उमा और गोविंदा के जुगलबंदी ऑफर की देश में इन दिनों जोर शोर से चर्चा हो रही है ... आज सोचा था राजस्थान के दंगल का जाएगा लेंगे..... लेकिन क्या करे उमा गोविंदा के जुगलबंदी ऑफर की याद आ गयी ... और मैं चाहकर भी नही रुक पाया .... लिखने से....
उपर की जा रही बातें आप को अटपटी लग रही होंगी... आप भी सोच रहे होंगे यह कौन से गोविंदा की बात कर रहा है... यहाँ पर आपको बताते चलू यह न तो फिल्मो वाले गोविंदा है , और न ही यह गोपियो और राधा वाले गोविंदा भगवान् कृष्ण है......
हम बात कर रहे है ॥ मध्य प्रदेश वाली उमा और गोविंदा की.....जनसक्ती पार्टी में नया जुगलबंदी ऑफर आ गया है.... लंबे समय भारतीय जनता पार्टी में रहे गोविन्दाचार्य ने अब उमा का दामन थाम लिया है मध्य प्रदेश के चुनावो से ठीक पहले उमा ने उनको पार्टी में रिमोट दे दिया है.... अब पार्टी का बटन उनके हाथ में रहेगा.... सियासी मोर्चाबंदी शुरू हो गयी है॥ पिचले कुछ समय से बीजेपी की कार्य प्रणालियों से गोविन्दाचार्य आजिज आ चुके थे और हासिये पर थे॥ इस दौर से पहले उन्होंने रास्ट्रीय स्वाभिमान आन्दोलन नाम से एक मोर्चे का निर्माण किया था......लेकिन किसी समय राजनीती से सन्यास लेने की बात दोहराने वाले गोविन्द अब मध्य प्रदेश में जन जन तक "नगाडे " की धुन उमा के साथ बजायेंगे.... २ दिन पहले उन्होंने प्रेस में इस बात को कहा ... वह बोले भारतीय जनसक्ती पार्टी और रास्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में वही रिश्ता रहेगा जो बीजेपी के साथ रहा है.... मतलब ... संघ से नजदीकी बनेगी ..... बीजेपी से....दोस्ती से .... तौबा .... न ... बाबा .... न..... वैसे ही उमा बीजेपी को लपेटती रही है.....राम रोटी का सवाल है... जिसको लेकर उमा ने पार्टी से बगावत कर दी थी......
संघ की तरह अब उमा की पार्टी के सर संघ चालक "गोविंदा " होंगे.....८ साल के सन्यास के बाद वह फिर से राजनीती के मैदान में बैटिंग करने को बेताब ... है.... वैसे उमा उनको कुशल मेनेजर मानते है॥ उनकी माने तो आज बीजेपी को आकाश की उचाईयो तक पहुचने में गोविन्द दादा का बड़ा योगदान है...अतः उमा को आस है उनकी पार्टी मध्य प्रदेश में उनके आने से मजबूत होगी.... वैसे भी उमा की पार्टी में कोई दम नही रह है... पिचले कई चुनाव में हम उनका प्रदर्शन देख चुके है.... खाता ही नही खुल पाया था उनका .....लेकिन फिर भी लगी थी बीजेपी को सबक सिखाने की तैयारी में.... पर नतीजा सिफर ही रहा .....
सो अब नया कार्ड .... गोविंदा आ गए है साथ में.... आशा है पार्टी अपने मध्य प्रदेश में एस चुनाव में खता जरूर खोलेगी.... कम से कम १ दर्जन सीट तो लायेगी..... और बीजेपी का खेल ख़राब करेगी....
खैर देखते है उमा गोविंदा का यह जुगलबंदी ऑफर २७ नवम्बर को म्प में नगाडे की स्थिती को कितना मजबूत करता है.....?
आज बात यही पर समाप्त करते है... कल बात करेंगे ..... राजस्थान के दंगल की...... आप से निवेदन है...... आपने राय से मुझको अवगत जरूर करवाए........
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