Thursday 13 November 2008

बोया पेड बबूल का आं कहा से होय ....... { भाग २}

मुश् की विदाई कई बाद पाक में बड़ी अराजकता हो गयी है कट्टर पन्थियू को यह रास नही आ रहा की अमेरिका की फौज पाक की सीमा मे घुसकर उनको अपने निशाने पर ले यही कारण है के पाक सरकार का अमेरिख झुकाव उसको नही सुहा रहा है ईट का जवाब पत्थर से दिया जा रहा है पाक मे आए दिन बम विस्फोट हो रहे है मुश् के जाने के बाद डेरा इस्माईल खान और आयुध कारखाने मे बड़े विस्फोट हुए है यही नही अमेरिका के कई मानवरहित विमान पाक मे डेरा डाले रहे जिसमे पाक के बेगुनाह नागरिक हलाक हुए कट्टर पंथियों के हाथ दिनों दिन मजबूत होते जा रहे है अभी कुछ माह पूर्व वहा का आलीसान मेरियट होटल अनंकियो के निशाने पर था इस हमले मे कई लोग हलाक हुएकार्यवाही अमेरिका को को यह बताने के लिए की गयी पाक की सीमा का उल्लंघन किए जाने पर माकूल जवाब दिया जाएगा सदाम की फासी होने और फिर इराक पर कब्जा ज़माने के बाद से अमेरिका कट्टाrपंथियों की आँखों में खटक रहा है यही कारण है इस वर्ष वहा पर इराक जैसे कई भीषण हमले हो चुके है बेनजीर तो अतंक्वादीयो के हम्लू के भेट चढ़ चुकी है अब वहा के गिलानी साहब भी इसके एक बार सिकार हो चुके है संयोग से वह इसमेबाळ बाळ बच निकले आज पाक मे कानून नाम केकोई चीज नही रह गयी है कोई भी कभी वहा अन्तंकवादियो के भेट चढ़ सकता है सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात होने के बावजूद वहा कोई भी घुसपैट कर सकता है यह पाक के भविष्य के लिए असुभा संकेत है सरकार होने के बाद भी वहा पर सेना की राह अलग दिख रही है वह यह नही चाहते किसी सूरत पर पाक के अन्दर अमेरिका की सेनाये जाए जहाँ पर कट्टर लोग छिपे है लेकिन बुश का फरमान मानने को सेना को मजबूर होना पड़ रहा है सरकार और पाक के सेना दोनों अभी तक यह तय नही कर पा रहे है की किसका साथ दिया जाए? यहाँ आपको यह बता दे की पाक मे बुश ने सेना को हमले करने की अनुमती दे डाली है फिर इसके लिए चाहे उनको पाक के सीमा के अन्दर ही क्यों न घुसना पड़े









































अपने मिस्टर १०% कहे जाने वाले जरदारी यह तय नही कर पा रहे है की मुश् के जाने के बाद वह किस तरह अपने कदम चलें पाक की इकोनोमी इस समय इस समय खस्ता हाल मे चल रही है, इन्फ्लेशन, विदेश नीती जैसे कई मोर्चे पर उसको कई समस्याओ को झेलना पड़ सकता है अमेरिका के खिलाफ आवाम में बन रहे असंतोष को दरकिनार कर पाना जरदारी के लिए मुस्किल नही होगा ईसी कारन अमेरिका मे बुश से मिल कर अपना दुखडा रोये की हमारे सीमा के अन्दर तो मत घुसो बुश ने आसिफ को इस पर आश्वाशन ही दिए है क्युकी वह वहा सेना और सरकार के बीच खाई को देख रहे है और अब तो अमेरिका मे बराक ओबामा का उदय हो गया है शायद वह वहा और हमले तेज कर सकते है पाक के बैंक डूबने के कगार पर खड़े है अगर अमेरिका या किसी और देश ने मदद नही की तो पाक दिवालिया हो जाएगा इस सूरत में पाक किस और जाएगा यह कह पाना मुस्किल है लेकिन ओबामा के आने के बाद शायद वह यह भी देखे क्या वहा भेजे जा रही अमेरिका की मदद का सही उपयोग हो रहा है या नही
जो भी हो आज पाक में कट्टर पंथियों ने उसके नाक में दम किया है\ कभी यह लडाके कश्मीर मे लड़ाई लड़ते थे जिनको अपने मुश् साहब " स्वतंत्रता सेनानी " कहा करते थे \ आज यही उनके देश में उत्पाद मचा रहे है अब तो पानी भी सर से उपर बह चुका है आने वाले दिनों में वहा आतंकी कार्यवाही बदने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता क्युकी वहां का आतंकवाद आज नासूर बन चुका है>>>>>>.................. {पूरा हुआ }

No comments: