेदिये अटैक जानकारी उनको हर दम पंहुचा देते थे जिस कारन वह हर दिन अपना नया घर खोजतेरहते अमेरिका के सेनिको को चकमा देकर यह लडके पाक के अन्दर छिपे रहते ऐसी सूरत मे एन को पकड़ पाना मुस्किल होता जा रहा था चित भी मेरी पात भी मेरी फोर्मुले के सहारे मुश् ने पाक मे जमकर लुफ्त उठाया बेनजीर और नवाज के बाद वहा कोई एसा नेता नही बचा जो उनका बाल बका कर सके लेकिन किसे ने सही फार माया है यह पब्लिक सब जानती है अमेरिका से अत्यधिक निकटता जनता को रास नही आए और उनसे भी मोहभंग हो गया पर मुश् जनता को यह दिलासा देते रहे की वह पाक मे जल्द लोकतंत्र लाने जा रहे है judiciary यह सब tamasa देख रहे थी chaudhari ने कहा मुश् यह सब सही नही कर रहे है अपने virodh मे बन nnरहे माहौल को देख मुश् की gaj chaudharee पर ही गिरी एस action से मुश् को kirkiri jhelne पड़े dabav के madenajar chaudhari फिर से bahal किए गए पाक मे khusi की लहर दौड़ गए nazarband chaudharee aab khule हवा मे साँस ले सकते ठे लेकिन मुश् कह achup betane wale ठे उन्होंने अपने tarkash से हर teer निकला अपने कुर्सी बचने के phair में bhutto से samjhota कर dala जिसके स्क्रिप्ट america ने लिखे november मे apatkal lagne के darmiyaan फिर nisane पर judge chaudharee आ गए auar उनको bahal नही किया गया २७ december २००८ को bhutto की मौत के बाद पाक मे मुश् को हटाने की mangh parvaan chadne लगी bhutto की मौत के piche betaullah masood के भी taar जोड़े गए लेकिन eska khandan आने के बाद mamla gambheer बन गया पाक की एक पूर्व pm की guthii pahele बन गए भरी dabav के चलते मुश् को england से scotland yard के dastoo को bulana पड़ा parantoo वह भी बिना किसी niskarsh पर pahuche back to pavellion लौट गया usa मुश् की neetiyo से naraj था सो mazadhaar मे उनको akele छोड़ दिया awam का dabav to था ही aab bush भी मुश् के virodhi हो गए last मे मुश् को chunav karvane हे पड़ा feburary के election में मुश् की पार्टी की हार हो गए auar उनका sinhasaan dolne लगा electon में bhutto की ppp satta मे आ गए jardari ने nawaj की pml{न} से pact कर सरकार bana ले abhee भी ppp का pm होने के बाद पाक मे democracy नही आ payee है bhutto की मौत ने nawaj को jardari से हाथ milane को मजबूर कर दिया nawaj की मैं mang ठे की किसी भी तरह से मुश् को हटाया जाए साथ हे judiciary independent हो वह iftikar की फिर से bahali चाहते है parntoo kafi kheechtaan के बाद दोनों दल मुश् के khilaf mahabhiyog लेन पर sahamat हुए geedar की जब मौत आती है to वह sahar की auar bhagata है मुश् को जब यह lagne लगा की उनका aab कोई madadagar नही है to उन्होंने अपने पड़ से जल्द विदाई ले lee
nawaj की यह pahle जीत ठे लेकिन iftikar की bahalee न होने का sawal आज उनको मन ही मन kacot रहा है आज आलम यह है की ministors के esteephee के बाद उनको jardari को bahar से support देना पड़ रहा हैके alava उनके pas कोई चारा नही bacha है abhee उनकी kosis है की पाक मे pml{न} के लिए माहौल बनाया जाए lihaza वह jameen tyar करने मे jute है बीते महीने उन्होंने rastrapati पड़ पर अपने candidate को utakar नया card खेला है halankee jardari ७०% मत से जीत गए लेकिन nawaj janta में eske बहने iftikar के pakch मे sympathy dikkana chahate thewe jardari कुर्सी panne के बाद aab बदले बदले नज़र आ रहे है उन्होंने nawaj auar उनके young brother shahabaj के porane मामले खोलने का मन बनाया है jardari नही chahate की की मुश् पर बदले की bhawana से कोई action लिया jayee क्युकी उनके khilaf corruption के mamloo को end करने मे मुश् की bhoomika रहे है जिसके लिए वह उनके taumra abhari रहेंगे...........
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